सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, शिक्षक बने रहने के लिए देनी होगी TET परीक्षा

4 hours ago

Last Updated:September 02, 2025, 08:58 IST

Shikshak Bharti: सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के सेवा में बने रहने या प्रमोशन के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया है. 5 साल से कम सेवा बची हो तो छूट मिलेगी. अल्पसंख्यक संस्थानों पर फैसला लंबित है.

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, शिक्षक बने रहने के लिए देनी होगी TET परीक्षाShikshak Bharti Niyam: शिक्षक भर्ती नियमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली (Shikshak Bharti). सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक त्वपूर्ण फैसला सुनाया है. अब शिक्षण सेवा में बने रहने और प्रमोशन पाने के लिए टीईटी (Teacher Eligibility Test) पास रना अनिवार्य होगा. न्यायालय की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि शिक्षक बनने की इचा रखने वाले और पहले े कार्यरत दोनों के लिए टीईटी पास करना ूरी है. यह निर्णय शिक्षा की गुणवतता सुनिश्चित करने और बच्चों को योग्य शिक्षक प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

फिलहाल अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के लिए यह फैसला नहीं लिया गया है. जो शिक्षक 5 साल से कम समय में रिटायर होने वाले हैं, उन्हें टीईटी पास किए बिना सेवा में बने रहने की अनुमति दी जा रही है. लेकिन अगर वे प्रमोशन चाहते हैं तो टीईटी पास होना अनिवार्य होगा. जिन शिक्षकों की सेवा में 5 साल से अधिक बचे हैं, उन्हें 2 सालों के अंदर टीईटी पास करना होगा. अगर वे निर्धारित समय में टीईटी पास नहीं करते हैं तो उन्हें अनिवार्य रूप से सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा. फिर वे नियमों के अनुसार केवल टर्मिनल बेनिफिट्स के पात्र होंगे.

सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला: टीईटी की नई अनिवार्यता

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शिक्षक बनने या प्रमोशन पाने के लिए टीईटी पास करना अब अनिवार्य शर्त है. यह निर्देश RTE (Right to Education) अधिनियम की धारा 23 और NCTE द्वारा 2011 में निर्धारित न्यूनतम योग्यता के ढांचे पर आधारित है. अदालत ने कहा कि यह कदम शिक्षा के स्तर को उच्च बनाने और बच्चों के सर्वोत्तम हित को सुनिश्चित करने की दिशा में लिया गया है.

रिटायरमेंट के करीब हैं तो जानें नियम

जिन शिक्षकों के रिटायर होने में 5 साल से कम समय बाकी है, उन्हें इस समय तक टीईटी न पास होने पर भी सेवा जारी रखने की अनुमति दी गई है. लेकिन वे प्रमोशन के हकदार भी नहीं होंगे. अगर वे प्रमोशन लेना चाहते हैं तो उन्हें टीईटी पास करना होगा. यह निर्णय व्यावहारिक अप्रोच और जस्टिफिकेशन को ध्यान में रखकर लिया गया है. इससे अन्य कैंडिडेट्स के साथ भेदभाव नहीं होगा.

रिटायरमेंट में 5 से ज्यादा साल बचे तो?

RTE लागू होने (2009) से पहले नियुक्त शिक्षकों (जिनकी सेवा में 5 साल से ज्यादा बचे हैं) को दो सालों के अंदर टीईटी पास करने का निर्देश दिया गया है. अगर वे ऐसा करने में असफल रहते हैं तो उन्हें सेवा छोड़नी पड़ेगी या अनिवार्य रूप से रिटायर होना होगा. इसके बाद ही वे टर्मिनल बेनिफिट्स का फायदा उठा सकेंगे. उन्हें क्वॉलिफाइंग सर्विस भी पूरी करनी होगी.

अल्पसंख्यक संस्थानों पर क्या प्रभाव है?

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के संविधान पीठ के उस फैसले पर संदेह जताया है, जिसमें कहा गया था कि अल्पसंख्यक संस्थानों पर RTE अधिनियम लागू नहीं होता है. इस संदर्भ में कोर्ट ने मामला एक बड़ी पीठ (larger bench) के समक्ष भेजने का आदेश दिया है. इससे निर्णय लिया जा सकेगा कि क्या मौजूदा नियम अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू किए जा सकते हैं या नहीं. तब तक इन संस्थानों को अस्थायी रूप से टीईटी से छूट दी गई है.

Deepali Porwal

Having an experience of more than 10 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle (health, beauty, fashion, travel, astrology, numerology), entertainment and career. She has covered...और पढ़ें

Having an experience of more than 10 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle (health, beauty, fashion, travel, astrology, numerology), entertainment and career. She has covered...

और पढ़ें

First Published :

September 02, 2025, 08:58 IST

homecareer

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, शिक्षक बने रहने के लिए देनी होगी TET परीक्षा

Read Full Article at Source