ॉबांग्लादेश में इस बड़े हिंदू नेता की अगवा कर हत्या, भारत ने यूनुस सरकार को जमकर सुनाया

5 hours ago

जब से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस ने बैकडोर से सत्ता की कमान संभाली है. हिंदुओं की हालत पतली हो गई है. बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न धड़ल्ले से जारी है. हिंदुओं की हत्याएं हो रही हैं. हिंदू महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है. हिंदुओं की दुकानों को लूटा जा रहा है. मंदिरों में तोड़ फोड़ हो रही है. ताजा मामले की बात करें तो भारत ने शनिवार को बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या की निंदा की है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे देश की अंतरिम सरकार के तहत अल्पसंख्यकों के 'व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न' का हिस्सा बताया.

विदेश मंत्रालय ने दी दो टूक चेतावनी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह घटना बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ लक्षित हिंसा की खतरनाक ट्रेंड को दर्शाती है. जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'हमने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को व्यथित रूप से देखा. यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं.'

घर से किडनैप किया फिर मार डाला...

भारत ने कहा, 'हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना कोई बहाना बनाए या भेदभाव किए, हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाए. 

आपको बताते चलें कि बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष रॉय को गुरुवार शाम दिनाजपुर जिले में उनके घर से अगवा कर लिया गया. पुलिस और परिवार के अनुसार, उन्हें शाम करीब 4:30 बजे एक फोन आया, जिसके बाद चार अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन्हें जबरन नाराबारी गांव ले गए. कथित तौर पर रॉय पर हमला किया गया और वे बेहोश पाए गए. उन्हें दिनाजपुर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

विपक्ष ने बोला हमला

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं. हाल ही में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में बहुत ही निंदनीय और निराशाजनक टिप्पणी की. बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, मानवाधिकारों का उल्लंघन, 1971 के मुक्ति संग्राम की यादों को मिटाने की कोशिश, भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को कमजोर करने का प्रयास है. 1971 से लेकर आज तक भारत ने हमेशा बांग्लादेश के सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि की कामना की है. यही उपमहाद्वीप के सर्वोत्तम हित में है.' (आईएएनएस)

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