Explainer:भारत में पायलट अधिक आराम के घंटे की मांग क्यों कर रहे,क्यों गए कोर्ट

1 month ago

Last Updated:February 25, 2025, 16:20 IST

भारत में पायलट अपने काम के घंटों से खुश नहीं हैं. हालांकि भारत में पायलट के अमेरिका और यूरोप के कामर्शियल पायलटों की तुलना में ज्यादा आराम पाते हैं. जानते हैं क्या हैं नियम और पायलट कितने घंटे उड़ान में होते है...और पढ़ें

भारत में पायलट अधिक आराम के घंटे की मांग क्यों कर रहे,क्यों गए कोर्ट

हाइलाइट्स

डीजीसीए ने पायलटों के आराम का समय बढ़ाया था जिसे एयरलाइंस ने नहीं माना तो पायलट दिल्ली हाईकोर्ट गएअब उन्हें पहले की तुलना में ज्यादा आराम मिल सकेगा

भारत में कामर्शियल पायलटों का मानना है कि उनकी ड्यूटी कड़ी है. उन्हें आराम के लिए उतना समय नहीं मिल पाता। लिहाजा को ज्यादा आराम की मांग कर रहे हैं.

वैसे डायरेक्टेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने रात के समय (रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक) पायलटों के लिए अधिकतम उड़ान समय 8 घंटे और अधिकतम ड्यूटी अवधि 10 घंटे तय की हुई. रात के समय उनकी लैंडिंग की संख्या 6 की बजाए 2 तक सीमित कर दी गई है.

पायलटों के साप्ताहिक छुट्टियों की अवधि को 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है, ताकि उन्हें पर्याप्त आराम मिले, थकान कम हो. इससे संबंधित नियम 1 जून 2024 से लागू किए गए. डीजीसीए के इन नियमों का एयरलाइनों द्वारा विरोध किया गया. जब इसे लागू नहीं किया जा सका तो पायलट इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में ले गए. वहां फैसले के बाद नियमों का बड़ा हिस्सा 1 जुलाई, 2025 से लागू होगा.

सवाल – उच्च न्यायालय ने क्या फैसला दिया?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि पायलटों के लिए ड्यूटी और आराम के मानदंड के नियम 1 जुलाई 2025 से लागू होंगे. इसमें पायलटों को हफ्ते में दो दिन का साप्ताहिक अवकाश मिलेगा

सवाल – भारतीय उड्डयन क्षेत्र में कार्मशियल एयरलाइंस किसे नाइट शिफ्ट कहती हैं?
– एयरलाइंस पहले रात 12 बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक के समय नाइट शिफ्ट कहती थीं, जिसे अब बढ़ाकर रात 12.00 से सुबह 06.00 कर दी गई है. पायलटों को लगातार दो नाइट शिफ्ट के लिए रोस्टर नहीं किया जा सकता है.

सवाल – नाइट ड्यूटी पर अब पायलटों का उड़ान समय और ड्यूटी समय कितना होगा?
रात की ड्यूटी में पायलट दो उड़ान ही भरेंगे. उनका उड़ान समय 8 घंटे और ड्यूटी टाइम 10 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अप्रत्याशित परिस्थितियों की स्थिति में एयरलाइनों को दी जाने वाली विशेष छूट को कड़ा कर दिया गया है जहां पायलटों के उपयोग की अतिरिक्त अवधि को तीन घंटे से घटाकर दो घंटे कर दिया गया है.

सवाल – पायलटों ने मई 2024 में क्यों दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था?
– पायलटों को मई 2024 में तब दिल्ली हाईकोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब एयरलाइनों के कड़े विरोध के कारण DGCA ने अपने जनवरी 2024 के नियमों को स्थगित कर दिया. कई एयरलाइनों ने DGCA से कहा था कि अधिक आराम और कम उड़ान के प्रावधान के लिए उन्हें अधिक पायलटों को नियुक्त करना होगा, जिसके लिए समय की जरूरत होगी, अन्यथा उड़ानें रद्द हो सकती हैं और हवाई किराया बढ़ सकता है.

