सिंदूर, SIR, सीजफायर... मानसून सत्र का क्या एजेंडा? सरकार-विपक्ष में फिर आरपार

11 hours ago

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. 21 अगस्त तक चलने वाले सत्र में 17 अहम बिल पेश होंगे और साथ ही सरकार कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा करेगी. केंद्र सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था. पीएम मोदी सुबह 10 बजे मॉनसून सत्र को लेकर मीडिया को संबोधित भी करेंगे.

इस सत्र के हंगामेदार रहने के भी आसार हैं. बताया जा रहा है कि विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए हैं, जिनपर वो सरकार की घेरेबंदी करेगा. रणदीप सुरजेवाला ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दिया है.

ओम बिरला की अपील

संसद सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों से सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने की अपील की है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, ’18वीं लोक सभा का पांचवां सत्र (मानसून सत्र) आज से प्रारंभ हो रहा है. लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में जनाकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय हितों की संरक्षण हेतु हम सभी प्रतिनिधियों की सामूहिक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. मानसून सत्र से पूर्व मेरा सभी दलों के नेताओं एवं माननीय सदस्यों से आग्रह है कि वे सदन के सुचारु संचालन, रचनात्मक विमर्श और स्वस्थ लोकतांत्रिक संवाद में अपना सहयोग दें, ताकि हम समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति के लिए ठोस कदम उठा सकें.’

18वीं लोक सभा का पाँचवां सत्र (मानसून सत्र) आज से प्रारंभ हो रहा है। लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में जनाकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय हितों की संरक्षण हेतु हम सभी प्रतिनिधियों की सामूहिक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मानसून सत्र से पूर्व मेरा सभी दलों के नेताओं एवं माननीय… pic.twitter.com/7F8vEfV7YK

इसके साथ ही उन्होंने कहा, आशा है कि लोकतंत्र की गरिमा, संसद की प्रतिष्ठा और जनहित की प्राथमिकता जैसे मूल्यों को समर्पित यह मानसून सत्र सार्थक और सफल होगा तथा हम सब मिलकर लोकतांत्रिक चेतना, विविधता में एकता और संवैधानिक मूल्यों को और अधिक सशक्त करने की दिशा में सार्थक योगदान देंगे.’

‘ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को तैयार सरकार’

वहीं सदन चलाने को लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पहले ही कह चुके हैं कि सदन सही तरीके से चलाना सबकी जिम्मेदारी है. दरअसल मानसून सत्र से पहले रविवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘संसद की कार्यवाही अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा. राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं, मगर सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को तैयार है.

किरेन रिजिजू ने मीडिया से बात करते हुए बताया, ‘संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के फ्लोर नेताओं की एक बैठक हुई. इस सत्र में कुल 51 राजनीतिक दल और निर्दलीय सांसद भाग लेंगे. इन 51 दलों के 54 सदस्य आज बैठक शामिल हुए. 40 लोगों ने अपनी पार्टियों की ओर से अपनी राय रखी. बहुत सकारात्मक बैठक हुई. सभी राजनीतिक नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की स्थिति बताई और इस सत्र में लाने वाले मुद्दे उठाए. हमने सरकार की ओर से सभी प्वाइंट लिखे हैं. हमने कहा है कि सदन अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर अच्छे से काम करना होगा. राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं, मगर सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है. यह सरकार के साथ विपक्ष की भी जिम्मेदारी है.’

पीएम मोदी से जवाब मांगेगी सरकारी

वहीं राज्यसभा सांसद और दिग्गज कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि विपक्ष इस संसद सत्र के दौरान सरकार से पहलगाम आतंकी हमले, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, मणिपुर हिंसा, चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछेगा. कांग्रेस नेता ने यह भी कहा है कि खुद प्रधानमंत्री मानसून सत्र में गंभीर बहसों पर उत्तर दें.

उधर शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि हम सत्र में सार्थक चर्चा करना चाहते हैं और जो भी अहम मुद्दे हैं, उन पर सरकार से सवाल पूछना चाहते हैं. संजय राउत ने कहा कि सरकार अगर मानसून सत्र को अच्छी तरह चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष की बात सुननी होगी. सरकार से सवाल पूछना हमारा अधिकार है.

ये अहम विधेयक होंगे पेश

इस सत्र में केंद्र सरकार निम्नलिखित प्रमुख विधेयकों को संसद में पेश कर सकती है:

भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025: इस विधेयक के जरिए आईआईएम गुवाहाटी को IIM अधिनियम के तहत औपचारिक दर्जा देकर वैधानिक मान्यता दी जाएगी.

कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025: मौजूदा कर प्रणाली को सरल बनाने और कर सुधारों को लागू करने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया जाएगा.

जियोहेरिटेज साइट्स और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, 2025: यह देश के भूवैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण के लिए प्रस्तावित है.

खनिज और खनन (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025: यह गहराई में स्थित महत्वपूर्ण खनिजों की वैज्ञानिक खोज को विनियमित करेगा.

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025: खेल संगठनों में जवाबदेही बढ़ाने और नैतिक प्रशासन सुधार लागू करने के लिए यह विधेयक लाया जाएगा.

राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक, 2025: यह भारत की डोपिंग विरोधी नीतियों को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) के मानकों के अनुरूप बनाएगा, साथ ही नेशनल एंटी-डोपिंग अपील पैनल की संस्थागत स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगा.

इसके अलावा, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा. राज्य में 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था, जिसे आगे बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है.

विपक्ष का क्या एजेंडा?

सत्र में विपक्ष सरकार को विभिन्न विवादास्पद मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है:

गुजरात में एयर इंडिया विमान दुर्घटना: प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में दोनों मृत पायलटों पर जिम्मेदारी डालने को लेकर विपक्ष पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर सकता है.

ऑपरेशन सिंदूर संघर्षविराम: विपक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा के समय और प्रक्रिया को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांग सकता है, क्योंकि यह घोषणा भारतीय पुष्टि से पहले ही आ गई थी.

बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR): चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष चुनावी निष्पक्षता पर सरकार से जवाब मांग सकता है.

कुल मिलाकर, मानसून सत्र में जहां सरकार अपनी विधायी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष जनहित और राजनीतिक सवालों के जरिए सदन में सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करेगा. ऐसे में सत्र का हर दिन बहस, टकराव और तीखे सवाल-जवाब से भरा रहने की पूरी संभावना है.

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