अमेरिका के लिए भारत क्यों जरूरी? निक्की हेली ने ट्रंप को दिखाया आइना

6 hours ago

Last Updated:August 21, 2025, 06:38 IST

Donald Trump Tariff War: UN में पूर्व अमेरिका की राजदूत रह चुकीं भारतीय मूल की निक्‍की हेली ने मजबूत भारत-अमेरिका संबंध की वकालत की है. 'न्‍यूजवीक' में लिखे आर्टिकल में उन्‍होंने कहा कि डोनाल्‍ड ट्रंप सरकार की ...और पढ़ें

अमेरिका के लिए भारत क्यों जरूरी? निक्की हेली ने ट्रंप को दिखाया आइनायूएन में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्‍की हेली ने भारत के प्रति डोनाल्‍ड ट्रंप सरकार की नीतियों की आलोचना की है. (फोटो: एपी)

Donald Trump Tariff War: अमेरिका की डोनाल्‍ड ट्रंप की सरकार की नीतियों की अब देश में ही कड़ी आलोचना होने लगी है. भारत पर अतिरिक्‍त टैरिफ लगाने के राष्‍ट्रपति ट्रंप के फैसले के बाद से ही एक्‍सपर्ट और पॉलिटिकल लीडर्स उनकी आलोचना करने लगे हैं. ट्रंप ने रूस से तेल इंपोर्ट करने के चलते भारत के खिलाफ एक्‍शन लिया है, वहीं चीन अभी भी मौज काट रहा है. बता दें कि चीन भारत के मुकाबले रूस से कहीं ज्‍यादा पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट्स का इंपोर्ट करता है. उसी तेल को रिफाइन कर यूरोपीय बाजार में उसे बेचता भी है. अब अमेरिका की दिग्‍गज नेता और यूएन में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्‍की हेली ने ट्रंप की इस नीति की कड़ी आलोचना की है. ‘न्‍यूजवीक’ में लिखे अपने आर्टिकल में उन्‍होंने कहा कि चार दशक बाद अमेरिका-भारत का संबंध एक अहम मोड़ पर खड़ा दिखाई दे रहा है.

निक्‍की हेली ने अपने लेख में लिखा कि डोनाल्ड ट्रंप सरकार की विदेश नीति के दो प्रमुख लक्ष्य (चीन को पछाड़ना और शक्ति के जरिए शांति) हासिल करने में भारत अहम भूमिका निभा सकता है. बावजूद इसके हालिया घटनाक्रमों ने अमेरिका-भारत रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है. उन्‍होंने लिखा, ‘पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका की ट्रंप सरकार ने भारत को रूसी तेल की खरीद पर 25% टैरिफ की धमकी दी है. यह कदम पहले से ही भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 25% शुल्क के बाद आया है. यह तनाव उस समय और गहरा गया जब अमेरिका की भूमिका भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम वार्ता में सवालों के घेरे में आई. ट्रंप का मानना है कि भारत की रूसी तेल पर निर्भरता व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन युद्ध को मदद पहुंचा रही है. साथ ही भारत लंबे समय से एक ‘प्रोटेक्शनिस्ट इकॉनमी’ यानी संरक्षणवादी अर्थव्यवस्था रहा है, जिसकी औसत टैरिफ दर अमेरिका से पांच गुना अधिक बताई गई.’

रणनीतिक दृष्टिकोण से भारत जरूरी

‘न्‍यूजवीक’ में लिखे आर्टिकल में निक्‍कल हेली ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को चीन की तरह विरोधी मानना एक बड़ी भूल होगी. चीन जहां रूस से तेल आयात जारी रखे हुए है और अब तक किसी बड़े प्रतिबंध का सामना नहीं कर रहा, वहीं भारत को दंडित करना अमेरिका की एशिया रणनीति को कमजोर कर सकता है. भारत न केवल अमेरिकी सप्लाई चेन को चीन से अलग करने में मदद कर सकता है, बल्कि टेक्सटाइल, सस्ते मोबाइल फोन और सोलर पैनल जैसे बड़े पैमाने पर उत्पादन में भी अहम भागीदार बन सकता है. रक्षा क्षेत्र में भी भारत की अहमियत तेजी से बढ़ रही है. अमेरिका, इज़रायल और अन्य सहयोगी देशों के साथ सैन्य सहयोग, भारतीय बाजार में अमेरिकी हथियारों की बढ़ती हिस्सेदारी और मध्य-पूर्व में भारत की सक्रिय भूमिका इसे अमेरिका का स्वाभाविक सुरक्षा साझेदार बनाती है.

भारत की ताकत

निक्‍कल हेली ने आगे लिखा कि साल 2023 में चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है. इसके पास यंग वर्कफोर्स है, जबकि चीन की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है. भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. भारत का उदय चीन की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन चीन के विपरीत लोकतांत्रिक भारत का उत्थान फ्री वर्ल्ड के लिए खतरा नहीं है.

अमेरिका-भारत साझेदारी की जरूरत

यूएन में अमेरिका की पूर्व प्रतिनिधि ने आगे लिखा कि भारत और चीन पड़ोसी होने के बावजूद प्रतिद्वंद्वी हैं. साल 2020 में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर हुई हिंसक झड़प इसका ताजा उदाहरण है. ऐसे में अमेरिका के हित में है कि वह भारत को आर्थिक और सैन्य रूप से मज़बूत बनाए, ताकि वह चीन का सामना कर सके. अगर अमेरिका-भारत के बीच व्यापारिक विवाद गहरा गया तो सबसे बड़ा फायदा बीजिंग को होगा, जो दोनों को एक-दूसरे के खिलाफ खेलने की कोशिश करेगा.

भारत निकाले समाधान

निक्‍की हेली के अनुसार, एक्‍सपर्ट का कहना है कि भारत को रूसी तेल पर ट्रंप की आपत्ति को गंभीरता से लेना चाहिए और कोई समाधान निकालना चाहिए. वहीं, अमेरिका को भी तत्काल प्राथमिकता के आधार पर रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सीधी बातचीत करनी चाहिए. चार दशकों की मित्रता और सहयोग के बावजूद यह रिश्ता कठिन दौर से गुजर रहा है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यही कठिन संवाद साझेदारी को और गहरा करने का संकेत हो सकता है. अमेरिका के लिए सबसे बड़ा सबक यह है कि चीन का सामना करना है तो भारत को दोस्त बनाए रखना अनिवार्य है.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...

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New Delhi,Delhi

First Published :

August 21, 2025, 06:38 IST

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