Last Updated:July 21, 2025, 11:06 IST
indian railway- भारतीय रेलवे प्रमुख स्टेशनों पर एआई आधारित फेस रिकग्निशन कैमरे लगा रहा है, जिससे अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में मदद मिलेगी. यह प्रयास महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर लगाम लगाने में मदद करेगा.

स्टेशनों में कैमरे लगाने का काम तेजी से चल रहा है.
हाइलाइट्स
अपराधियों पर लगाम लगाने की कवायदछोटे बड़े सभी स्टेशनों पर लगेंगे कैमरेइंजनों में भी लगाए जा रहे हैं कैमरेनई दिल्ली . स्टेशनों पर अपराधियों के पहुंचते ही कंट्रोल मैसेज पहुंचेगा. भागकर जवान मौक पर आएंगे और अपराधी को गिरफ्तार कर रहे हैं. भारतीय रेलवे प्रमुख स्टेशनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वाला फेस रिकग्निशन कैमरे लगा रहा है. यह प्रयास महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर लगाम लगाने में मदद करेगा. राष्ट्रीय यौन अपराधी डेटाबेस (एनडीएसओ) में 20.28 लाख से अधिक अपराधियों का डेटा दर्ज है, जिसमें उनके नाम, पते, तस्वीरें और उंगलियों के निशान शामिल हैं. यह डेटा पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए उपलब्ध है.
रेलवे के अनुसार दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद और लखनऊ में सुरक्षित शहर प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है. इनमें सीसीटीवी कैमरे, फेस रिकग्निशन, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान, स्मार्ट लाइटिंग और ड्रोन के जरिए जोखिम वाले क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही 983 प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से 499 पर एंटीग्रेटेड इमरजेंसी रिस्पांस मैनेजमेंट सिस्टम शुरू हो चुका है, जो महिलाओं की 24×7 सुरक्षा सुनिश्चित करती है. कोंकण रेलवे नेटवर्क में 67 स्टेशनों पर 740 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर की खासियत
एआई आधारित फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर के जरिए किसी भी थाने, जीआरपी, आरपीएफ या कंट्रोल रूम से संदिग्ध या अपराधी की तस्वीर अपलोड की जा सकेगी. यह तस्वीर 4के यूएचडी कैमरों में पहुंचेगी और अगर कोई संदिग्ध कैमरे के सामने से गुजरता है, तो सॉफ्टवेयर तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित करेगा. यह तकनीक घर से भागने वाले बच्चों को ढूंढने में भी मदद करेगी, क्योंकि ज्यादातर बच्चे ट्रेनों के जरिए बड़े शहरों की ओर जाते हैं.
प्रमुख स्टेशनों पर कैमरे
देशभर के सभी रेलवे स्टेशनों पर सामान्य सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, लेकिन ए1, ए, बी और सी श्रेणी के स्टेशनों पर 4के यूएचडी कैमरे लगेंगे. बड़े स्टेशनों पर 8 और छोटे स्टेशनों पर 4 कैमरे लगाए जाएंगे, जो फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर से जुड़े होंगे. इन स्टेशनों में दिल्ली, आनंद विहार, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, भोपाल, जयपुर, पटना, अमृतसर, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बेंगलुरु, रांची, अहमदाबाद, चंडीगढ़ और रायपुर शामिल हैं.
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी
वूमेन लॉयर्स एसोसिएशन की वरिष्ठ वकील महालक्ष्मी पवानी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2018 में प्रति लाख 58.8 से बढ़कर 2022 में 66.4 तक महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं. 2022 में 23.66 लाख मामले लंबित थे, जिनमें से केवल 1.5 लाख का निपटारा हुआ और मात्र 38,136 में सजा हुई. एसोसिएशन का कहना है कि सीसीटीएनएस, एनडीएसओ, आईटीएसएसओ, ईआरएसएस और आई4सी जैसे तकनीकी उपायों के बावजूद आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव नहीं आया है. इस मामले की सुनवाई आज होगी.
Location :
New Delhi,Delhi