80,000 की EMI या 35,000 का किराया? क्या घर खरीदना बेहतर या रेंट देना है सही

5 days ago

Last Updated:August 15, 2025, 12:34 IST

एक पोस्ट ने घर खरीदने या किराए पर रहने की बहस छेड़ दी है. इसने लोगों को अपने पैसे और जिंदगी के फैसलों पर फिर से सोचने पर मजबूर किया है. कुछ का मानना है कि भारी लोन लेकर घर खरीदना बैंक का कर्जदार बनने जैसा है, ज...और पढ़ें

80,000 की EMI या 35,000 का किराया? क्या घर खरीदना बेहतर या रेंट देना है सहीजीएसटी स्‍लैब को घटाकर सरकार दिवाली तक सामान सस्‍ता करेगी.

नई दिल्‍ली. घर खरीदना है या किराए पर रहना? यह सवाल आजकल हर किसी के दिमाग में चल रहा है. हाल ही में एक रेडिट पोस्ट ने इस सवाल पर जोरदार बहस छेड़ दी है, जिसमें लोग अपनी राय और अनुभव को शेयर कर रहे हैं. इस पोस्ट ने लोगों को अपनी जिंदगी और पैसे के फैसलों पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. कोई कहता है कि भारी लोन लेकर घर खरीदना बैंक का गुलाम बनने जैसा है, तो कोई कहता है कि अपना घर होने की सुरक्षा और आजादी का कोई मुकाबला नहीं.

पोस्ट में एक शख्स ने सलाह दी कि बड़े शहरों में डेढ़ करोड़ का फ्लैट खरीदने के लिए भारी लोन लेने की बजाय किराए पर रहना बेहतर है. उनके हिसाब से, डेढ़ करोड़ के फ्लैट के लिए 30 लाख रुपये डाउन पेमेंट के बाद भी 1.2 करोड़ का लोन लेना पड़ता है. 7.5% ब्याज दर पर हर महीने 80,000 रुपये की EMI देनी होगी, जो रिटायरमेंट तक चलेगी. इतने सालों में ब्याज के रूप में फ्लैट की कीमत जितना पैसा देना पड़ सकता है. उनका कहना है कि इससे आप बैंक के किराएदार जैसे बन जाते हैं, क्योंकि नौकरी चली जाए और EMI रुक जाए, तो घर छिन सकता है. दूसरी तरफ, यही फ्लैट 30,000-35,000 रुपये महीने में किराए पर मिल सकता है, और बचे हुए पैसे को निवेश करके अच्छा रिटर्न कमाया जा सकता है.

क्या घर खरीदना है सही फैसला?

इस पोस्ट पर लोगों ने खूब राय दी. कुछ का कहना था कि आज के अनिश्चित माहौल में इतना बड़ा लोन लेना जोखिम भरा है. पहले के जमाने में घर खरीदना आसान था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि डेढ़ करोड़ के फ्लैट का किराया 35,000 रुपये से ज्यादा होता है, और घर खरीदना सिर्फ पैसे का खेल नहीं, बल्कि स्थिरता और नियंत्रण की बात है. मकान मालिक आपको कभी भी घर खाली करने को कह सकता है, लेकिन EMI चुकाने वाला मालिक ऐसी मुसीबत से बचा रहता है. घर के मालिक को किराए पर देने, घर में बदलाव करने और सोसाइटी के फैसलों में हिस्सा लेने का हक मिलता है, जो किराएदार को नहीं मिलता.

घर खरीदने के लिए क्‍या सुझाव 
कई लोगों ने सुझाव दिया कि घर वही खरीदें, जो आपकी जेब के दायरे में हो. अगर आपकी सैलरी का ज्यादातर हिस्सा EMI में चला जाए, तो यह समझदारी नहीं. सस्ते इलाके या छोटे शहर में घर लेना बेहतर हो सकता है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद के फाइनेंशियल एनालिस्ट हार्दिक जोशी का कहना है कि बड़े शहरों में डेढ़ करोड़ का 2BHK फ्लैट लेने के लिए 20 साल में ढाई करोड़ से ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं. इसमें मेंटेनेंस, टैक्स और मार्केट रिस्क भी जुड़ते हैं. किराया उन लोगों के लिए बेहतर है, जो जॉब के लिए इधर-उधर जाना चाहते हैं. यह बहस बताती है कि घर खरीदना या किराए पर रहना सिर्फ पैसे का फैसला नहीं, बल्कि आपकी जिंदगी और प्राथमिकताओं का भी सवाल है.

YASHASVI YADAV

यशस्वी यादव एक अनुभवी बिजनेस राइटर हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में दो साल का अनुभव है। ये नेटवर्क18 के साथ मनी सेक्शन में सब-एडिटर के तौर पर कार्यरत पर काम कर रही हैं। यशस्वी का फोकस बिजनेस और फाइनेंस से जुड़...और पढ़ें

यशस्वी यादव एक अनुभवी बिजनेस राइटर हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में दो साल का अनुभव है। ये नेटवर्क18 के साथ मनी सेक्शन में सब-एडिटर के तौर पर कार्यरत पर काम कर रही हैं। यशस्वी का फोकस बिजनेस और फाइनेंस से जुड़...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 15, 2025, 12:31 IST

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