सेना के स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन ने ऑपरेशन सिंदूर को दी पहचान

2 days ago

Last Updated:August 15, 2025, 15:27 IST

OPERATION SINDOOR: जब यह स्ट्राइक को अंजाम दिया जा रहा था, पीएम खुद ऑपरेशन को मॉनिटर कर रहे थे. सेना मुख्यालय के ऑप्स रूम में भी गहमागहमी थी. सीडीएस, तीनों सेना के प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारी लगातार ऑप्स रूम ...और पढ़ें

सेना के स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन ने ऑपरेशन सिंदूर को दी पहचानऑपरेशन सिंदूर को पहचान देने वालो को सम्मान

OPERATION SINDOOR: पाकिस्तान के प्रोपेगॉंडा को काउंटर करने वाली सेना की स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन टीम को भी पहलगाम अटैक के बाद भारतीय सेना ने पीओके और पाकिस्तान में 9 जगहों पर अटैक किए. इस ऑपरेशन को पूरी तरह से सीक्रेट रखा गया था. जिस तरह से इसे प्लान किया गया था, वह सौ फीसदी जमीन पर उतारा गया. एक तरफ ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा था, उसी वक्त यह भी तय किया जा रहा था कि ऑपरेशन की जानकारी कैसे साझा की जाए. इस पर तेजी से काम जारी था.इस काम का जिम्मा भारतीय सेना के स्ट्रैटकॉम यानी स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन के हाथ में था. इसकी बागडोर संभाल रहे थे ADG मेजर जनरल संदीप एस शारदा. उनकी पूरी टीम कई दिनों तक हेडक्वाटर में ही मौजूद थी. तीन दिन तक तो कोई घर भी नहीं गया था. सारे अफसर सेना के ऑपरेशन की सही जानकारी साझा करने में जुटे थे. इनफॉर्मेशन वॉरफेयर के दौर में सही खबर का सामने आना बेहद जरूरी था. मेजर जनरल संदीप शारदा की पूरी टीम ने इसे बेहतर तरीके से निभाया. इस काम के लिए उन्हें युद्ध सेवा मेडल (YSM) से नवाजा जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित जितनी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, उसकी सारी तैयारी इसी टीम ने अंजाम दी.

ऑपरेशन सिंदूर के लोगो डिजाइन करने वाले अफसर को सम्मान
ऑपरेशन सिंदूर को दुनिया के सामने लाने के लिए एक ऐसा लोगो की जरूरत थी जो खुद में ही ऑपरेशन को पूरी तरह से बयान कर दे. इस लोगो को आर्मी हेडक्वाटर में तैनात सेना के अफसर ले. कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह ने तैयार किया. ऑपरेशन सिंदूर का लोगो महज 45 मिनट में बनकर तैयार हुआ था. आज वही लोगो देश के शौर्य का नया निशान बन गया है. इस काम को अंजाम देने वाले ले. कर्नल हर्ष गुप्ता को थलसेना प्रमुख की तरफ से प्रशंसा पत्र दिया जा रहा है. इसके अलावा स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन टीम के तीन अन्य लेफ्टिनेंट कर्नल अमोल जाधव और लेफ्टिनेंट कर्नल अनिकेत को चीफ का कमेंडेशन कार्ड और लेफ्टिनेंट कर्नल गौतम झा को वाइस चीफ का कमेंडेशन कार्ड से नवाजा जाएगा. इन्हीं लोगों ने पाकिस्तान के झूठे नेरेटिव को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई थी.

तीन दिन तक आर्मी हेडक्वार्टर में आवाजाही थी बंद
ऑपरेशन की तारीख 7 मई तय की गई तो इसकी तैयारी पहले से ही जारी थी. इसमें ऑपरेशन के साथ-साथ कैसे उसे दुनिया के सामने लाना है, इसकी तैयारी 5 मई से ही रक्षा मंत्रालय में होने लगी थी. वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को दो दिन से वहीं रोका गया था. स्ट्राइक वाली रात को कुछ और अधिकारियों को भी दफ्तर बुलाया गया था. स्ट्राइक की जानकारी देशवासियों को किस तरह से देनी है,इसकी तैयारी चल रही थी. स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन के ऑफिस के दरवाजे पर नो एंट्री का कागज भी चस्पा कर दिया गया था. संबंधित दफ्तर को आवाजाही को पूरी तरह से बंद किया गया था. सफल स्ट्राइक की जानकारी रक्षा मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी करके दी. रिलीज पर उसके जारी करने का वक्त भी लिखा था. यह वक्त था रात 1 बजकर 44 मिनट. इसके ठीक 6 मिनट बाद, 1 बजकर 51 मिनट पर भारतीय सेना के सोशल मीडिया हैंडल से भी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का ऐलान कर दिया गया. ऑपरेशन सिंदूर के लोगो के साथ लिखा गया “बदला पूरा हुआ”.

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First Published :

August 15, 2025, 15:27 IST

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