'हिंदू समाज के पुलिस...' फहीम खान कौन, जिसे बताया नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड

11 hours ago

Last Updated:March 19, 2025, 13:31 IST

Nagpur Violence Mastermind: नागपुर हिंसा में फहीम शमीम खान को मास्टरमाइंड बताया गया है. 500-600 हथियारबंद लोगों ने पुलिस पर हमला किया और पेट्रोल बम फेंके. महिला पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार हुआ. चार FIR दर्ज हु...और पढ़ें

'हिंदू समाज के पुलिस...' फहीम खान कौन, जिसे बताया नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड

पुलिक एफआईआर में फहीम शमीम खान को नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है. (फाइल)

हाइलाइट्स

नागपुर हिंसा में फहीम खान मास्टरमाइंड बताया गया.500-600 हथियारबंद लोगों ने पुलिस पर हमला किया.महिला पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं.

महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा को लेकर एफआईआर में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिक की एफआईआर में फहीम शमीम खान को हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है. FIR में दर्ज आरोपों के अनुसार, 500 से 600 हथियारबंद लोगों ने पुलिस पर हमला किया और पेट्रोल बम तक फेंके गए. पुलिस की तरफ से दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आरोपी ने महिला पुलिसकर्मी को अनुचित तरीके से छुआ, अश्लील इशारे किए और अन्य महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया. यह घटना 17 मार्च को शाम 4 बजे शुरू हुई और रात 11:30 बजे तक जारी रही.

FIR में कहा गया है कि भीड़ ने अंधेरे का फायदा उठाकर महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की. उनके कपड़े खींचे गए और उन्हें गालियां दी गईं. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने धमकी देते हुए कहा, ‘अभी हम पुलिसवालों को बताते हैं, इनको और किसी भी हिंदू को छोड़ना नहीं है. इन्होंने ही सारा खेल किया है!’ रिपोर्ट के मुताबिक, उपद्रवियों के पास कुल्हाड़ी, लाठी, पत्थर जैसे घातक हथियार थे, जिनका इस्तेमाल पुलिस और आम नागरिकों पर हमले के लिए किया गया.

पुलिसवालों को उपद्रवियों की धमकी
FIR के मुताबिक, छत्रपति शिवाजी महाराज की तिथि अनुसार जयंती के मौके पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने गांधी गेट के पास छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के सामने औरंगज़ेब की कब्र के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और औरंगज़ेब का प्रतीकात्मक पुतले को फूंका. इसके खिलाफ माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम खान शमीम खान की अध्यक्षता में 50 से 60 लोगों ने अवैध रूप से पुलिस स्टेशन पर भीड़ इकट्ठा की. इन लोगों के लिखित निवेदन पर औरंगजेब के विरोध करने वाले 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

पुलिस के मुताबिक, इस दौरान भीड़ में मौजूद लोगों को शांति बनाए रखने की हिदायत भी दी गई. इसके बावजूद इन लोगों ने शाम तकरीबन 4 बजे, छत्रपति शिवाजी पुतले के पास दंगा भड़काने के उद्देश्य से अपने धर्म के 400 से 500 लोगों को इकट्ठा किया. उन्हें बार-बार स्पीकर से अनाउंसमेंट कर इसकी जानकारी कि उक्त भीड़ अवैध है तथा वे यहां एकत्र न हों तथा सुरक्षित रूप से अपने घरों को चले जाएं.

पुलिस के खिलाफ लोगों को भड़काया
पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि ‘वे लोग एक-दूसरे को दंगा करने के लिए उकसाने वाले नारे लगाने लगे और ‘अब पुलिस दिखाई दे रही है. हमें इन्हें और किसी भी हिंदू को छोड़ना नहीं है. इन्होंने ही सारा खेल किया है. इन्होंने ही ये सब किया है.’ ऐसी झूठी अफवाह फैलाकर पुलिस के प्रति नाराजगी की भावना फैलाई. इसलिए उक्त भीड़ और उग्र हो गई. इस भीड़ ने कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठियां और अन्य खतरनाक हथियारों के साथ क्षेत्र में आतंक पैदा करने के इरादे से घातक हथियारों को हवा में लहराया और लोगों में भय पैदा किया और धार्मिक दुश्मनी बढ़ाने के इरादे से सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने का काम किया.

महिला पुलिस से छेड़छाड़
पुलिस एफआईआर में कहा गया, ‘भीड़ के सदस्यों ने जान से मारने की नियत से भालदारपुरा चौक इलाके में पुलिस पर घातक हथियार, पत्थर से हमला किया. उन्होंने पुलिसकर्मियों को उनके सरकारी कर्तव्यों से हतोत्साहित करने के लिए पेट्रोल बम तैयार किए और उन पर फेंके. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को यह कहते हुए रोक दिया, ‘तुम हिंदू समाज के पुलिस हो और तुमने जानबूझकर हमारे धर्म की चादर जलाने में मदद की’. ऐसी झूठी अफवाहें फैलाकर और भद्दी-भद्दी गालियां देकर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को विभिन्न स्थानों पर हथकंडों, पत्थरों, खतरनाक हथियारों से पीट-पीटकर और अपनी तथा दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालकर उन्हें घायल कर दिया गया है.’

इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि उपद्रवियों में से कुछ ने अंधेरे का फायदा उठाकर आरसीपी दस्ते की एक महिला कांस्टेबल को अश्लील हरकत करने के इरादे से उनकी वर्दी और शरीर को छुआ. उन्होंने अन्य महिलाओं के साथ भी यौन दुर्व्यवहार किया और उनका यौन उत्पीड़न किया. कुछ महिला कर्मचारियों को देखकर उन्होंने अश्लील इशारे किए और भद्दे कमेंट किए.

बजरंग के खिलाफ FIR में क्या कहा गया
शिवाजी महाराज की प्रतिमा के समक्ष विश्व हिंदू परिषद और बंजरंग दल की तरफ से आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की तस्वीर और प्रतिरोध प्रतिमा को जला दिया. हालांकि पुलिस ने जलाने पर रोक लगा दी थी, फिर भी इन लोगों ने प्रतिरोध प्रतिमा को भी जला दिया और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. ऐसे में भारतीय नागरिक सुरक्षा 2023 की धारा 168 के तहत इनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

इस बीच महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने नागपुर और छत्रपति संभाजी नगर में हिंसा से जुड़े 800 पोस्ट्स डिलीट किए हैं. जांच में सामने आया कि 70 से अधिक URL हिंसा फैलाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे. अब इन पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. नागपुर हिंसा मामले में अब तक चार FIR दर्ज हो चुकी हैं. पुलिस ने कहा है कि जल्द ही अन्य आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Location :

Nagpur,Maharashtra

First Published :

March 19, 2025, 13:29 IST

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