Last Updated:July 27, 2025, 14:37 IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मासिक मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में उन्होंने हथकरथा उद्योग के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि हथकरघा उद्योग कैसे स्वदेशी आंदोलन से अब तक सफलता क...और पढ़ें

Mann ki Baat PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस, स्वदेशी आंदोलन, और हथकरघा क्षेत्र की सफलताओं पर विस्तार से चर्चा की. पीएम मोदी ने कहा, ‘7 अगस्त 1905 को एक और क्रांति की शुरुआत हुई थी. इस आंदोलन को स्वदेशी आंदोलन कहा गया. इस आंदोलन का उद्देश्य था कि लोग विदेशी सामान का इस्तेमाल बंद करें और अपने देश में बने हुए सामान, खासकर हाथ से बने कपड़ों (हैंडलूम) का उपयोग करें. इससे देश की अर्थव्यवस्था को ताकत मिली और लोगों में आत्मनिर्भरता की भावना जागी. इसी आंदोलन की याद में, भारत हर साल 7 अगस्त को ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ के रूप में मनाता है.’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘इस साल, जब हम 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाएंगे, तो यह दिन इस खास मौके को भी दर्शाएगा कि अब इस दिन को मनाते हुए 10 साल पूरे हो चुके हैं. इस दिन हम अपने देश के हथकरघा कामगारों को सम्मान देते हैं और देशी उत्पादों को बढ़ावा देने का संकल्प लेते हैं.’ इसके अलावा उन्होंने ओडिशा के मयूरभंज की महिलाओं और बिहार के नालंदा के नवीन कुमार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जैसे आजादी की लड़ाई के समय खादी ने आंदोलन को एक नई ताकत दी थी, वैसे ही आज जब हमारा देश ‘विकसित भारत’ बनने की ओर बढ़ रहा है, तो कपड़ा उद्योग देश की एक बड़ी ताकत बनता जा रहा है. पिछले 10 सालों में, देश के अलग-अलग हिस्सों में इस क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों ने मेहनत से कई कामयाबी की कहानियां लिखी हैं. उन्होंने न सिर्फ अपने लिए रोजगार बनाया, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया.’
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के पैठण गांव की कविता धवले की सफलता की कहानी साझा करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र के पैठण गांव की कविता धवले पहले एक छोटे से कमरे में काम करती थीं. उनके पास ना तो ठीक जगह थी और ना ही जरूरी सुविधाएं. लेकिन सरकार से मदद मिलने के बाद, उनकी मेहनत और हुनर ने उड़ान भर ली. अब वो पहले से तीन गुना ज्यादा कमाई कर रही हैं और अपनी खुद की बनाई हुई पैठणी साड़ियां बेच रही हैं. उनकी ज़िंदगी में बड़ा बदलाव आया है.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘ऐसी ही एक और कामयाबी की कहानी ओडिशा के मयूरभंज जिले से भी है, जहां किसी और ने भी इसी तरह मेहनत और सरकारी मदद से बड़ी सफलता पाई है. इन कहानियों से पता चलता है कि अगर हुनर को सही मदद मिले, तो बड़ा बदलाव मुमकिन है. ओडिशा के मयूरभंज में 650 से ज्यादा आदिवासी महिलाएं अब फिर से संताली साड़ी बनाना शुरू कर चुकी हैं, जो पहले धीरे-धीरे खत्म हो रही थी. अब ये महिलाएं हर महीने हजारों रुपये कमा रही हैं. ये महिलाएं सिर्फ कपड़ा नहीं बना रहीं, बल्कि अपनी एक अलग पहचान भी बना रही हैं. बिहार के नालंदा जिले के नवीन कुमार की कहानी भी बहुत प्रेरणादायक है. उनके परिवार की कई पीढ़ियां इसी काम से जुड़ी रही हैं. उन्होंने अपने पारंपरिक काम को आगे बढ़ाया और इसमें सफलता पाई.’
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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