Last Updated:July 30, 2025, 08:18 IST
हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने जल रक्षकों को पक्का करने की मंजूरी दी है. कैबिनेट ने आपदा प्रबंधन, कैंसर रोगियों के लिए डे-केयर सेंटर और नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के फैसले लिए.

हाइलाइट्स
जल रक्षकों को पक्का करने की मंजूरी मिली.आपदा प्रबंधन के लिए नई सिफारिशें लागू होंगी.कैंसर रोगियों के लिए 18 डे-केयर सेंटर स्थापित होंगे.कपिल ठाकुर
शिमला. हिमाचल प्रदेश में 12 साल बाद जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों के अच्छे दिन आए हैं. सुक्खू सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में इन्हें पक्का करने को मंजूरी दी है. दरअसल, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन कैबिनेट की मीटिंग छह घंटे तक चली. बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने 31 दिसंबर 2024 तक 12 साल या उससे अधिक की सेवा पूरी कर चुके 1,386 पात्र जल रक्षकों (वाटर गार्ड) को जल शक्ति विभाग में पंप अटेंडेंट के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया.
राज्य मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025 के लिए बाज़ार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के अंतर्गत 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सेब की खरीद को मंजूरी दी है. इस योजना के अंतर्गत बी और सी ग्रेड के किन्नू, माल्टा और संतरा 12 रुपये प्रति किलोग्राम, गलगल 10 रुपये प्रति किलोग्राम और अंकुर, कलमी और कच्चा अचारी आम 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने का भी निर्णय लिया गया है.
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास पर गठित मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित इस उप-समिति का उद्देश्य राज्य की आपदा तैयारी और पुनर्वास तंत्र को सुदृढ़ बनाने के उपायों की जाँच और सुझाव देना था. उप-समिति ने राज्य भर में इमारतों की आपदा-प्रतिरोधक क्षमता का आकलन करने के लिए संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट कराने की सिफारिश की है. इन ऑडिट के आधार पर आपदाओं के दौरान संरचनात्मक क्षति के जोखिम को कम करने के लिए पुनर्निर्माण उपाय किए जाएंगे. आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के महत्व पर ज़ोर देते हुए समिति ने राज्य भर में भूकंप-प्रतिरोधी और आपदा-प्रतिरोधी निर्माण को अनिवार्य बनाने की भी सिफारिश की है.
नेगी ने बताया कि आपदा प्रतिक्रिया की दक्षता बढ़ाने के लिए, उप-समिति ने होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाओं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के साथ एकीकृत करने का भी सुझाव दिया है, जिसका उद्देश्य आपात स्थितियों के दौरान समन्वित और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है.
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले के देहरा स्थित बनखंडी में दुर्गेश-अरण्य प्राणी उद्यान के विकास के प्रथम चरण के अंतर्गत 325 पेड़ों के स्थानांतरण को भी मंजूरी दी. मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले के देहरा में एक नया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) खोलने और इसके सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पदों के सृजन व भरने का भी निर्णय लिया.
कैंसर रोगियों के लिए फैसला
मंत्रिमंडल ने राज्य भर के जिला अस्पतालों और चुनिंदा आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में कीमोथेरेपी के लिए 18 डे-केयर सेंटरों के उन्नयन और उन्हें सुसज्जित करने को मंजूरी दी. इस पहल का उद्देश्य कैंसर रोगियों को उनके जिलों में ही सुलभ अनुवर्ती उपचार प्रदान करना है, जिससे उन्हें मेडिकल कॉलेजों या राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता कम होगी, जिससे रोगियों और उनके परिवारों के समय और खर्च दोनों की बचत होगी. मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिले के नागरिक अस्पताल तेगु-बिहार में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक और एक जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना और उसे सुसज्जित करने को भी मंजूरी दी.
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने सिविल अस्पताल मनाली, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, सिविल अस्पताल पांवटा, सिविल अस्पताल देहरा, क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ और डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में क्रिटिकल केयर ब्लॉकों के लिए चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति को मंजूरी दी. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, सिविल अस्पताल पांवटा, सिविल अस्पताल देहरा और सिविल अस्पताल नगरोटा बगवां में जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं के लिए उपकरण आपूर्ति को भी मंजूरी दी गई.
नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने का फैसला
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने नाहन, नालागढ़, मोहल और रोहड़ू में नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के साथ-साथ हमीरपुर जिले के जलारी में एक नया दूध शीतलन केंद्र और ऊना जिले के झलेरा में एक बल्क मिल्क कूलर स्थापित करने को भी मंजूरी दी. दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ में एक उद्यम संसाधन नियोजन (ईआरपी) सॉफ्टवेयर प्रणाली लागू करने का भी निर्णय लिया गया, जो इसके संचालन को डिजिटल बनाएगा और किसानों को मोबाइल फोन के माध्यम से सभी आवश्यक जानकारी आसानी से उपलब्ध कराएगा. इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने राज्य भर के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभिन्न शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के युक्तिकरण को भी मंजूरी दी.
13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...और पढ़ें
13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...
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Location :
Shimla,Shimla,Himachal Pradesh