Last Updated:February 25, 2025, 20:35 IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने DeepSeek को भारत में बंद करने की याचिका पर सुनवाई टाल दी और कहा कि अगर यह खतरनाक है तो इसका इस्तेमाल न करें. कोर्ट ने जल्दी सुनवाई की मांग खारिज कर दी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने डीपसीक पर जल्द सुनवाई की याचिका खारिज की. (Image:PTI)
हाइलाइट्स
दिल्ली हाईकोर्ट ने DeepSeek पर सुनवाई टाली.कोर्ट ने कहा, खतरनाक है तो इस्तेमाल न करें.जल्दी सुनवाई की मांग खारिज की गई.नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा अगर चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी का प्लेटफॉर्म DeepSeek खतरा है, तो लोग इसे इस्तेमाल न करें. चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेदेला की बेंच ने DeepSeek को भारत में बंद करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी. जस्टिस उपाध्याय ने कहा कि ‘अगर ये इतना खतरनाक है तो इसे इस्तेमाल मत करो. क्या इसका इस्तेमाल करना जरूरी है? जल्दी सुनवाई की कोई वजह नहीं है.’ DeepSeek के खिलाफ याचिका में प्लेटफॉर्म से निजता और सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है. इसमें ऐसे AI टूल्स को ब्लॉक करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है.
12 फरवरी को कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से मामले में निर्देश लेने को कहा था. 20 फरवरी को इसे फिर से लिस्ट किया गया लेकिन समय की कमी के कारण इसे नहीं लिया जा सका, इसलिए अगली तारीख 16 अप्रैल दी गई. याचिकाकर्ता ने फिर अपने मामले की प्राथमिकता से सुनवाई की मांग करते हुए एक अर्जी दी. याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि ‘मामला थोड़ा संवेदनशील है.’
हालांकि, कोर्ट ने टिप्पणी की कि मामले में कोई जल्दी नहीं है क्योंकि DeepSeek जैसे प्लेटफॉर्म भारत में लंबे समय से उपलब्ध हैं. कोर्ट ने पूछा कि ‘यह कैसे संवेदनशील है? दूसरे नामों से ऐसे एप्लिकेशन भारत में कब से उपलब्ध हैं? यह केवल DeepSeek नहीं है. दूसरे प्लेटफॉर्म भी हैं. वे कब से उपलब्ध हैं, सुलभ हैं?’ कोर्ट ने वकील को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ‘कृपया उस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल न करें अगर आपको लगता है कि यह हानिकारक है.’
वकील ने जवाब दिया कि वह इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे लेकिन यह प्लेटफॉर्म पूरी जनता के लिए उपलब्ध है. इस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘हाँ, यह उपलब्ध है… पूरी दुनिया के पास इंटरनेट पर बहुत सी चीजें उपलब्ध हैं.’ कोर्ट ने फिर जल्दी सुनवाई की मांग करने वाली अर्जी को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिसकी प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई की जानी चाहिए. कोर्ट ने आदेश दिया कि ‘जल्दी सुनवाई के लिए कोई मामला नहीं बनता है. अर्जी खारिज की जाती है.’
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 25, 2025, 20:35 IST