Last Updated:April 30, 2025, 16:38 IST
Pakistan Economic Crisis : पाकिस्तान की हालत एक ऐसे आदमी की तरह हो गई है, जिसके पास खाने के लिए एक दाना नहीं है, लेकिन दूसरों से कर्जा लेकर रोजाना घी पी रहा हो. एक तरफ तो पाकिस्तान आईएमएफ और विश्व बैंक से कट...और पढ़ें

पाकिस्तान रोजाना अपनी सेना पर शिक्षा और स्वास्थ्य से ज्यादा खर्च करता है.
हाइलाइट्स
पाकिस्तान रोजाना सेना पर 100 करोड़ रुपये खर्च करता है.पाकिस्तान शिक्षा बजट से ज्यादा सेना पर खर्च करता है.पाकिस्तान के पीएम विदेशी दौरों पर रोजाना 43 लाख रुपये खर्च करते हैं.नई दिल्ली. कर्जा लेकर घी पीने की कहावत तो आपने भी सुनी होगी. अब इसे सच होते देखना है तो नजरें पाकिस्तान की तरफ डालिए. भुखमरी और कर्ज तले दबा एक ऐसा देश, जिसके आगे बढ़ने की न तो सोच दिखती है और न ही कोई प्लान या नीति. फिर भी यह देश सिर्फ अपनी सेना को इधर से उधर करने में ही रोजाना 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर देता है. यह रकम भारतीय रुपये में है, जबकि पाकिस्तानी रुपये में तो यह 135 करोड़ के आसपास होगी.
पाकिस्तान की बर्बादी और उसकी खराब मानसिकता की मिसाल इससे ज्यादा दुखदायी क्या होगी कि उसका शिक्षा पर जितना सालभर का कुल बजट होता है, उससे ज्यादा खर्चा एक दिन में मिलिट्री मूवमेंट पर कर देता है. पाकिस्तान का शिक्षा पर कुल बजट 135 करोड़ रुपये के आसपास है और इतनी ही रकम पाकिस्तान रोज अपनी आर्मी के मूवमेंट पर खर्च कर देता है. वह भी तब जबकि पाक के नेता आईएमएफ और विश्व बैंक के पास रोज कटोरा लिए खड़े रहते हैं. आज भी पाकिस्तान अपने बेलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ के सामने गिड़गिड़ा रहा है.
स्वास्थ्य से ज्यादा वायु सेना पर खर्च
कहा जाता है कि किसी भी देश की तरक्की उसकी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर करती है. अब पाकिस्तान की तरक्की की मिसाल उसकी नीतियां खुद देती हैं. उसके शिक्षा के सालाना बजट से ज्यादा सेना पर रोजाना खर्च होने वाली रकम है, तो स्वास्थ्य पर सालभर में खर्च होने वाली कुल रकम से ज्यादा पैसा वायु सेना के रखरखाव पर रोजाना खर्च हो जाता है. इसका मतलब हुआ कि पाकिस्तान शिक्षा और स्वास्थ्य पर जितना सालभर में खर्च नहीं करता, उससे कहीं ज्यादा एक दिन में सेना और वायु सेना के मूवमेंट पर खर्च कर देता है.
इन खर्चों से भी बर्बाद है पाकिस्तान
पाकिस्तान के बजट दस्तावेजों से पता चला है कि सेना के खर्च के अलावा पाकिस्तान अपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पर प्रतिदिन 8.60 लाख रुपये, सीनेट और नेशनल असेंबली पर प्रतिदिन 7.8 लाख रुपये खर्च करता है. इसके अलावा पाकिस्तान मानवाधिकारों की देखभाल के लिए प्रतिदिन केवल तीन लाख रुपये खर्च करता है.
खुफिया एजेंसी के खर्च का पता नहीं
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर कितना खर्च होता है, इसका अंदाजा किसी को नहीं है, क्योंकि एजेंसी के लिए बजट आवंटन सशस्त्र बलों के आवंटन में शामिल नहीं है. इस बजट को सरकार भी गंभीरता से नहीं लेती है. पाकिस्तान के पीएम विदेशी दौरे पर रोजाना 43 लाख रुपये खर्च करते हैं और राष्ट्रपति लगभग 10 लाख रुपये खर्च करते हैं. पीएम के सचिवालय का रोजाना खर्च 15 लाख रुपये तो उनके प्रतिनिधिमंडल विदेशी दौरों पर रोजाना 43 लाख रुपये खर्च करते हैं.
पीएम-राष्ट्रपति रोजाना कितना खर्चा
पाकिस्तान के बजट दस्तावेजों से पता चलता है कि राष्ट्रपति के विदेशी दौरे पर प्रतिदिन 9,31,506 रुपये और राष्ट्रपति सचिवालय पर 13.22 लाख रुपये खर्च होते हैं. इस तरह देखा जाए तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के खर्च का कुल योग रोजाना 86 लाख रुपये है. पाकिस्तान सीनेट और नेशनल असेंबली सचिवालय पर रोजाना 78 लाख रुपये खर्च करता है. पाक अपने मानवाधिकारों पर रोजाना महज 3 लाख रुपये ही खर्च करता है.
पाकिस्तान और भारत का रक्षा बजट
अब बात अगर भारत और पाकिस्तान के रक्षा बजट की करें तो भारत का रक्षा बजट पाक से 9 गुना ज्यादा है. भारत ने इस साल 86.1 अरब डॉलर का रक्षा बजट जारी किया है, जो दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बजट है. पाकिस्तान का रक्षा बजट 10.2 अरब डॉलर रहा. भारत का बजट अमेरिका, चीन, रूस और जर्मनी के बाद आता है. इकनॉमी की बात करें तो भारत की जीडीपी 2,709 अरब डॉलर है, जबकि पाकिस्तान की जीडीपी इसका महज 10वां भाग यानी 263 अरब डॉलर की है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 30, 2025, 16:38 IST