शी जिनपिंग ने अबतक नहीं दी जापानी पीएम ताकाइची को बधाई, दोनों आमने-सामने होंगे तो क्या होगा?

9 hours ago

Takaichi-Xi meeting: जापान और चीन के बीच दशकों पुराने तनाव के बीच जापान सरकार ने प्रधानमंत्री साने ताकाइची और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पहली मुलाकात का कार्यक्रम फिक्स होने की पुष्टि की है. जापानी विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों नेता जल्द दक्षिण कोरिया में अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक करेंगे. क्योडो न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबित ग्योंगजू में दो दिवसीय एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच होने जा रही ये द्विपक्षीय बैठक ताकाइची के हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद ऐसी पहली आपसी मुलाकात होगी.

रचनात्मक और स्थिर संबंधों पर फोकस

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस मीटिंग में तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद जापान-चीन के रणनीतिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर फोकस रहने की उम्मीद है. ये द्विपक्षीय बैठक ऐसे समय में हो रही है जब बीजिंग ताकाइची के प्रति एकदम सतर्क रवैया बनाए हुए है.

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हालिया विवाद

ऐतिहासिक और क्षेत्रीय मुद्दों पर लंबे समय से चले आ रहे विवाद, विशेष रूप से सेनकाकू द्वीप समूह के पास जापानी क्षेत्रीय जल में चीनी तटरक्षक जहाजों द्वारा बार-बार घुसपैठ, जिस पर चीन दावा करता है और जिसे दियाओयू कहता है. जापानी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी के साथ हाल ही में फोन पर बातचीत के दौरान, वरिष्ठ चीनी राजनयिक वांग यी ने चेतावनी दी कि इतिहास और ताइवान से जुड़े मुद्दे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और बुनियादी विश्वास और आस्था की नींव से जुड़ा है.

तल्खी बरकरार

क्योदो न्यूज के पॉलिटिकल सोर्स के मुताबिक, बीजिंग की आपत्तियों का हवाला देते हुए, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने ताकाइची को उनकी नियुक्ति के बाद अबतक बधाई संदेश नहीं भेजा है. जबकि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा सहित अपने तीन पूर्ववर्तियों को भी इस तरह का संदेश दिया था. ताकाइची, जो अपने रूढ़िवादी रुख और पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की नीतियों के साथ तालमेल के लिए जानी जाती हैं. सेनकाकू द्वीप समूह के पास चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियों पर जापान की चिंताओं को उठाने और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के महत्व पर प्रकाश डालने की उम्मीद है.

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