Last Updated:June 23, 2025, 17:57 IST
Bengaluru Traffic Jam : कर्नाटक सरकार ने राज्य में रैपिडो और ओला जैसी बाइक टैक्सी पर बैन लगा दिया है, जिसके बाद बैंगलोर शहर में भारी ट्रैफिक जाम लगने लगा है. आलम ये हो गया है कि 12 किलोमीटर की दूरी तय करने मे...और पढ़ें

बैंगलोर शहर में 16 जून से बाइक टैक्सी को बैन कर दिया गया है.
हाइलाइट्स
कर्नाटक सरकार ने बाइक टैक्सी पर बैन लगाया.बैन के बाद बैंगलोर में ट्रैफिक जाम बढ़ा.ऑफिस जाने वालों को 12 किमी तय करने में 2.5 घंटे लगते हैं.नई दिल्ली. दुनिया का सबसे ज्यादा जाम झेलने वाला शहर बैंगलोर की मुसीबतें सरकार के एक फैसले ने और बढ़ा दी है. आलम ये हो गया है कि सुबह और शाम के पीक ऑवर में तो लोगों का घर से बाहर निकलना ही दूभर हो गया है. चाहे मजदूर हो या कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी-अधिकारी, सभी की सांस अटकी हुई है. शाम के समय तो हालात इतने गंभीर हो जाते हैं कि पूरा शहर पूरी तरह चोक कर जाता है और लोग घंटों रास्ते में ही रह जाते हैं.
यह सारी परेशानी तब शुरू हुई जब कर्नाटक सरकार ने ऐप आधारित बाइक और टैक्सी के संचालन पर रोक लगा दिया. इसके बाद न सिर्फ शहरभर में जाम की समस्या बढ़ गई, बल्कि रिक्शा और अन्य साधनों का किराया भी लगातार बढ़ रहा है. सुबह-शाम ऑफिस आने-जाने वालों को तो इससे परेशानी हो ही रही है, शहर के बाशिंदे भी इस जाम और सुस्त ट्रैफिक से आजिज हो चुके हैं.
77 फीसदी बढ़ जाता है जाम
लोकेशन डाटा और जाम को दर्शाने वाले डच कंपनी के ऐप पर शाम 7 बजे का ट्रैफिक जाम औसत दिनों के मुकाबले 77 फीसदी बढ़ जाता है. औसत दिनों में यह जाम दिन के मुकाबले 59 फीसदी बढ़ता है जो आदेश के बाद 77 फीसदी पहुंच गया है. इतना ही नहीं पिछले सप्ताह तो यह 83 फीसदी तक पहुंच गया था, जो दिन के समय में 61 फीसदी रहा था. इस तरह, देखा जाए तो जबसे रैपिडो जैसी ऐप आधारित बाइक और टैक्सी सेवा बंद हुई है, जाम की समस्या बढ़ती जा रही है.
क्या कहते हैं ट्रैफिक अधिकारी
एक वरिष्ठ ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 16 जून के बाद से शहर में जाम की समस्या बढ़ रही है, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि यह जाम बाइक टैक्सी पर बैन लगाए जाने के बाद लग रहा है. @Ashwatthama आईडी वाले एक यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती जा रही है. महज 12 किलोमीटर लंबे सिल्क बोर्ड से मराठाहल्ली तक का रास्ता तय करने में तो 2.5 घंटे का समय लग जा रहा, जो अमूमन 30 मिनट में पूरा हो जाता है.
शहर की लाइफलाइन थी बाइक टैक्सी
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने लिखा, ऑफिस जाने वाले कर्मचारी-अधिकारी और कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए बाइक टैक्सी किसी लाइफलाइन से कम नहीं थी. कम पैसों में भी बाइक टैक्सी हमें आसानी से ट्रैफिक पार करके पहुंचा देती थी. मनीकंट्रोल ने बताया था कि बैन के बावजूद कई रैपिडो और उबर चालकों ने बुकिंग लेना जारी रखा.
पैसा और समय दोनों बचता था
राममूर्ति नगर की रहने वाली शहाना शैयद का कहना है कि मैं अक्सर बाइक टैक्सी का इस्तेमाल करती थी और महज 50 से 70 रुपये में बयप्पनहल्ली मेट्रो स्टेशन से अपने घर पहुंच जाती थी. अब ऑटो रिक्शा इसी दूरी के लिए 250 से 300 रुपये मांगते हैं. यही कारण है कि अब मैं अपनी खुद की गाड़ी इस्तेमाल करने लगी हूं. मेट्रो का किराया बढ़ने और बाइक टैक्सी बैन होने के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना सही नहीं रह गया है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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New Delhi,Delhi