वनतारा की कहानी: कैसे अनंत अंबानी का प्रोजेक्ट बना जंगली जानवरों का आशियाना

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Last Updated:March 04, 2025, 14:52 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जामनगर के वनतारा का दौरा किया और जानवरों के साथ समय बिताया. वनतारा अनंत अंबानी का प्रोजेक्ट है, जो घायल और संकटग्रस्त जानवरों की देखभाल करता है.

 कैसे अनंत अंबानी का प्रोजेक्ट बना जंगली जानवरों का आशियाना

वांतारा की कहानी, जिसकी शुरुआत अनंत अंबानी ने की

हाइलाइट्स

पीएम मोदी ने जामनगर के वनतारा सेंटर का दौरा किया.मोदी ने जानवरों के साथ दिलचस्प पल बिताए.वनतारा सेंटर अनंत अंबानी का प्रोजेक्ट है.

जामनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जामनगर के वनतारा का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने इस विशाल फैसिलिटी को बहुत करीब से देखा. यहां जानवरों को दी जा रही आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का भी जायजा लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने यहां रह रहे जानवरों के साथ दिल को छू लेने वाले पल बिताए. प्रधानमंत्री मोदी ने एशियाई शेर के बच्चों, दुर्लभ क्लाउडेड लेपर्ड के बच्चे और एक सफेद शेर के बच्चे के साथ खेला और उन्हें खाना खिलाया. सफेद शेर का बच्चा वनतारा में ही पैदा हुआ था. उसकी मां को रेस्क्यू करके यहां लाया गया था. पीएम मोदी ने वनतारा सेंटर में चल रहे कैराकल ब्रीडिंग प्रोग्राम के बारे में भी जानकारी ली. यह प्रोग्राम इस दुर्लभ प्रजाति को बचाने के लिहाज से बेहद अहम है.

यहां उन्होंने रेस्क्यू किए गए चिम्पैंजी के साथ प्यार भरे पल बिताए. नटखट ओरांगुटान के साथ खेले. पानी में डूबे हुए दरियाई घोड़े और मगरमच्छ देखे. ओकापी को सहलाया. जेबरा के बीच सैर की. जिराफ को खाना खिलाया. इतना ही नहीं उन्होंने उस गैंडे के बच्चे को भी दूध पिलाया, जिसकी मां की मौत इसी सेंटर में हो गई थी. अब सवाल है कि आखिर वनतारा की कहानी क्या है, कैसे अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट जंगली जानवरों का आशियाना बन गया.

वांतारा की कहानी, जिसकी शुरुआत अनंत अंबानी ने की
फरवरी 2024 की बात है. जब एक जुनूनी प्रोजेक्ट ने भारत और विदेशों में घायल, प्रताड़ित और संकटग्रस्त जानवरों को बचाने, उनका इलाज करने, देखभाल करने और उनका पुनर्वास करने की सबसे बड़ी पहल का रूप ले लिया. रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने जैसे ही अपने वनतारा (जंगल का तारा) प्रोग्राम को लॉन्च किया, सबकी निगाहें अनंत अंबानी पर टिक गईं. आरआईएल और रिलायंस फाउंडेशन के बोर्ड में डायरेक्टर अनंत अंबानी, जामनगर में रिलायंस के महत्वाकांक्षी रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस को भी आगे बढ़ा रहे हैं. 2035 तक रिलायंस को ‘नेट कार्बन जीरो’ कंपनी बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर है. उन्होंने ही इस पहल को अपने जुनून और नेतृत्व से आगे बढ़ाया और उसे हकीकत में बदला.

गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट में 3000 एकड़ में फैला वनतारा ग्लोबली कंजर्वेशन के प्रयासों में सबसे आगे रहना चाहता है. जानवरों की देखभाल और उनके कल्याण के जानकारों के साथ मिलकर वनतारा ने 3,000 एकड़ में फैले इलाके को जंगल जैसा बना दिया है. यह हूबहू उनके नैचुरल घर जैसा है, हरा-भरा है. यहां लाए गए जानवरों के लिए बेहतरीन महौल तैयार किया गया है.