सवाल – पायलट ज्यादा आराम की मांग क्यों कर रहे हैं?
– कोविड-19 के बाद यात्रा में फिर से उछाल आने के बाद पायलटों का कहना है कि उनकी दैनिक उड़ान का हिस्सा काफी बढ़ गया है, जिसमें एक दिन में चार लैंडिंग शामिल हैं, जिसमें 10 घंटे तक की उड़ान ड्यूटी और कुल ड्यूटी अवधि 12-13 घंटे की होती है. चूंकि उड़ान और लैंडिंग के लिए उच्च स्तर की एकाग्रता और जटिल फैसले की लेने की जरूरत होती है. अधिक उड़ानों का मतलब है काम में ज्यादा बढोतरी. पायलट लगातार दो रातों में शिफ्ट का भी विरोध कर रहे थे, क्योंकि इसमें पायलटों को अपने प्राकृतिक बॉडी क्लॉक के विरुद्ध जागते रहना पड़ता है, जिसमें रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच का सर्कैडियन लो का समय सबसे कठिन होता है.

पिछले एक दशक में कम लागत वाली एयरलाइन कंपनियों ने अपनी छोटी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बड़े पैमाने पर वृद्धि की है, जिससे रात्रि उड़ान में तेजी आई है. साथ ही एयरलाइनों ने गंतव्य पर होटल में आराम करने की सुविधा भी हटा ली है. पायलटों की एक शिकायत ये भी है कि रोस्टर एक हफ्ते पहले बन जाना चाहिए जो नहीं बनता या उनमें आकस्मिक बदलाव कर दिया जाता है.

सवाल – पायलटों को सालभर में कितनी छुट्टियां मिलती हैं?
– उन्हें 06 आकस्मिक अवकाश, 12 बीमारी अवकाश और 30 विशेषाधिकार अवकाश (केवल एयर इंडिया में) हैं, विशेषाधिकार अवकाश के लिए एक वर्ष पहले आवेदन करना होता है. इंडिगो कमांड में पायलटों को 42 और प्रथम अधिकारियों को 22 पीएल प्रदान करता है.

सवाल – पायलट कॉकपिट के वातावरण को क्यों थकाऊ बताते हैं?
– इसमें आप ज्यादा हिलडुल नहीं सकते. जगह कम होती है. एयर कजेंशन की स्थिति रहती है, रोशनी का स्तर कम होता है, बैकग्राउंड से काफी आवाज और कंपन होता है. ऑक्सीजन दबाव में परिवर्तन यहां पर ज्यादा होता है लिहाजा शरीर को लगातार तेजी से होते बदलाव के साथ एडजस्ट करना पड़ता है. इस सबके चलते उन्हें थकान ज्यादा होती है.

सवाल -एयरलाइन्स कंपनियां क्या कहती हैं?
– द हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा, हम चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और मजबूत थकान मैनेजमेंट प्रोटोकॉल को लागू कर रही हैं. हालांकि कुछ एयरलाइंस के पास पर्याप्त पायलट हैं जबकि कुछ के पास इनकी संख्या कम है.

एयर इंडिया के पास 3,500 से अधिक पायलट हैं, जिसके बारे में उसने कहा कि यह संख्या मौजूदा बेड़े और पायलटों के आराम और ड्यूटी समय पर डीजीसीए के “वर्तमान” मानदंडों के लिए पर्याप्त से अधिक है.

सवाल – देशभर में कितने पायलट हैं?
– नवंबर 2024 तक देश में एयरलाइनों में 11,775 पायलट कार्यरत थे, जिनके बेड़े में लगभग 800 विमान थे. दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार के रूप में अकेले एयर इंडिया और इंडिगो ने ही 1,000 विमानों के ऑर्डर दिए हुए हैं. जिनकी वर्ष 2035 तक डिलीवरी होनी है.

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

February 25, 2025, 16:20 IST

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