Last Updated:August 21, 2025, 11:26 IST
असम के शिवसागर जिले में दो अजीब सी घटनाएं हुईं. एक शख्स ने कोबरा का सिर काट लिया था. और उसे कटे सिर के काटने से वो मर गया. दूसरे वाकए में ट्रैक्टर के कुचले गए कोबरा ने एक शख्स को काटा और वो तुरंत मर गया

अगर आप मरे हुए सांप के पास जा रहे हों तो जरा संभल कर ही जाएं. उसके सिर के आसपास तो बिल्कुल ही ना जाएं. अगर आपने गलती से उसके सिर को छू लिया या आपका पैर उस पर पड़ गया तो वो तुरंत आपको काट लेगा. अगर ये सांप कोबरा, करैत या विष वाला हुआ तो फिर आपका बचना मुश्किल हो जाएगा. साइंस भी इस बारे में कहती है कि ये संभव है. मरा सांप काट भी सकता है और जहर भी निकाल सकता है. असम में ऐसा ही हुआ है. दो लोगों को मरे सांप ने काटा और वो बच नहीं पाए.
अंग्रेजी समाचार पत्र द हिंदू के अनुसार, असम के शिवसागर ज़िले में एक 45 वर्षीय व्यक्ति को एक काले मोनोक्लेड कोबरा के कटे सिर ने डस लिया, जिसका सिर उसने मुर्गीघर में मुर्गियों को खाने के बाद काट लिया था. जब वह शव को फेंकने की कोशिश कर रहा था, तभी सांप के सिर ने उसे काट खाया. जहर अंदर पहुंचा और वह मर गया.
उसी जिले के दूसरे पीड़ित को मरे कोबरा ने काटा जब वह अपने ट्रैक्टर के पहिये के नीचे कुचले गए एक कोबरा को देख रहा था. वैसे दुनिया में पहली बार ऐसे दो मामले हुए जहां मरे कोबरा ने काटा और मृत्यु हो गई.
साइंस की कई रिसर्च भी इस बात की तसदीक करती हैं कि मरे हुए सांप का मुंह और सिर उतना ही खतरनाक होता है, जितना जिंदा सांप का. अगर आप उसके मुंह या शरीर के करीब हाथ ले जा रहे हैं या आपके शरीर का कोई भी हिस्सा उससे टच भी हो जाए तो समझिए बड़ा खतरा है.
क्यों होता है ऐसा
सांप के मरने के कुछ घंटों बाद भी उसका सिर और शरीर रिफ्लेक्सिव एक्शन में आ सकता है. इसी वजह से अगर आपने उसके मुंह या सिर को छुआ या आपके शरीर से ऐसा कोई काम हो गया तो वो काट सकता है और जहर निकालकर आपको पलक झपकते मौत के मुंह में पहुंचा सकता है.
ये आटोमैटिक रिफ्लेक्स
मृत सांप के काटने और जहर निकालने की क्रिया दरअसल उसके दिमाग के भी सीधे नियंत्रण में नहीं होती बल्कि ये मानिए कि ये आटोमैटिक रिफ्लेक्स की तरह काम करती है. यह ठीक वैसे ही है जैसे इंसान की टांग में घुटने के नीचे वाली जगह पर हथौड़े से मारने पर पैर अपने आप हिलता है, भले ही दिमाग उसे हिलाने का आदेश न दे.
सांप की कोशिकाएं और ब्रेन मरने के कई घंटे तक हरकत में होता है
सांप के शरीर की कोशिकाएं और ब्रेन मरने के बाद तुरंत नहीं मरता बल्कि कई घंटे तक एक्टिव रहता है. उनमें ऊर्जा बनी रहती है. जब कोई बाहरी चीज मरने के बाद सांप के सिर या जबड़े पर लगती है, तो ये ऊर्जा उस रिफ्लेक्स एक्शन को तुरंत एक्टिव कर देती है. उनमें एक उत्तेजना सी होती है.
इस उत्तेजना से नसों से एक संकेत जाता है, जो जहर की ग्रंथियों और काटने वाली मांसपेशियों को सिकुड़ने का आदेश देता है, जिससे जहर बाहर निकलता है.
साइंस लैब में क्या देखा गया
इस विषय पर कई स्टडीज हुईं. कई डॉक्यूमेंटेड केस सामने आए. वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मरे हुए सांपों के सिर को उत्तेजित करके देखा कि वे काटने जैसी हरकत कर सकते हैं और जहर निकाल सकते हैं.
ऐसी कई घटनाएं दर्ज की गईं जहां लोगों ने मरे हुए सांप का सिर काटते या छीलते समय ये पाया कि सांप ने उन्हें काटते हुए जहरीला दंश दे दिया. उन्हें अस्पताल में एंटीवेनम लेने की जरूरत पड़ी. यहां तक कि सांप के अलग किए हुए सिर भी खतरनाक होते हैं.
कितनी देर तक रहता है यह खतरा?
यह समय अवधि सांप की प्रजाति, पर्यावरण के तापमान और मौत के तरीके पर निर्भर करती है. आमतौर पर, यह क्षमता कुछ मिनटों से लेकर एक या दो घंटे तक या कई मामलों में कई घंटों तक देखी गई है. खासकर अगर सांप को ठंडी जगह पर रखा गया हो, जहां कोशिकाओं की गति धीमी हो जाती है और वे जल्दी नहीं मरतीं.
मरे हुए सांप को कैसे हैंडल करें
कभी भी मरे हुए सांप को हाथ लगाने या उसके सिर के पास जाने में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें. विशेष रूप से उसके मुंह को न छुएं. मरे हुए सांप को भी ऐसे ही हैंडल करें जैसे वह जीवित हो. बहुत सावधानी से और लंबे उपकरण का इस्तेमाल करके.
भारत में भी ऐसे मामले देखे गए
अभी हाल में असम में जियोलॉजिस्ट्स ने एक मृत कोबरा और क्रेट सांप द्वारा विष निकालने का मामला देखा और उसे दर्ज किया. आस्ट्रेलिया में अक्सर मरे हुए सांपों द्वारा काटे जाने की घटनाएं हो चुकी हैं और ऐसे में लोग मर भी चुके हैं.
अंतर्राष्ट्रीय जर्नल फ्रंटियर्स इन ट्रॉपिकल डिजीज के नवीनतम अंक में प्रकाशित एक अध्ययन में ये कहा गया कि भारत में कोबरा और करैत मरने के तीन घंटे बाद भी विष छोड़ सकते हैं.
Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
August 20, 2025, 13:21 IST