Last Updated:August 15, 2025, 10:59 IST
excerpt- भारतीय मूल की माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर ऋत्विका नागला ने बताया कि कैसे उन्होंने 5 साल में 4 बार प्रमोशन हासिल किया. उनकी सफलता के पीछे कुछ आसान टिप्स है जिससे उन्हें करियर में तरक्की मिली हैं.

नई दिल्ली. अगर आप जॉब करते हैं तो आप सोचते होंगे कि कैसे जल्दी से जल्दी प्रमोशन मिले और आपकी सैलरी बढ़ने के साथ-साथ पद भी बढ़ जाए. इस प्रमोशन के चक्कर में आपने कई पापड़ बेले होंगे. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर के सीक्रेट टिप्स बताएंगे जिससे उन्हें 5 साल में 4 बार प्रमोशन मिल गया.
भारतीय मूल की ऋत्विका नागला नाम की माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर ने अपनी कामयाबी की कहानी शेयर की है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें इतनी बार प्रमोशन हासिल हुआ. यह टिप्स हर उस शख्स के लिए प्रेरणा है, जो अपने करियर में आगे बढ़ना चाहता है. उन्होंने अपने अनुभव और कुछ खास टिप्स शेयर किए हैं, जो आसान लेकिन बहुत कारगर हैं.
मेहनत और सही दिशा में काम करना है जरूरी
इस इंजीनियर का कहना है कि सफलता का सबसे बड़ा राज मेहनत और सही दिशा में काम करना है. उन्होंने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट में काम शुरू करने से पहले वे अपनी स्किल्स को लगातार बेहतर करते रहे. टेक्नोलॉजी की दुनिया में हमेशा कुछ नया सीखते रहना जरूरी है. उन्होंने प्रोग्रामिंग, डेटा एनालिसिस और क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसी स्किल्स पर ध्यान दिया. इसके लिए वे ऑनलाइन कोर्स, वर्कशॉप और प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेते थे. उनका मानना है कि अगर आप अपनी फील्ड में मास्टर बनना चाहते हैं, तो सीखने की भूख कभी खत्म नहीं होनी चाहिए.
टीम के साथ खुलकर बात करें
उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपने काम को समझना और उसमें लगातार सुधार करना जरूरी है. वे हमेशा अपने प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करते थे और अपने बॉस या टीम के साथ खुलकर बात करते थे. इससे उनकी मेहनत को सही पहचान मिली. वे कहते हैं कि अपने काम को सिर्फ ड्यूटी समझने की बजाय उसमें रुचि लेना जरूरी है. जब आप अपने काम को प्यार से करते हैं, तो रिजल्ट अपने आप बेहतर आते हैं.
मेंटरशिप का मिला साथ
टीमवर्क को उन्होंने अपनी सफलता का एक और अहम हिस्सा बताया. माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़ी कंपनी में अकेले काम करना मुश्किल है. उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर काम किया और दूसरों की मदद करने में कभी पीछे नहीं हटे. इससे न सिर्फ उनका काम आसान हुआ, बल्कि उनकी इमेज भी एक अच्छे कर्मचारी की बनी. वे कहते हैं कि अगर आप दूसरों का सम्मान करते हैं और उनकी मदद करते हैं, तो लोग भी आपको सपोर्ट करते हैं. एक और खास बात जो उन्होंने साझा की, वह थी मेंटरशिप की अहमियत. उनके सीनियर्स और मेंटर्स ने उन्हें सही दिशा दिखाई और गलतियों से सीखने में मदद की. वे कहते हैं कि अपने सीनियर्स से फीडबैक लेना और उस पर काम करना बहुत जरूरी है. इससे न सिर्फ आपकी कमियां सुधरती हैं, बल्कि आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है. उन्होंने हौसला बनाए रखने की सलाह दी. करियर में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन धैर्य और मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है. उनकी यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर हम मेहनत, सीखने की ललक और सही नजरिया रखें, तो सफलता जरूर मिलती है.
यशस्वी यादव एक अनुभवी बिजनेस राइटर हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में दो साल का अनुभव है। ये नेटवर्क18 के साथ मनी सेक्शन में सब-एडिटर के तौर पर कार्यरत पर काम कर रही हैं। यशस्वी का फोकस बिजनेस और फाइनेंस से जुड़...और पढ़ें
यशस्वी यादव एक अनुभवी बिजनेस राइटर हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में दो साल का अनुभव है। ये नेटवर्क18 के साथ मनी सेक्शन में सब-एडिटर के तौर पर कार्यरत पर काम कर रही हैं। यशस्वी का फोकस बिजनेस और फाइनेंस से जुड़...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 15, 2025, 10:59 IST