Last Updated:August 09, 2025, 08:23 IST
Indian Railway News: भारतीय रेलवे ने नया इतिहास रच दिया है! उत्तर प्रदेश के डीडीयू मुगलसराय रेल खंड पर 4.5 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी ‘रुद्रास्त्र’ का सफल ट्रायल हुआ. छह मालगाड़ियों को जोड़कर बनी यह ट्रेन, 354 वैगन...और पढ़ें

सासाराम. डीडीयू मुगलसराय रेल खंड पर देश की सबसे लंबी मालगाड़ी ट्रेन का ट्रायल किया गया. छह मालगाड़ी को जोड़कर 354 बैगन वाले 4.5 किलोमीटर से भी लंबी मालगाड़ी का उत्तर प्रदेश के मुगलसराय के पास स्थित गंजख्वाजा से शुरू कर झारखंड के गढ़वा रोड स्टेशन तक ट्रायल किया गया. इस दौरान लगभग 209 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर यह सबसे लंबी मालगाड़ी चलाई गई. इसमें 7 इंजन लगाए गए. दरअसल, पहली बार इतनी लंबी मालगाड़ी को चलायी गयी है. इसे ‘रुद्रास्त्र’ नाम दिया गया. खास बात यह भी रही कि 40 किमी प्रति घंटा की औसत गति से यह केवल 5 घंटे में अपने गंतव्य तक पहुंची.इस प्रयोग को भारतीय रेल के लिए एक अभूतपूर्व कदम कहा जा रहा है.
ऐतिहासिक ट्रायल की शुरुआत
लगभग 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से यह ट्रेन मुगलसराय के पास स्थित गंज ख्वाजा स्टेशन से खुली और भभुआ रोड, सासाराम, डेहरी ऑन सोन और सोननगर होते हुए झारखंड के गढ़वा रोड तक 209 किलोमीटर की दूरी तय की गयी. इसके बाद अगले रेल मंडल को यह ट्रेन हैंडोवर कर दिया गया. बता दें कि 4.5 किलोमीटर लंबी ‘रुद्रास्त्र’ नामक मालगाड़ी को डेडीकेटेड फ्लीट कॉरिडोर DFCC पर सोन नगर तक चलाया गया. उसके बाद से मालगाड़ी भारतीय रेल के ट्रैक पर चलाई गई.
डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का योगदान
‘रुद्रास्त्र’ को डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFCC) पर सोननगर तक और फिर भारतीय रेल के सामान्य ट्रैक पर चलाया गया. डीएफसीसी ने माल ढुलाई की क्षमता और गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह कॉरिडोर मालगाड़ियों के लिए विशेष रूप से बनाया गया है जो यात्री ट्रेनों से टकराव को कम करता है और समयबद्ध ढुलाई सुनिश्चित करता है. इस प्रयोग ने डीएफसीसी की उपयोगिता को और साबित किया.
रूद्रास्त्र मालगाड़ी को 7 इंजनों ने मिलकर खींचा,209 किलोमीटर की दूरी को 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से मात्र 5 घंटे में किया पूरा.
डीडीयू मंडल की बड़ी उपलब्धि
डीडीयू रेल मंडल के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. इस संबंध में डीडीयू मुगलसराय के मंडल रेल प्रबंधक डीआरएम उदय सिंह मीणा ने बताया कि मात्र 5 घंटे की समय में 40 किलोमीटर प्रति घंटा के औसत से यह ट्रेन चलाई गई. इसका नाम ‘रुद्रास्त्र’ रखा गया. देश में भारतीय रेल का यह एक अनूठा प्रयोग है. ‘रुद्रास्त्र’ का सफल संचालन माल ढुलाई की क्षमता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर है.
उद्योगों के लिए नई संभावनाएं
4.5 किलोमीटर लंबी रुद्रास्त्र मालगाड़ी का सफल संचालन डीडीयू मंडल की नई सोच और नवाचार यानी इनोवेशन की शानदार मिसाल है. बता दें कि इस अनूठे मालगाड़ी का सभी बैगन खाली था. यह प्रयोग सफल हो जाने पर भारतीय रेल उद्योग को एक साथ भारी मात्रा में सामग्री उपलब्ध करा सकता है. रेल यातायात का यह प्रयोग भारतीय उद्योगों को बढ़ावा देने में काफी कारगर होगा.
Location :
Sasaram,Rohtas,Bihar
First Published :
August 09, 2025, 08:23 IST