Last Updated:September 15, 2025, 16:37 IST
Purnia News: 1770 में ईस्ट इंडिया कंपनी के बनाए गए पूर्णिया जिले की पहचान दो दशक पहले तक गांवों की धूल भरी पगडंडियों और ‘हीरामन की बैलगाड़ी’ से थी. लेकिन, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन से पूरा जिला विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है. एयरपोर्ट के पुनरुद्धार से लेकर वंदे भारत एक्सप्रेसवे, रेल लाइन और बड़ी परियोजनाओं तक, पूर्णिया की तस्वीर बदल रही है. आइए जानते हैं कैसे पूरा जिला एक नई उड़ान भर रहा है.

पूर्णिया. प्रसिद्ध कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की रचित पुस्तक ‘मारे गए गुलफाम’ पर बनी फिल्म तीसरी कसम में ‘हीरामन की बैलगाड़ी’ को आप सब बखूबी जानते होंगे. आज से दो दशक पहले तक पूर्णिया की यही पहचान थी. गांव की धूल भरी सड़कें और उसपर चलती ‘हीरामन की बैलगाड़ी’! सड़कों की बात करें तो गड्ढे में सड़क तलाशनी होती थी और इस पर कभी-कभार इक्का दुक्का बस चल जाती थी. उसके बाद शुरू हुआ नीतीश कुमार की सरकार का दौर. इसके बाद गड्ढों को भरकर बनी सड़कों ने इलाके की तस्वीर बदल दी. अब केंद्र सरकार के सहयोग से पूर्णिया समेत पूरे बिहार में चमचमाती सड़कें हैं. फोरलेन के साथ ही अब तो पूर्णिया से पटना तक का सिक्स लेन एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्णिया को एयरपोर्ट से लेकर वंदे भारत और एक्सप्रेसवे तक की सौगात दी है.
इतिहास से आधुनिकता की ओर पूर्णिया
बता दें कि 10 फरवरी 1770 को ईस्ट इंडिया कंपनी का बनाया गया यह जिला भारत के सबसे पुराने जिलों में से एक है. देश के सबसे प्राचीन जिला अब 255 साल पूरा कर चुका है. बीते दो दशक पुराने कालखंड तक पूर्णिया पुराना जिले की पहचान के साथ पिछड़ा जिला होने की भी पहचान रखता था. लेकिन, 20 सालों में ही इस जिले की तस्वीर और तकदीर, दोनों ही बदल चुकी है. अब जब एक बार फिर पीएम मोदी ने पूर्णिया जिले पर सौगातों की बरसात कर दी है तो विकास की रफ्तार के और तेज होने की उम्मीदों को पंख लग गए हैं.
फोर लेन सड़क से एक्सप्रेसवे तक की प्रगति
पूर्णिया एयरपोर्ट के सफर की बात करें तो पूर्णिया में भारत चीन युद्ध के दौरान 1962 में वायु सेना का एयरपोर्ट बना था जो 1964 में बनकर तैयार हो गया था. 9000 फीट लंबा रनवे का यह एयरपोर्ट बिहार का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है. जिस पर 2017 में सेना का सबसे बड़ा जहाज सी 17 भी उतर चुका है. पूर्णिया एयरपोर्ट के इतिहास की बात करें तो यहां से कई बार हवाई सेवा शुरू हुई और बंद हो गई. 2012 इसी में जिस समय विश्वजीत कुमार पूर्णिया वायु सेना के विंग कमांडर थे, उन्होंने प्रयास कर 9 सीटर स्पिरिट एयरवेज चलवाया था जो पूर्णिया से पटना और पूर्णिया से कोलकाता के बीच चलती थी. लेकिन कुछ दिनों बाद यह बंद हो गई. फिर 2015 में प्रधानमंत्री ने पूर्णिया में ही पूर्णिया एयरपोर्ट से उड़ान योजना के तहत हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा की थी.
पूर्णिया एयरपोर्ट: फिर से उड़ान को तैयार
इसके लिए शुरूआत में 52 एकड़, फिर बाद में 15 एकड़ जमीन भी अधिग्रहण की गयी. लेकिन जमीन मालिक हाई कोर्ट चले गए जिस कारण 2015 से 2022 तक सारा काम ठप रहा. 2023 में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी आई और हवाई उड़ान की दिशा में सरकार और जिला प्रशासन भी एक्टिव हुए. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद तीन बार आकर चुनापुर एयरपोर्ट पर अधिकारियों के साथ मीटिंग किया और जितनी भी समस्याएं थी सब का समाधान किया. फिर यहां 46 करोड़ की लागत से पोर्टा केबिन टर्मिनल बिल्डिंग बनाया गया. जिसका आज प्रधानमंत्री उद्घाटन किया. आज पूर्णिया से अहमदाबाद के लिए स्टार एयर विमान को हरी झंडी दिखाकर प्रधानमंत्री ने रवाना किया.
बड़ी परियोजनाओं से चमक रहा पूर्णिया जिला
इसके बाद शीशाबाड़ी में वंदे भारत, गलगलिया अररिया रेल लाइन, कोसी मेंची नदी लिंक, पीरपैती थर्मल पावर समेत करीब 44000 करोड़ रुपए की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास प्रधानमंत्री के हाथों हुआ. इससे इस इलाके के लोगों में काफी खुशी है. जो लोग कल तक गांव की पगडंडियों पर बैलगाड़ी से चला करते थे अब वह हवाई उड़ान भरेंगे. इस हवाई सेवा के चालू होने के बाद पूर्णिया से कोलकाता 70 मिनट में, पूर्णिया से अहमदाबाद 2 घंटे में और पूर्णिया से दिल्ली भी बहुत कम समय में पहुंच जाएंगे. इसको लेकर लोगों में काफी प्रसन्नता और उत्सकुता है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
September 15, 2025, 16:37 IST