Last Updated:August 15, 2025, 17:51 IST
Can child drink milk in Diarrhea: अक्सर दस्त में दूध न पीने की सलाह दी जाती है लेकिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन की गाइडलाइंस कहती हैं कि बच्चे को एक्यूट डायरिया होने पर भी दूध बंद नहीं करना चाहिए. ...और पढ़ें

milk and feeding guidelines during Diarrhea: बारिश के मौसम में छोटे बच्चों में दस्त या डायरिया की शिकायत बढ़ने लगी है. बच्चों में खासतौर पर पतले दस्त या उल्टी दस्त से शुरू होने वाली ये परेशानी कई बार एक्यूट तो कई बार क्रॉनिक डायरिया का कारण बन रही है. इससे न केवल बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है और वजन तेजी से घटता है बल्कि जान भी चली जाती है. इसलिए बेहद जरूरी है कि दस्त होने पर बच्चों के शरीर में फ्लूड और इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा को तुरंत बढ़ाने के लिए ओआरएस पिलाया जाए.
हालांकि अक्सर देखा जाता है कि दस्त होने पर माता-पिता बच्चे को पानी की कमी पूर्ति के लिए दवा, पानी या जूस आदि तो पिलाते हैं लेकिन अक्सर कन्फ्यूजन में रहते हैं कि बच्चे को दूध दें या नहीं, कहीं इससे दस्त बढ़ तो नहीं जाएंगे? साथ ही बच्चे को बार-बार दस्त की समस्या के चलते भोजन को लेकर भी चिंताग्रस्त रहते हैं, कि क्या खिलाएं और कितने बार खिलाएं? यही वजह है कि बच्चे का वजन अक्सर दस्त के बाद घट जाता है.
हालांकि इन सवालों पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन की गाइडलांइस साफ-साफ बताती हैं कि दस्त या डायरिया होने पर बच्चों को घर पर बना हुआ या बाजार से खरीदा हुआ ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन देना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इसके साथ ही बच्चों को घर पर बने हुए कुछ पेय जैसे चावलों की कांजी या छाछ आदि देने से भी आराम मिलता है.
गाइडलाइंस कहती हैं कि दस्त या डायरिया होने पर बच्चों को आम दिनों से अलग कई-कई बार पानी और अन्य पेय देते रहने चाहिए. इस हालत में बच्चे को ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है, ऐसे में नॉर्मली 3 या 4 बार फीडिंग से अलग बच्चों को दिन में कम से कम 6 से 8 बार कुछ न कुछ खिलाते रहना चाहिए, ताकि उसे एक्स्ट्रा कैलोरी मिल सके. इस दौरान बच्चों को दाल, अनाज, उबली हुई सब्जियां और अंकुरित अनाज बार बार और ज्यादा मात्रा में खिलाना चाहिए.
दूध दें या नहीं?
दस्त में अक्सर लोग बच्चों को दूध पीने के लिए नहीं देते हैं, लेकिन गाइडलाइंस बताती हैं कि ऐसा करने की जरूरत नहीं है. जो बच्चे ब्रेस्टफीड करते हैं, उन्हें ब्रेस्ट मिल्क जबकि अन्य बड़े बच्चों को भी दूध देते रहना चाहिए. हालांकि दस्त या डायरिया होने पर कुछ बच्चों में लैक्टोज इन्टोलरेंस हो जाता है तो ऐसी स्थिति में दूध की मात्रा घटा सकते हैं. लेकिन एक्यूट डायरिया में बिल्कुल भी दूध बंद करने की जरूरत नहीं है जबकि क्रॉनिक डायरिया में अगर बच्चे को दूध नहीं पच रहा है तो थोड़े समय के लिए बंद कर सकते हैं, लेकिन उसकी जगह पर उन बच्चों को दही या सोयामिल्क देना चाहिए. जैसे ही बच्चे के दस्त में कुछ राहत हो फिर से उसका दूध शुरू कर सकते हैं.
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प्रिया गौतमSenior Correspondent
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस...और पढ़ें
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
August 15, 2025, 17:51 IST