वनतारा का फोकस अपने कार्यक्रमों के तहत अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवा, अस्पताल, अनुसंधान और शैक्षणिक केंद्रों समेत पशु संरक्षण और देखभाल के क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियां विकसित करने पर है. वनतारा अपने कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संगठनों के साथ उन्नत अनुसंधान और सहयोग को एकीकृत करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है.

पिछले कुछ सालों में इस प्रोग्राम ने 200 से अधिक हाथियों और हजारों दूसरे जानवरों, रेंगने वाले जीवों और पंछियों को खतरनाक परिस्थितियों से बचाया है. इसने गैंडे, तेंदुए और मगरमच्छ के पुनर्वास समेत कई महत्वपूर्ण प्रजातियों के लिए पहल की है.

CNN-News18 से बात करते हुए अनंत अंबानी ने बताया था कि कैसे उनकी मां नीता अंबानी इस प्रोजेक्ट के पीछे एक बड़ी प्रेरणा रहीं. उन्होंने कहा, ‘मेरी मां हमेशा से मेरे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा रही हैं. मैं जब छोटा था तो हम (मेरी मां और मैं) जयपुर से रणथंभौर जा रहे थे. मैं उस समय शायद 12 साल का था. रास्ते में हमें बहुत तेज धूप में एक महावत के साथ एक छोटा सा हाथी दिखाई दिया. वो हाथी थोड़ा अजीब तरह से चल रहा था.’

‘मैंने अपनी मां से कहा, हमें इसे बचाना है. तो वो हमारा पहला हाथी था. और हमें हाथियों की देखभाल करनी ही नहीं आती थी. लेकिन हमने हाथी को रख लिया. और फिर सोचा, धीरे-धीरे सब सीख लेंगे. बूंद-बूंद से सागर बनता है. उस समय तो हमें ये भी नहीं पता था कि हाथी को खिलाते क्या हैं. हम वही करते थे जो ‘महावत’ कहता था. हमें कोई वैज्ञानिक ज्ञान नहीं था. मुझे लगता है एक दशक या उससे भी अधिक समय में हमने वैज्ञानिक ज्ञान हासिल किया. आज हमारे पास एक बहुत ही पेशेवर टीम है, 300-400 से अधिक पेशेवर लोग हैं, जो हाथियों की देखभाल करते हैं.”

वनतारा के पीछे के विचार को साझा करते हुए अनंत अंबानी ने कहा, ‘जानवरों का कल्याण एक ऐसा काम है जो मुझे प्रेरित करता है. बहुत से लोग हैं जो (मानव कल्याण के लिए) काम कर रहे हैं, लेकिन जानवरों के कल्याण के लिए बहुत कम लोग काम कर रहे हैं. मुझे लगता है कि मुझे इसके लिए चुना गया था और मैं भाग्यशाली था कि भगवान की कृपा से… मैं जानवरों की सेवा कर सका. मेरे लिए, आज के जीवन में आप भगवान को नहीं देख सकते, लेकिन मैं हर जानवर के भीतर भगवान को देखता हूं. हमारे धर्म में कहा गया है कि एक गाय में 64 करोड़ ‘देवता’ होते हैं. लेकिन मेरे लिए न केवल गाय में बल्कि मैं हर जानवर में भगवान को देखता हूं. इस तरह से समाज को मेरा एक छोटा सा योगदान है.

वनतारा सेंटर में अस्पताल और चिकित्सा अनुसंधान केंद्र के लिए 1 लाख वर्ग फुट का क्षेत्र है. अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में आईसीयू, एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, डेंटल स्केलर, लिथोट्रिप्सी, डायलिसिस, OR1 तकनीक जैसी सबसे उन्नत तकनीकें मौजूद हैं. OR1 तकनीक सर्जरी के लिए लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंस और रक्त प्लाज्मा सेपरेटर को सक्षम बनाती है. 43 प्रजातियों के 2,000 से अधिक जानवर इस वनतारा सेंटर की देखरेख में हैं. भारतीय और विदेशी जानवरों की लगभग 7 लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए सेंटर ने संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू किए हैं. इसका उद्देश्य लुप्तप्राय प्रजातियों की आबादी को उनके मूल आवासों में फिर से बसाना और विलुप्त होने से बचाना है.

Location :

Jamnagar,Gujarat

First Published :

March 04, 2025, 14:34 IST

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