हो रही थी खुदाई, अचानक जमीन से निकला 8,64,86,04,800 का खजाना, उड़ गए सबके होश!

4 hours ago

Rediscovery of a Hidden Treasure in Europe: यूरोप से एक नायाब खोज सामने आई है.  यहां 50 से ज़्यादा सालों से ज़मीन में दबे हुए कीमती सोने के सिक्कों का एक खुफिया भंडार मिला है. इसकी कीमत अब 100 मिलियन अमरीकी डॉलर (करीब 160 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर)  से ज़्यादा यानी 8,64,86,04,800 भारतीय रूपये है. इस नायाब खजाने को 'ट्रैवलर कलेक्शन' के नाम से जाना जाता है. वहीं, एक्सपर्ट्स ने इसे 'पूरी तरह से नीलामी में आने वाला अब तक का सबसे कीमती सिक्का संग्रह' करार दिया है, जिसमें एक दिलचस्प कहानी भी छिपी हुई है. चलिए जानते हैं..

सोने के सिक्कों के छिपे हुए खजाने खोज और नीलामी
एक्सपर्ट्स ने बताया कि इन सिक्कों को 50 साल पहले जमीन के नीचे छिपाया गया था. हालांकि, 5 दशकों के बाद इन्हें फिर से खोजा गया है. फिलहाल खजाने को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में ट्रान्सफर कर दिया गया और इन सिक्कों के संग्रह को न्यूमिज़माटिका आर्स क्लासिका (NAC) में  20 मई, 2025 से शुरू होने वाली नीलामी की सीरीज में पेश किया जाएगा. खास नीलामी के उद्घाटन  में चार्ल्स द्वितीय से लेकर जॉर्ज VI तक के राजाओं के शासनकाल के ब्रिटिश मशीन-स्ट्राइक सिक्के शामिल होंगे. NAC के डाइरेक्टर, आर्टुरो रुसो कहते हैं कि संग्रह में मौजूद कई सिक्के 80 से ज्यादा सालों से नहीं देखे गए हैं, कुछ को पहले कभी आधिकारिक मुद्राशास्त्रीय अभिलेखागार ( Official Numismatic Archives ) में दर्ज नहीं किया गया था.

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ट्रैवलर कलेक्शन में सबसे नाकाबिले यकीन वस्तुओं में से कई ऐसे सोने के सिक्के हैं जो बेजोड़ मूल्य और तारिखी अहमियत के हैं.इनमें से एक है 1629 का 100 ड्यूकैट का सोने का सिक्का, जो हैब्सबर्ग के फर्डिनेंड III के लिए बनाया गया था. इसका वजन 348.5 ग्राम है और इसकी अनुमानित कीमत करीब 1.35 मिलियन अमेरिकी डॉलर ( लगभग 11,32,90,000 भारतीय रुपये ) है. एक और खास बात है पोलिश राजा सिगिस्मंड III के लिए 1621 में बनाया गया 70 ड्यूकैट का सोने का सिक्का, जिसका वजन 243 ग्राम है और जिसकी कीमत लगभग 471,700 अमेरिकी डॉलर ( लगभग 3,98,99,544.83 भारतीय रूपये ) है.

ट्रैवलर कलेक्शन का इतिहास और सतह के नीचे छिपा खजाना
दरअसल, ट्रैवलर कलेक्शन का इतिहास 1929 की वॉल स्ट्रीट दुर्घटना के बाद शुरू होता है. एक यूरोपीय संग्रहकर्ता  ( European Collector ) और उसकी पत्नी यूरोप और अमेरिका के सबसे नायाब और तरिखी शक्ल में अहम सिक्कों की खोज के लिए निकल पड़े. इतिहास, दुर्लभता और खूबसूरती से इंसपायर्ड होकर उन्होंने सावधानीपूर्वक एक विविध संग्रह ( Miscellaneous Collection ) तैयार किया. जिसमें प्रत्येक अधिग्रहण का गहन दस्तावेजीकरण किया गया.

जब द्वितीय विश्व युद्ध ( World War II ) की आशंका मंडरा रही थी और नाजी सेना यूरोप पर कब्ज़ा करने लगी थी, तो कलेक्टर ने खुद को अपने कीमती खजाने की हिफाजत करने के लिए ये फैसला लिया. उसने सिक्कों को सिगार के डिब्बों और एल्युमिनियम के सिलेंडरों में रखकर उन्हें सुरक्षित रखने के लिए ज़मीन में गाड़ दिया. यहां सबसे  हैरान करने वाली बात यह है कि इसके बाद ये कलेक्टर रिकॉर्ड से गायब हो गया और उसके साथ दफन खजाने का ठिकाना दशकों तक नामलूम रहा.

तोमन और सिक्कों का एक नायाब खजाना
ट्रैवलर कलेक्शन में पांच तोमन का एक अविश्वसनीय रूप से नायाब संग्रह भी शामिल है, जिन्हें 18वीं सदी के आखिर और 19वीं सदी की शुरुआत में आगा मोहम्मद खान कजर द्वारा तेहरान और इस्फ़हान में ढाला गया था. ज्ञात है कि सिक्कों के सिर्फ़ पांच पूरे सेट ही बचे हैं, जिनमें से एक ब्रिटेन के ऑक्सफ़ोर्ड में एशमोलियन संग्रहालय ( Ashmolean Museum ) में है. इस संग्रह का एक बेहतरीन टुकड़ा 50 तोमन का सिक्का है, जो दुर्लभ सेटों में से एक है. इसकी भी नीलामी की जाएगी.

विशेष रूप से, ट्रैवलर कलेक्शन में 100 से ज़्यादा क्षेत्रों के सिक्के शामिल हैं, जिनका इतिहास प्राचीन समाजों से लेकर मौजूदा वक्त तक का है. एक्सपर्ट्स खास तौर से इसकी बेहतरीन किस्म, उत्कृष्ट गुणवत्ता ( Excellent Quality ) और ज़्यादातर वस्तुओं के बेहतरीन प्रोटेक्शन से हैरान हैं. एनएसी द्वारा जारी प्रेस रिलीज इस तथ्य की तरफ ध्यान आकर्षित करती है कि 'कई प्रकार के सिक्कों को कभी भी सार्वजनिक नीलामी में पेश नहीं किया गया है, जो संग्रह में शामिल कई सिक्कों की विशिष्टता और महत्व पर ज़ोर देता है.'

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