Last Updated:August 15, 2025, 17:55 IST
IAF S-400: ऑपरेशन सिंदूर में S-400 का कॉम्बैट डेब्यू हो गया. चुन चुन कर पाक के जेट गिराए. ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है, लेहाजा हमेशा वॉर के लिए तैयार रहने के लिए मेंटेनेंस भी जरूरत है. रक्षामंत्रालय की रक्षा खरीद ...और पढ़ें

IAF S-400: भारत ने अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारियों को मजबूत करना शुरू कर दिया था. खास बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर में S-400 का ऑपरेशनल डेब्यू भी हुआ और इसने रिकॉर्ड बना दिया. पाकिस्तान के फाइटर जेट को 300 किलोमीटर दूर से सटीक मार गिराने का कारनामा S-400 से किया गया.यब अब तक का सबसे बड़ा सर्फेस टू एयर किल कह सकते है. इस कारनामे को अंजाम देने वाली रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अनिमेश पाटनी को वॉर टाइम के तीसरे सबसे बड़े गैलेंट्री अवॉर्ड वीर चक्र से नवाजा जाएगा. इसके अलावा S-400 के दो अन्य अफसर विंग कमांडर मिलिंद लोंधे और विंग कमांडर केशव शर्मा को ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ की मंजूरी राष्ट्रपति की तरफ से दी गई. ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ एक सम्मान है, जो भारतीय आर्म्ड फोर्स को विशिष्ट वीरता या सराहनीय सेवा के प्रदर्शन के लिए दिया जाता है.
S-400 है गेम चेंजर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही सेना और सरकार से यह सवाल पूछे जा रहे थे कि आखिर पाकिस्तान के कितने जेट भारत ने मार गिराए. इस बात का खुलासा वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने बैंगलुरू में एक कार्यक्रम में किया. उन्होंने साफ कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 5 फाइटर जेट और एक बड़े एयरक्राफ्ट को मार गिराया है. और इन्हें एयरफोर्स के लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम S-400 से मार गिराया गया. उन्होने साफ कहा कि S-400 भारत के लिए एक गेम चेंजर है.
S-400 की ताकत बेमिसाल
S-400 सिस्टम की खासियत है कि यह 600 किलोमीटर दूर से आने वाले किसी भी दुश्मन के हवाई हमले को डिटेक्ट कर सकता है. यह स्ट्रेटेजिक बॉम्बर, इलेक्ट्रिक वॉरफेयर प्लेन, टोही विमान, अर्ली वॉर्निंग रडार एयरक्राफ्ट, फाइटर एयरक्राफ्ट, आर्म्ड ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल हमलों को 400 किलोमीटर की दूरी तक मार सकता है. जैसे ही दुश्मन रेंज में आता है, यह उसे तबाह कर देता है. एक सामान्य रेजिमेंट में 8 लॉन्च व्हीकल होते हैं और हर लॉन्चर में 4 मिसाइल ट्यूब होते हैं, यानी एक स्क्वाड्रन में 32 मिसाइलें होती हैं, साथ ही कमांड एंड कंट्रोल और लॉन्ग रेंज रडार भी होते हैं.
2027 तक पूरी हो जाएगी डिलीवरी
रूस से खरीदी गई 5 S-400 यूनिट की डिलीवरी अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। पिछले साल दिसंबर में रक्षा मंत्री के रूस यात्रा के दौरान भी इसे लेकर बातचीत हुई थी. सूत्रों के अनुसार SCO के साइड लाइन में हुई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव के बीच द्विपक्षीय वार्ता में भी इसका जिक्र हुआ. भारत ने रूस के साथ साल 2018 में 39,000 करोड़ रुपये में 5 S-400 लेने की डील की थी. पहली स्क्वाड्रन भारत को दिसंबर 2021 में मिली थी. दूसरा स्क्वाड्रन अप्रैल 2022 और तीसरी स्क्वाड्रन फरवरी 2023 को मिली. बाकी बचे 2 स्क्वाड्रन 2024 में डिलीवर होने की बात थी लेकिन वह टाइमलाइन मिस हो गई थी. अब जो टाइमलाइन आई है उसके मुताबिक अगले साल एक यूनिट और 2027 में आखिरी पांचवीं यूनिट मिलने की संभावना है.
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First Published :
August 15, 2025, 17:55 IST