21,000 करोड़ की हेरोइन... गुजरात में ड्रग्स तस्करी से जुड़े पहलगाम हमले के तार

4 hours ago

Last Updated:April 24, 2025, 07:44 IST

Pahalgam terror link drug racket: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तार गुजरात से जुड़ते दिख रहे हैं. एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 21 हजार करोड़ की हेरोइन जब्ती का संबंध इस हमले से है. इस हम...और पढ़ें

21,000 करोड़ की हेरोइन... गुजरात में ड्रग्स तस्करी से जुड़े पहलगाम हमले के तार

पहलगाम में आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हुई है.

हाइलाइट्स

पहलगाम हमले के तार गुजरात से जुड़े.21 हजार करोड़ की हेरोइन जब्त की गई.हमले में 27 लोगों की मौत हुई थी.

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीछे की साजिश बहुत गहरी दिख रही है. इसके तार गुजरात से जुड़ते दिख रहे हैं. गुजरात के मुंद्रा बंदरगार से पिछले दिनों 21 हजार करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई थी. इस मामले की जांच कर रही एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इस जब्ती का संबंध पहलगाम हमले से है. पहलगाम हमले में 27 लोगों की मौत हुई है. एनआईए के मुताबिक यह सब नशीले पदार्थों की तस्करी की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था, जिसका मकसद आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा जुटाना और भारत के युवाओं को नशे की लत में धकेलकर देश को कमजोर करना था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर गोलीबारी जैसी घटनाएं इस साजिश का हिस्सा थीं. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान से पहले भी इसी तरह तालक पाउडर के नाम पर वैध दस्तावेजों के साथ नशीले पदार्थ भारत लाए गए थे. इन नशीले पदार्थों को दिल्ली के नेब सराय और अलीपुर के गोदामों में रखा जाता था. इनकी बिक्री से मिलने वाला पैसा लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी गतिविधियों के लिए भेजा जाता था. एनआईए ने यह भी आरोप लगाया कि कबीर तलवार इस ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा था और इस गैरकानूनी साजिश में शामिल था.

एनआईए का हलफनामा
एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद नशीले पदार्थों के तस्कर ने पाकिस्तान की आईएसआई और ईरानी बिचौलियों की मदद से 2,988.2 किलोग्राम हेरोइन की बड़ी खेप भारत भेजी. इस खेप की कीमत 21,000 करोड़ रुपये थी. यह खेप अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते भारत लाई गई और इसे तालक पाउडर के रूप में छिपाया गया था. एनआईए के अनुसार इस नशीले पदार्थ की बिक्री से मिलने वाला पैसा आतंकवाद को फंड करने के लिए इस्तेमाल किया जाना था.

एनआईए ने यह भी बताया कि यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी जब्त की गई नशीले पदार्थ की खेप है. इसका मकसद न केवल आम लोगों, खासकर युवाओं को नशे की लत में धकेलकर समाज को नुकसान पहुंचाना था, बल्कि इसकी बिक्री से मिले पैसे को आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी इस्तेमाल करना था. इस मामले ने नशीले पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के बीच गहरे संबंध को उजागर किया है.

यह खुलासा देश के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि कैसे नशीले पदार्थों की तस्करी का इस्तेमाल न केवल समाज को बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है, बल्कि आतंकी संगठनों को मजबूत करने के लिए भी हो रहा है. एनआईए इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और ऐसे तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है.

First Published :

April 24, 2025, 07:44 IST

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