Last Updated:April 16, 2025, 13:58 IST
पंढरपुर की विठ्ठल पादुका यात्रा 22 देशों और 18 हजार किलोमीटर का सफर तय कर 21 जून को लंदन पहुंचेगी. अनिल खेडेकर और उनकी दिंडी इस यात्रा का आयोजन कर रहे हैं. लंदन में विठ्ठल का भव्य मंदिर बनेगा.

पंढरपुर से लंदन तक विठ्ठल पादुका यात्रा
सोलापुर: पंढरपुर की वारी यानी पालखी यात्रा अब सीधे सात समुंदर पार जाएगी. मूल रूप से अहिल्यानगर के लेकिन वर्तमान में लंदन में बसे विठ्ठल भक्त अनिल खेडेकर और उनकी दिंडी पंढरपुर से श्री विठ्ठल की पादुका लेकर सीधे लंदन जा रहे हैं. 14 अप्रैल से 21 जून के बीच यह अनोखी दिंडी 22 देशों और 18 हजार किलोमीटर का सफर करेगी. इस संदर्भ में अधिक जानकारी विठ्ठल भक्त अनिल खेडेकर ने लोकल18 से बातचीत में दी.
बता दें कि विठ्ठल का महिमा पूरे विश्व को आकर्षित करता है और इसी कारण यूरोप के मराठी भक्तों ने लंदन में विठ्ठल का भव्य मंदिर बनाने का संकल्प लिया है. इसके लिए सोमवार को पंढरपुर से विठ्ठल की पादुका सड़क मार्ग से 22 देश और दो महाद्वीप पार करेंगे. सोमवार यानी 14 अप्रैल को पंढरपुर के विठ्ठल मंदिर से शुरू हुआ पादुका का यह सफर 70 दिनों तक चलेगा और 21 जून को लंदन में प्रवेश करेगा, ऐसा आयोजक अनिल खेडेकर ने बताया.
22 देशों से यात्रा
खेडेकर ने बताया कि पंढरपुर से लंदन की यात्रा करते समय विभिन्न देशों की विभिन्न अनुमति, पास आदि कानूनी मान्यता छह महीने से चल रही थी. इसके लिए 22 देशों की चार पहिया गाड़ी यात्रा की सभी अनुमतियां मिल गई हैं. आगे उन्होंने 14 अप्रैल से 21 जून का समय निश्चित किया. रोज कितने किलोमीटर यात्रा, ठहराव का नियोजन किया. अमेरिका, यूरोप में मराठी मंडल, इस्कॉन, अक्षरधाम और विभिन्न मंदिरों ने सहयोग किया.
कई लोगों की मदद
वास्तव में इसके लिए लंदन और यूरोप महाद्वीप में रहने वाले सभी मराठी भाषियों का पहल, सहभागिता होने के कारण इन पादुकाओं का मार्ग में सभी 22 देशों में विभिन्न मराठी मंडल जोरदार स्वागत करेंगे. सात समुंदर पार विठ्ठल का सबसे बड़ा मंदिर बनाते समय राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बड़ी मदद की.
कैसा होगा लंदन का विठ्ठल मंदिर?
लंदन में बन रहे विठ्ठल मंदिर में पंढरपुर की तरह ही वालुकाश्म पत्थर से हूबहू मूर्ति बनाने का प्रयास चल रहा है. इसके लिए राम लल्ला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों से संपर्क किया गया है. इसके लिए पहल करने वाले अनिल खेडेकर लंदन से आकर 2017 से हर साल आळंदी से पंढरपुर तक पैदल वारी करते आ रहे हैं. इस पैदल वारी के अनुभव से यूरोप के हजारों मराठी भक्तों को विठ्ठल भक्ति का जुनून चढ़ा है.
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इस बीच, लंदन में विठ्ठल मंदिर बनाने की संकल्पना विठ्ठल भक्ति से ही आई है. टाल मृदंग और हरिनाम के जयघोष में यह अनोखी सात समुंदर पार दिंडी बड़े उत्साह से प्रस्थान कर चुकी है. दिंडी लंदन में 21 जून को पहुंचेगी. इसके बाद विठ्ठल का भव्य मंदिर खड़ा होगा.
First Published :
April 16, 2025, 13:58 IST