Nepal protests LIVE: नेपाल में तख्तापलट और सैन्य शासन लागू होने के बाद अब आगे क्या होगा? ये बड़ा सवाल है. यहां से नेपाल किस तरफ जाएगा? नेपाल लोकतांत्रिक देश ही रहेगा या फिर राजशाही की वापसी होगी? और इसी से जुड़ा दूसरा और बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी है कि क्या नेपाल धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र ही रहेगा या फिर पहले की तरह हिंदू राष्ट्र बन जाएगा?
क्योंकि एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि जितने भी नेताओं को घर जलाए गए, उन्हें नेपाल में हिंदू राष्ट्र का विरोधी माना जाता है. ये वो नेता हैं जो नेपाल को सेक्यूलर देश बनाकर रखना चाहते हैं. उन्हीं मकानों में आग लगाई गई. जो नहीं चाहते कि नेपाल फिर से हिंदू राष्ट्र बने. यहां आपको एक और तथ्य जरूर जानना चाहिए. जेन-जी के इस हिंसक आंदोलन में जब नेताओं के घर जलाए गए, तब राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के किसी नेता के घर को नुकसान नहीं पहुंचा.
मित्रो, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल में फिर से राजशाही वापस लाने की पैरवी करती है. इसका लक्ष्य पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को राष्ट्र प्रमुख के तौर पर फिर वापस लाना है. कहा ये भी जाता है कि इस पार्टी को राजशाही परिवार से फंडिंग मिलती है. राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने इस जेन-जी आंदोलन का समर्थन किया है, जिसने केपी शर्मा ओली का तख्तापलट कर दिया.
हिंदू राष्ट्र की बहाली को लेकर आंदोलन
मित्रो, ठीक छह महीने पहले भी नेपाल में एक आंदोलन हुआ था. नेपाल में हिंदू राष्ट्र की बहाली को लेकर ये आंदोलन था. मार्च में हुए उस प्रदर्शन को दुर्गा प्रसाई ने आगे बढ़ाया था. उस आंदोलन को भी राष्ट्रीय प्रजातांत्र पार्टी का खुला समर्थन था. वो आंदोलन तब बहुत कामयाब नहीं हुआ था. मगर इस बार भ्रष्टाचार और नेताओं के परिवार की अय्याशी के मुद्दे पर आंदोलन हुआ तो सीधे सत्ता परिवर्तन हो गया. इसलिए एक शक ये भी है कि कहीं मार्च में जो चिंगारी उठी तो वहीं इस बार अग्निज्वाला तो नहीं बनी है? हिंदू राष्ट्र के नाम पर जो आंदोलन शुरू हुआ था, उसी का नतीजा कहीं भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के नतीजे में नहीं दिखा है?