Last Updated:August 06, 2025, 06:01 IST
Supreme Court Hearing on Divorce: सुप्रीम कोर्ट ने तलाकशुदा दंपति की दूसरी शादी को खत्म कर दिया. CJI बीआर गवई की बेंच ने महिला की 12 करोड़ और BMW की मांग को खारिज कर दिया. हालांकि इसके साथ ही पति को मुंबई में 4...और पढ़ें

हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने पति को 4 करोड़ का फ्लैट पत्नी को देने का आदेश दिया.पत्नी की 12 करोड़ और BMW की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की.कोर्ट ने कहा- पत्नी पढ़ी लिखी और अच्छी नौकरी करने में सक्षम हैं.सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत एक तलाकशुदा दंपति की दूसरी शादी को खत्म कर दिया. कोर्ट के इसके साथ ही पति को आदेश दिया कि वह मुंबई के पॉश इलाके में स्थित 4 करोड़ रुपये कीमत वाला एक फ्लैट अपनी पत्नी को गिफ्ट करे. अदालत ने पत्नी की 12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मुआवजे और BMW कार की मांग को सख्ती से खारिज कर दिया.
चीफ जस्टिस बीआर गवई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दोनों पक्षों की यह दूसरी शादी थी, जो पूरी तरह से टूट चुकी है और अब इसे जारी रखने की कोई संभावना नहीं है. इस बेंच में CJI गवई के अलावा जस्टिस के. विनोद चंद्रन और एनवी अंजारिया भी शामिल थे. उन्होंने माना कि आठ साल पुराना यह वैवाहिक संबंध एक दूसरे को नया मौका देने की कोशिश थी, जो असफल रहा.
कोर्ट ने कहा कि पत्नी को उसकी पहली शादी टूटने पर मिले गुजारा भत्ते का इस दूसरी शादी के मामले में कोई प्रभाव नहीं हो सकता. यह मामला अलग है और इसके लिए अलग दृष्टिकोण अपनाना होगा.
‘खुद नौकरी करके कमा सकती है पत्नी’
वरिष्ठ वकील माधवी दीवान और प्रभजीत जौहर की दलीलों को स्वीकार करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि पत्नी खुद भी एक इंजीनियर हैं और उसके पास मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री भी है, साथ ही वह पहले भी नौकरी कर चुकी हैं. इस बैकग्राउंड को देखते हुए अदालत ने निर्णय दिया कि मुंबई के डॉ. एसएस. रोड पर स्थित फ्लैट का उपहार ही तलाक की स्थिति में पर्याप्त गुजारा भत्ता होगा. इस फ्लैट की कीमत 4 करोड़ रुपये है. अदालत ने इसके साथ ही पति को आदेश दिया कि वह 30 अगस्त से पहले फ्लैट का गिफ्ट डीड पूरा करें और 1 सितंबर तक सोसायटी के बकाया 26 लाख रुपये भी अदा करें.
पत्नी की उस दलील को कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उसने पति के ‘लिंक्डइन प्रोफाइल’ के आधार पर 12 करोड़ रुपये और एक BMW कार की मांग की थी. कोर्ट ने साफ किया कि केवल लिंक्डइन प्रोफाइल के आधार पर किसी की आर्थिक स्थिति का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. कोर्ट ने यह भी कहा कि पत्नी खुद पढ़ी-लिखी और काम करने में सक्षम हैं और उनके पास आईटी सेक्टर में अच्छा अनुभव है, जिससे वह खुद अपना भरण-पोषण कर सकती हैं.
‘आलीशान फ्लैट का गिफ्ट ही पर्याप्त’
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘हम ‘लिंक्डइन प्रोफाइल’ पर कोई भरोसा नहीं कर सकते. पत्नी शिक्षित हैं, पहले काम कर चुकी हैं और उनके पास आत्मनिर्भर बनने की पूरी क्षमता है. इस स्थिति में बिना किसी बंधन के एक आलीशान अपार्टमेंट का उपहार ही पर्याप्त होगा.’
इस ऐतिहासिक फैसले के जरिये कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि तलाक के मामलों में मुआवजे की मांग को केवल भावनात्मक आधार पर नहीं, बल्कि यथार्थ और व्यावहारिक नजरिये से देखा जाएगा.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 06, 2025, 06:01 IST