Last Updated:September 29, 2025, 15:21 IST
भारत ने कोकराझार-गालेफू और बनरहाट-समत्से रेल प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी, जिससे भारत-भूटान व्यापार, पर्यटन और सीमावर्ती रोजगार को नई मजबूती मिलेगी.
भारत-भूटान के बीच दो नई रेल लाइनें बनेंगी. (File Photo)भारत और भूटान के रिश्तों को नई मजबूती देने के लिए सरकार ने सोमवार को 4,033 करोड़ रुपये की लागत से दो बड़े रेल प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी. इन परियोजनाओं से न सिर्फ दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ेगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और लोगों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी. पहला प्रोजेक्ट असम के कोकराझार से भूटान के गालेफू तक रेल लाइन बिछाने का है. 69 किलोमीटर लंबी इस लाइन पर 3,456 करोड़ रुपये खर्च होंगे. दूसरा प्रोजेक्ट पश्चिम बंगाल के बनरहाट से भूटान के समत्से को जोड़ने के लिए है। इसकी लंबाई 20 किलोमीटर होगी और इस पर 577 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा, भारत और भूटान के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं. भारत,भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसके अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारतीय बंदरगाह अहम भूमिका निभाते हैं. भूटान के समत्से और गालेफू बड़े एक्सपोर्ट-इंपोर्ट हब हैं,जो भारत-भूटान की करीब 700 किलोमीटर लंबी सीमा को जोड़ते हैं. भारत ने भरोसा दिया है कि भूटान के इन आर्थिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.
आवाजाही आसान होगी
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान यात्रा पर गए थे. भूटान और भारत के बीच आपसी संबंध काफी अच्छे रहे हैं. भारतीय निजी कंपनी भूटान में पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. कनेक्टिविटी को लेकर रोड कनेक्टिविटी पर काफी काम हुआ है. हम इसे और आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही और आसान होगी.
पूरा होने में चार साल लगेंगे
भारत और भूटान को जोड़ने वाली कोकराझार (असम) से गालेफू (भूटान) तक नई रेल लाइन बनाने का काम शुरू हो रहा है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 3,456 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे पूरा करने में 4 साल लगेंगे.
रूट की लंबाई: 69 किलोमीटर
भूटान का इलाका: सरपांग जिला
भारत का इलाका: असम के कोकराझार और चिरांग जिले
कुल स्टेशन: 6
बड़े पुल: 29
छोटे पुल: 65
महत्वपूर्ण ब्रिज: 2
वायडक्ट (लंबा ऊंचा पुल): 2
रूब्स (रेलवे अंडरब्रिज): 39
रोब्स (रेलवे ओवरब्रिज): 1
गुड्स शेड (माल लोडिंग-प्वाइंट): 2
इस रेल लाइन से भारत-भूटान के बीच व्यापार और पर्यटन को नई रफ्तार मिलेगी और सीमा क्षेत्रों के लोगों को भी बड़ा फायदा होगा.
सीमावर्ती इलाकों में रोजगार भी बढ़ेगा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रेल कनेक्टिविटी न केवल दोनों देशों के बीच आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी, बल्कि सीमावर्ती इलाकों के लोगों को रोजगार और विकास के नए अवसर भी उपलब्ध कराएगी. पर्यटक आसानी से भूटान तक ट्रेन से सफर कर सकेंगे, जिससे पर्यटन उद्योग को भी गति मिलेगी. भारत और भूटान लंबे समय से एक-दूसरे के भरोसेमंद साझेदार रहे हैं. इन प्रोजेक्ट्स को इस रिश्ते को और गहराई देने वाला कदम माना जा रहा है. सरकार का मानना है कि जब ये लाइनें तैयार होंगी, तो लोगों की जिंदगी और कारोबार दोनों ही और बेहतर तरीके से जुड़ जाएंगे.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
September 29, 2025, 15:21 IST

3 weeks ago
