Last Updated:July 19, 2025, 13:25 IST
Nitish Kumar Politics: नीतीश कुमार ने जब साल 2005 में बिहार की सत्ता संभाली थी, तब उन्होंने क्राइम कंट्रोल को अपनी पहली प्राथमिकता बताई थी. इस दिशा में उनकी सरकार ने अथक काम भी किया. फिर सीम नीतीश कुमार को 'स...और पढ़ें

नीतीश कुमार की राजनीति कुछ बदली-बदली सी लग रही है. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
लालू राज के जंगलराज का जिक्र जब-तब किया जाता रहा हैइस बार के विधानसभा चुनाव प्रचार में इसका जिक्र न के बराबरक्राइम कंट्रोल को लेकर नीतीश कुमार कहलाए 'सुशासन बाबू'Nitish Kumar Politics: बिहार में अन्य मुद्दों के साथ क्राइम बड़ा इश्यू रहा है. लालू यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल को खासतौर पर बेलगाम अपराध के लिए जाना जाता है. लालू यादव के कार्यकाल को विरोधी अभी भी ‘जंगलराज’ कहते हैं. नीतीश कुमार और एनडीए के अन्य नेता अतीत में अक्सर ही इसका उल्लेख कर लालू यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल का उल्लेख करते रहे हैं. अब बिहार में कुछ ही महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस बार ‘जंगलराज’ शब्द की चर्चा या उल्लेख न के बराबर हो रहा है. कभी नीतीश के तरकश में सबसे मारक तीर रहे जंगलराज को इस बार उतनी तवज्जो नहीं दी जा रही है. 18 जुलाई 2025 को मोतिहारी में हुए मेगा रैली में भी यह शब्द गुंजायमान नहीं हुआ. अब सवाल उठता है ऐसा क्यों? क्यों सीएम नीतीश और एनडीए के अन्य नेता इससे परहेज करने लगे हैं?
दरअसल, पिछले कुछ समय से बिहार में अपराध की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. राजधानी पटना में ही सभ्य और सम्मानित नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. कारोबारी से लेकर गैंगस्टर तक के साथ खुलेआम खून की होली खेली जा रही है. फिर चाहे वह कारोबारी गोपाल खेमका की खौफनाक हत्या हो या रेत कारोबारी या दुकान चलाने वाले व्यवसायी के मर्डर की घटना हो. हद तो तब हो गई जब पटना के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार एक हॉस्पिटल में कुछ अपराधी घुसकर एक गैंगस्टर की हत्या कर चलते बने. न तो अस्पताल के गार्ड कुछ कर सके और नहीं पटना पुलिस ही मौके पर इन बदमाशों को पकड़ने में कामयाब रही. बाद में भले ही ताबड़तोड़ गिरफ्तारी के दावे किए जा रहे हों. बिहार के अन्य शहरों और जिलों से भी मर्डर की घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे नीतीश सरकार के ‘सुशासन’ पर भी सवाल उठने लगे हैं. विपक्षी लगातार आरोप लगा रहे हैं कि बिहार में अब कानून का का राज और पुलिस का इकबाल खत्म हो चुका है. ये सब ऐसे समय में हो रहा है, जब बिहार विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है.
‘जंगलराज’ गायब
लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं से स्वाभाविक तौर पर नीतीश सरकार की साख भी धुमिल हुई है. हर बात पर लालू-राबड़ी के कार्यकाल के जंगलराज की बात करने वाले अब इस शब्द का इस्तेमाल करने से बचने लगे हैं. शुक्रवार 18 जुलाई 2025 को मोतिहारी पीएम मोदी की बड़ी जनसभा थी. मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे. इनमें से कइयों ने अपनी बात भी रखी, पर जंगल राज का उल्लेख नहीं किया गया. जो कभी नीतीश कुमार की तरकश का सबसे बड़ा तीर हुआ करता था वो अब नदारद है. इससे सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर भी गरम है. बता दें कि लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी जब बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब प्रदेश में अपराध अपने चरम पर था. आमलोगों को इससे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था.
क्या खिसक गया मुद्दा
‘जंगलराज’ बिहार में सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है. लालू यादव को अक्सर ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. अब दूसरा सवाल यह है कि क्या ‘जंगलराज’ वाला मुद्दा नीतीश कुमार से छिन गया है. दरअसल, पिछले कुछ समय से बिहार में हो रही आपराधिक घटनाओं का असर प्रदेश की राजनीति पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है. पारस अस्पताल में घुसकर इलाजरत सजायाफ्ता गैंगस्टर की हत्या ने कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल उठाया है. विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने इसको लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘पुलिस का इकबाल क्षय, अधिकारी बने रंक. गुंडे बने विजय व अपराधी बने सम्राट. अस्पताल में घुसकर बेख़ौफ़ अपराधियों में गोली मारी.’ तो क्या चुनावी माहौल में ‘जंगलराज’ नाम का तीर नीतीश कुमार के तरकश से गायब हो गया है? यह तो आनेवाला समय ही बताएगा, पर फिलहाल विपक्षियों के हाथ में बड़ा मुद्दा लग गया है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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