दिल्ली एनसीआर में इस समय 10 पुराने डीजल कारें और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन खत्म करके उन्हें स्क्रैप किया जा रहा है. दरअसल ये सरकार का नियम भी है. वैसे तो ये नियम पूरे देश के लिए है लेकिन दिल्ली -एनसीआर में सख्ती से लागू है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि कैसे 50 साल या 100 साल पुरानी विंटेज कारों को इन नियमों से छूट मिल जाती हैय
आपने भी अक्सर विंटेज कारों को सड़क पर, विंटेज कार रैलियों या खास लोगों के घरों पर खड़े देखा होगा. इनमें से कुछ कारें 50 साल पुरानी होती हैं, कुछ 100 तक की भी पुरानी हो सकती है. वैसे आपको बता दें कि भारत में 100 साल पुरानी विंटेज कार भी है. ये कारें अपने रुपरंग के कारण अच्छी भी लगती हैं. जब ये विंटेज रैलियों में निकलती हैं तो देखते ही बनती हैं.
कौन सा नियम जिससे स्क्रैप में नहीं जातीं विंटेज कारें
तो आखिर वो कौन सा नियम है, जिसकी वजह से विंटेज कारें ना तो स्क्रैप में जाती हैं और ना ही उनका सड़क पर चालान किया जाता है. क्यों इन्हें लंबे समय तक रखने की इजाजत मिल जाती है. इसकी कुछ खास वजहें हैं. इनके नियम तो हम आपको आगे बताएंगे.
– विंटेज कारें रोज़ाना इस्तेमाल के लिए नहीं होतीं यानि उन्हें रोजाना सड़क पर नहीं चलाया जा सकता.
– ये सिर्फ शो, रैली, प्रदर्शनी या खास मौकों पर ही सड़क पर निकलती हैं.
– इनका ट्रैफिक, प्रदूषण और रोड सेफ्टी पर बहुत कम असर होता है.
कौन सी कारें मानी जाती हैं विंटेज कारें
50 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियां इतिहास और विरासत का हिस्सा मानी जाती हैं. दुनिया भर में इन्हें हैरिटेज एसेट का दर्जा दिया गया है. इनका निर्माण 1919 की शुरुआत से 1930 के अंत के बीच हुआ माना जाता है. इस अवधि को “विंटेज युग” कहा जाता है.
ब्रिटिश परिभाषा के अनुसार, विंटेज कारों की अंतिम तिथि 1930 है, जबकि कुछ अमेरिकी मानक इसे 1925 तक सीमित करते हैं. भारत में विंटेज कार के आयात और पंजीकरण के लिए भी आमतौर पर 50 साल या उससे अधिक पुरानी कारों को विंटेज माना जाता है, यानी वर्तमान में 1974 से पहले बनी कारें इस श्रेणी में आती हैं. इन कारों में मॉडर्न टेक्नोलॉजी वाली नहीं होती.
दुनिया की सबसे पुरानी विंटेज कार कौन सी है
दुनिया की सबसे पुरानी विंटेज कार ला मार्किज है, जिसे 1884 में फ्रांस की तीन कंपनियों ने मिलकर बनाया था. इसे कोयला, लकड़ी और कागज से चलाया जाता है. इसकी अधिकतम गति 61 किमी/घंटा (38 मील/घंटा) है. यह आज भी चलने योग्य है. इसे कई बार नीलामी में रिकॉर्ड कीमत पर बेचा गया.
भारत में विंटेज कारें कितनी
भारत में विंटेज गाड़ियों की संख्या काफी सीमित है. ये हजारों-लाखों की संख्या में नहीं हैं, इसलिए इनसे पर्यावरण या ट्रैफिक पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ता.भारत में विंटेज कारों की संख्या लगभग 3000 है. इन कारों का कुल मूल्य लगभग 350 करोड़ रुपये आंका गया है. सरकार इन्हें सिंबोलिक कैटेगरी में रखती है.
भारत में कितने साल पुरानी विंटेज कारें हैं?
भारत में 100 साल तक पुरानी गाड़ियां आज भी मौजूद. कुछ कारें ऐसी भी हैं जो 1910-1920 की बनी हुई हैं. 1911 की बनी मर्सिडीज नाइट भारत की सबसे पुरानी कार मानी जाती है. फिर 1925 में फेंटम रोल्स रॉयस, 1935 की ब्यूक सीरीज40 और 1947 की पैकर्ड क्लिपर. भारत में 1920, 1930, 1940, और 1950 के दशक की रोल्स रॉयल, बैंटले, फोर्ड, डायलमेर, कैडलॉक, मर्सिडीज और ब्यूक जैसी कारें बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
इन गाड़ियों को कौन रखता है?
– भारत के पुराने राजा-महाराजा कभी दुनिया की सबसे महंगी और लग्ज़री गाड़ियाँ रखते थे. उनके पास रोल्स रॉयस, डायलमेट, पैकर्ड जैसी बेहद कीमती गाड़ियां थीं. आज भी उदयपुर, जयपुर, ग्वालियर, जूनागढ़, हैदराबाद, बड़ौदा आदि राजघरानों के पास विंटेज कार कलेक्शन है.
देश के कुछ अमीर कारोबारी, आर्ट लवर्स और विंटेज कलेक्शन के शौकीन लोग इन कारों को खरीदकर रिस्टोर करते हैं. गौतम सिंघानिया देश के सबसे बड़े विंटेज कार कलेक्टर्स में हैं. फिर अहमदाबाद के प्राणलाल भोगीलाल का नाम आता है.
क्या इनका फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होता है
हां, विंटेज गाड़ियों को 5 साल में एक बार ही फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाना होता है लेकिन उनका सड़क पर नियमित उपयोग नहीं किया जा सकता. इनका प्रदूषण टेस्ट जरूरी नहीं होता है. इनका रजिस्ट्रेशन स्पेशल विंटेज कैटेगरी में होता है.
इनकी नंबर नंबर प्लेट और रजिस्ट्रेशन कैसा होता है?
विंटेज कारों का अलग रजिस्ट्रेशन नंबर होता है:
‘XX VA YY ####’
XX = राज्य कोड
VA = विंटेज ऑटोमोबाइल
YY = रजिस्ट्रेशन साल
#### = सीरियल नंबर
किस काम के लिए इन्हें चलाने की अनुमति मिलती है
सिर्फ विंटेज रैली में
प्रदर्शनी
शादी या फोटोशूट (कभी-कभी राज्य सरकार की परमिशन के बाद)
स्पेशल इवेंट्स
क्या विंटेज कारों का चालान भी होता है?
हां. अगर विंटेज गाड़ी नियम तोड़कर बिना अनुमति के आम ट्रैफिक में चलाई जाती है तो. ऐसे में RTO या ट्रैफिक पुलिस उस गाड़ी का चालान कर सकते हैं.
क्या इनका बीमा होता है
– विंटेज कार के लिए भी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी होता है. कई बीमा कंपनियां कस्टम क्लासिक कार इंश्योरेंस भी देती हैं.