CBI की बड़ी कार्रवाई: TISS के चांसलर समेत 35 पर भ्रष्टाचार के केस

6 hours ago

Last Updated:July 04, 2025, 10:46 IST

Medical College Inspection Corruption Case: सीबीआई ने टीआईएसएस के चांसलर डीपी सिंह और 34 अन्य पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया. स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं.

 TISS के चांसलर समेत 35 पर भ्रष्टाचार के केस

सीबीआई ने मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण मामले में मुकदमा दर्ज किया है.

हाइलाइट्स

सीबीआई ने टीआईएसएस चांसलर डीपी सिंह पर केस दर्ज किया.स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं.मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण में भ्रष्टाचार के आरोप.

Medical College Inspection Corruption Case: सीबीआई ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) के चांसलर डीपी सिंह और 34 अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोपों में एक प्राथमिकी दर्ज की है. इस मामले में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आठ अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं. सीबीआई की यह कार्रवाई देश भर के मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण और नियामक प्रक्रियाओं में कथित भ्रष्टाचार और प्रक्रियागत गड़बड़ियों को लेकर की गई है.

सीबीआई के मुताबिक डीपी सिंह 2018 से 2021 तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष रहे. इन पर मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण और नियामक प्रक्रियाओं में अनुचित लाभ और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. एफआईआर में कहा गया है कि इन प्रक्रियाओं में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने, उनके निरीक्षण में पक्षपात और नियामक मानकों की अनदेखी शामिल है. इन गड़बड़ियों के कारण न केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र की विश्वसनीयता भी प्रभावित हुई है.

सीबीआई की दिल्ली मुख्यालय में स्थित एंटी-करप्शन-3 (एसी-3) ब्रांच इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है. जांच एजेंसी ने प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर यह कार्रवाई शुरू की है, जिसमें मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण में गलत रिपोर्टिंग, फर्जी दस्तावेज और अनुचित लाभ के लिए रिश्वतखोरी के आरोप शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने इस मामले में कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है. जांच के दायरे में स्वास्थ्य मंत्रालय के उन अधिकारियों की भूमिका भी शामिल है, जिन्होंने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर निजी संस्थानों को लाभ पहुंचाया.

आरोप बेहद गंभीर

यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि डीपी सिंह जैसे प्रमुख शैक्षणिक प्रशासक पर इस तरह के आरोप पहली बार लगे हैं. उनके यूजीसी अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान मेडिकल और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए मानकों को लागू करने में पारदर्शिता की कमी की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी थीं. सीबीआई अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन अनियमितताओं में कोई बड़ा आपराधिक साठगांठ शामिल था.

सीबीआई की जांच से यह उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. सरकार और संबंधित संस्थानों ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. सीबीआई ने संकेत दिए हैं कि जांच के अगले चरण में आरोपियों से पूछताछ और अतिरिक्त साक्ष्य जुटाए जाएंगे.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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