Last Updated:April 19, 2025, 18:23 IST देशवीडियो
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कोर्ट पर धार्मिक तनाव भड़काने और संवैधानिक सीमाओं को पार करने का आरोप लगाया. बीजेपी नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से आगे बढ़ रहा है... यह देश में धार्मिक तनाव फैलाने के लिए जिम्मेदार है. यह टिप्पणी न्यायपालिका के विधायी और सामाजिक मामलों में बढ़ते हस्तक्षेप को लेकर चल रही बहस के बीच आई है. दुबे ने न्यायपालिका की बढ़ती भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, अगर हर चीज के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा, तो संसद और विधानसभाओं की क्या जरूरत है? इन्हें बंद कर देना चाहिए. उन्होंने तीखे अंदाज में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का नीति और कानून निर्माण में दखल निर्वाचित संस्थाओं को कमजोर कर रहा है. दुबे ने कहा, आप अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं. संसद इस देश का कानून बनाती है... आपने नया कानून कैसे बनाया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला करना है? इसका मतलब है कि आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं. जब संसद बैठेगी तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी... बीजेपी सांसद ने सुप्रीम कोर्ट के उस ऐतिहासिक फैसले का भी जिक्र किया, जिसमें समलैंगिकता (सेक्शन 377) को अपराध की श्रेणी से हटाया गया था. उन्होंने इसे ज्यूडिशियल एक्टिविज्म (न्यायिक सक्रियता) का उदाहरण बताया और कहा, सेक्शन 377 के तहत समलैंगिकता एक बड़ा अपराध था. ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि दुनिया में केवल दो लिंग हैं- पुरुष या स्त्री. हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, जैन या सिख, सभी मानते हैं कि समलैंगिकता अपराध है. फिर भी, एक दिन अचानक सुप्रीम कोर्ट ने इसे खत्म कर दिया.