Last Updated:September 14, 2025, 21:17 IST

नई दिल्ली. भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के मुरिदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) हेडक्वार्टर को तबाह कर दिया था, जिसे अब दोबारा पुनर्विकसित करने की जानकारी सामने आ रही है. इस बीच, विंग कमांडर (रिटायर) प्रफुल्ल बख्शी ने पाकिस्तान पर जुबानी हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आर्मी सारा काम आतंकियों से कराती है.
विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) प्रफुल्ल बख्शी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “पाकिस्तान की सरकार और आर्मी आतंकियों से अपने काम कराती है, जो पूरी तरह भारत के खिलाफ है. उन्होंने आतंकियों को सहारा दे रखा है. मुरीदके स्थित कैंप को पुनर्विकसित करने की जो बात सामने आ रही है, वह बिल्कुल सही है. भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को बर्बाद किया, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है. इसका एक बड़ा कारण यह है कि उन्हें बाहर से फंडिंग हो रही है. मेरा मानना है कि पाकिस्तान में ऐसा चलता रहेगा, भले ही हम कितनी भी कार्रवाई करके उसे नुकसान पहुंचा दें, लेकिन ये काम रुकने वाला नहीं है.”
उन्होंने आगे कहा, “आतंकवाद एक विचार है और अटैक से यह खत्म नहीं होता है. आतंकवाद तब खत्म होगा, जब पाकिस्तान उसको करने के लिए बाध्य हो जाए. ऐसा करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना पड़ेगा और इसकी शुरुआत पीओके लेने से शुरू करनी होगी. पीओके से ही आतंकी आते हैं और इसलिए पहले वहां मौजूद ठिकानों को तबाह किया जाए. इसके बाद उसको अपने नियंत्रण में लेने के प्रयास तेज करने होंगे.”
प्रफुल्ल बख्शी ने एससीओ शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा, “वहां असल मुद्दे पर बात नहीं हुई, सिर्फ यह कहा गया कि दो देशों को एक-दूसरे के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी बोलने को तैयार नहीं है और उसे इस्लामिक देशों का समर्थन प्राप्त है. पाकिस्तान को अमेरिका, चीन और तुर्किये का पूरा सपोर्ट है. भारत को इस बात से सीख लेनी चाहिए. पाकिस्तान की कमर तब तक नहीं टूटेगी, जब तक हमले होते नहीं रहेंगे. इसलिए हमें अपनी तरफ से उस पर लगातार हमले करने होंगे. यह मुद्दा तभी खत्म होगा, जब हम अपने राज्य को फिर से लेना शुरू करेंगे.”
उन्होंने आगे कहा, “भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जो कहता है कि हमें आतंकवाद को खत्म करना है. मेरा मानना है कि आतंकवाद आसानी से खत्म हो जाएगा, इसके लिए पहले हमें भारत में मौजूद उनके सपोर्ट को खत्म करना होगा.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 14, 2025, 21:17 IST