सुनीता विलियम्स बचपन से ही थीं हिम्मतवाली, भाई ने सुनाए हैरान करने वाले किस्से

11 hours ago

Sunita Williams News: सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग सुनीता विलियम्स के सुरक्षित धरती पर लौटने के लिए प्रार्थना कर रहे थे. जब सुनीता विलियम्स वापस आईं, तो पूरे विश्व के साथ-साथ गुजरात में भी खुशी का माहौल छा गया. सुनीता विलियम्स का गुजरात से खास संबंध है. इस परिवार से न्यूज18 ने खास बातचीत की है. जिसमें सुनीता विलियम्स के भाई ने बताया कि सुनीता बचपन से ही निडर थी.

Local18Last Updated :March 19, 2025, 13:19 ISTEditor pictureWritten by
  Abhay Pandey

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सुनीता के दादा और पिता महेसाणा में स्थित झुलासन गांव के निवासी हैं. जबकि उनके चचेरे भाई, यानी फूफी के बेटे दिनेश रावल और उनका परिवार अहमदाबाद में रहते हैं.

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सुनीता विलियम्स के पृथ्वी पर लौटने से गुजरात में खुशी का माहौल है. सुनीता विलियम्स के अहमदाबाद में रहने वाले चचेरे भाई ने उनके बचपन की निडरता की कहानियां याद की हैं.

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सुनीता विलियम्स के चचेरे भाई ने खास बातचीत में बताया कि, "कल तक मन में बहुत चिंता थी, लेकिन जब वह वापस आईं, तो हमारी सारी चिंता दूर हो गई. मैंने कल कुछ नहीं खाया और पूरे दिन मृत्युंजय का जाप किया. मेरे घर में पूरे दिन अखंड दीप जलता रहा."

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इसके साथ ही उन्होंने गांव के बारे में बात करते हुए बताया कि, "हमारे गांव में भी लोगों ने सुनीता के लिए डोलों में पूजा की है. सुनीता के जाने के दिन से जो दीप जलाया गया था, वह दीप आज भी जल रहा है. डोलामाता के मंदिर में नौ महीने तक दीप जलता रहा और हमें विश्वास है कि उसी दीप की कृपा से सुनीता प्रकाश की तरह वापस आई हैं."

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चचेरे भाई ने सुनीता विलियम्स के बचपन की एक घटना याद करते हुए बताया कि, "जब वह छोटी थी, तो गांव में आई थी. वहां ऊंट देखा तो उसे उस पर बिठा दिया गया. वह ऊंट से नीचे नहीं उतर रही थी. काफी समय बाद, वह अचानक ऊंट की पीठ से लुढ़क कर नीचे उतरी और गिर गई, लेकिन हंसते-हंसते खड़ी हो गई. उसे कोई डर नहीं था.

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इसके साथ ही उन्होंने एक और घटना याद करते हुए बताया कि, "हम एक बार गर्मियों में आबू घूमने गए थे. वहां घूमते-घूमते हमें एक सपेरा मिला, तो हमने उसे रोका और उसने सांप का खेल दिखाया. सभी लोग दूर खड़े होकर सांप का खेल देख रहे थे, लेकिन सुनीता अचानक गई और सांप को पकड़ लिया. वह बचपन से ही इतनी निडर थी."

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आपको बता दें कि मंगलवार की पूरी रात झुलासन के लोग भी नहीं सोए. पूरी रात सुनीता विलियम्स के सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटने के लिए प्रार्थना करते रहे. सुनीता विलियम्स का मूल महेसाणा जिले के झुलासन गांव से जुड़ा है. महेसाणा जिले का झुलासन एक छोटा सा गांव है, जिसकी आबादी लगभग 7000 के आसपास है. सुनीता विलियम्स के पिता और दादा-दादी झुलासन गांव में रहते थे.

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