Explainer: क्या है फॉर्म 17सी, जिसके डेटा को पब्लिश करने की मांग कर रहा विपक्ष

3 weeks ago

हाइलाइट्स

हर बूथ पर पीठासीन अधिकारी को फॉर्म 17सी आनलाइन भरना होता हैवोटिंग खत्म होने के बाद ये संबंधित सारे आंकड़ों की जानकारी देता है17सी फॉर्म ही नहीं बल्कि 17ए फॉर्म को भी बूथ स्तर पर आनलाइन पर भरा जाता है

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा अंतिम तौर पर वोटिंग डेटा जारी करने से संबंधित सुनवाई शुरू कर दी है. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आखिर देरी से वोटिंग के डेटा क्यों जारी हो रहे हैं. साथ ही ये भी कहा कि मतदान केंद्र में डाले गए वोटों की संख्या बताने वाले फॉर्म 17सी का विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. दरअसल विवाद इसलिए शुरू हुआ क्योंकि मतदान के बाद ईसीआई ने जो आंकड़ें प्रकाशित किए थे वो बाद में प्रकाशित अंतिम मतदाता प्रतिशत से काफी अलग हैं.

इसके बाद ही मतदान डेटा की प्रामाणिकता और मतगणना चरण में हेरफेर की आशंका को लेकर सवाल उठने लगे. इसे लेकर एक एनजीओ ने जहां सुप्रीम कोर्ट में अपील तो रामपुर के इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ने वाले वकील महमूद प्राचा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) ने चुनाव संचालन नियम, 1961 (1961 नियम) के अनुसार उनके निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए मतों के फॉर्म 17 सी रिकॉर्ड की प्रतियां प्रस्तुत नहीं की थीं.

चलिए पहले तो ये जानते हैं कि फॉर्म 17 सी होता क्या है

हर पोलिंग बूथ पर प्रिसाइडिंग अफसर को एक फॉर्म दिया जाता है, जिसे उसे आनलाइन ही भरना होता है. ये काम वोटिंग की प्रक्रिया खत्म होने के तुरंत बाद ही करना होता है.

ऐसा होता है फॉर्म 17सी

अगर आप इस चित्र को देख रहे हैं तो इसमें कई चीजें भरनी होती हैं, जिससे ये साफ हो जाता है कि कितने लोगों ने वोटिंग की, कितने वोट करने नहीं आए और कितने लोगों को वोट देने के काबिल नहीं समझा गया. ये भी भरना होता है कि वोटिंग के दौरान कितनी ईवीएम का इस्तेमाल किया गया. कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट की संख्या और नंबर देने होते हैं.

फॉर्म 17 सी के कुछ सवाल आपके सामने पेश हैं, जिससे पता लग जाता है कि ये फॉर्म ऐसा होता है, जिससे पोलिंग सेंटर पर वोट गतिविधि की हर बात आ जाती है, जिसके बाद इस बात की कोई गुंजाइश ही नहीं रहती कि वोटों के प्रतिशत के आंकड़ों में कोई गड़बड़ी हो पाए.

पोलिंग स्टेशन का नाम और नंबर
प्रयोग ईवीएम का पहचान क्रमांक
कंट्रोल यूनिट क्रमांक –
बैलेट यूनिट क्रमांक –
कितने लोग वोट करने आए
रुल 17ए के अनुसार वोटों की संख्या कितनी दर्ज की गई
कितने लोगों को अनुमति नहीं दी (नियम 49 एम के अनुसार)
ईवीएम को रिकॉर्ड के दौरान जब टेस्टिंग की गई तो कितने वोट डाले गए
किन उम्मीदवारों के लिए वोट टेस्ट किए गए.

इस फॉर्म में बैलेट पत्र जिसको दिए गए वो भी दर्ज करना होता है
जितने बैलेट पेपर बचे वो भी दर्ज किया जाता है

मुख्य तौर पर फॉर्म 17 सी में यही बातें दर्ज होती हैं. ये ऐसा फॉर्म होता है, जिसे अगर आनलाइन पब्लिश कर दिया जाए तो हर आंकड़ा सामने होगा, लेकिन देशभर में जितने बूथ हैं, उन सभी के डाटा अलग अलग पब्लिश करना बहुत मुश्किल जरूर है.

फॉर्म 17सी और फॉर्म 17ए क्यों जरूरी है
1961 के नियमों के अनुसार, चुनाव आयोग को दो फॉर्म बनाकर रखने होते हैं, इन्हें वोटिंग खत्म होते ही भरना होता है, जिसमें मतदाताओं की संख्या और डाले गए वोटों का डेटा होता है – फॉर्म 17ए और 17सी. अगर आप वोट डालने गए हों तो रजिस्टर में वोट देने के पहले आपका ब्योरा भी लगातार दर्ज होता रहता है. नियम 49एस(2) के तहत, पीठासीन अधिकारी को मतदान समाप्त होने पर उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों को फॉर्म 17सी में भरे फॉर्म की कॉपी देनी होती है.

फॉर्म 17सी में डेटा का उपयोग उम्मीदवारों द्वारा ईवीएम गणना के साथ मिलान करके मतगणना के दिन परिणामों को सत्यापित करने के लिए किया जाता है. इसके बाद, किसी भी विसंगति के मामले में संबंधित मामलों में उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका भी दायर की जा सकती है.

पिछले चुनाव में क्या हुआ था
पिछले चुनावों में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या जारी की गई. लिहाजा तब इसे लेकर कोई सवाल नहीं उठा. लेकिन इस बार जो देरी हुई, उसने सवाल उठा दिए.

एक निर्वाचन क्षेत्र में कितने बूथ होते हैं क्यों हर बूथ पर एजेंट के लिए फॉर्म 17सी लेना मुश्किल
एक निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 2,000-2,200 बूथ होते हैं. इतने बूथ पर एक उम्मीदवार के एजेंट होने संभव नहीं. फॉर्म 17C की एक प्रति प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए एक उम्मीदवार को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 6,000 पोलिंग एजेंट रखने की जरूरत होती है. छोटे दलों और कई निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए सभी बूथों पर पोलिंग एजेंट रखना असंभव है.

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Election Commission of India, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections

FIRST PUBLISHED :

May 23, 2024, 19:38 IST

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