राजकोट: ट्रैफिक पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं के शिकारों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है. ट्रैफिक पुलिस ने एक विशेष हेल्प डेस्क शुरू की है. इस पहल का उद्देश्य हिट एंड रन मामलों में शिकारों को मुआवजा दिलवाने की प्रक्रिया को सरल बनाना है. इससे दुर्घटनाओं के शिकारों और उनके परिवारों को राहत मिल सकेगी, क्योंकि मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया अक्सर जटिल और लंबी होती है. इस हेल्प डेस्क के माध्यम से, पीड़ितों को आसानी से मुआवजा प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
दुर्घटना के शिकारों को सभी आवश्यक सहायता
बता दें कि यह हेल्प डेस्क ट्रैफिक ब्रांच ऑफिस में स्थित है, जो रुडा ऑफिस के सामने है. यहां दुर्घटना के शिकारों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाती है. लोकल 18 से बात करते हुए ट्रैफिक डीसीपी पूजा यादव ने इस पहल के तहत, यदि दुर्घटना घातक होती है तो शिकार को 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है और गंभीर दुर्घटना में 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाता है.
अब आप सोच रहे होंगे कि मुआवजा कैसे मिलेगा तो बता दें कि मुआवजा प्राप्त करने के लिए पीड़ित पक्ष को केवल एक फॉर्म भरना होता है और कुछ आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, शिकायत की कॉपी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, चोट का प्रमाण पत्र और पुलिस रिपोर्ट जमा करनी होती है. इसके बाद, हेल्प डेस्क का स्टाफ पीड़ित को पूरी प्रक्रिया में मदद करता है, जिसमें मामलतदार ऑफिस और जिला कलेक्टर ऑफिस तक की कार्यवाही शामिल होती है. इस पहल से पीड़ितों को जरूरी दस्तावेज़ तैयार करने और प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने में काफी सहूलियत हो रही है.
41.50 लाख रुपये का मुआवजा
बता दें कि इस पहल ने सकारात्मक परिणाम (Positive results) भी देखने को मिले हैं. अब तक 19 घातक सड़क दुर्घटनाओं में 38 लाख रुपये का मुआवजा और 7 गंभीर दुर्घटनाओं में 3.50 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. कुल मिलाकर, 26 सड़क दुर्घटना मामलों में 41.50 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया गया है.
Tags: Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED :
December 24, 2024, 16:58 IST