Last Updated:December 02, 2025, 11:42 IST
Delhi IGI Airport Water-Positive Flight: दिल्ली का आईजीआई एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसे वॉटर-पॉजिटिव के सम्मान से नवाजा गया है. इस सम्मान का मतलब है कि यह एयरपोर्ट जिनता पानी इस्तेमाल करता है, उससे कहीं अधिक पानी धरती को वापस करता है. कुछ साल पहले तक पानी के संकट से जूझ रहे इस एयरपोर्ट ने यह उपलब्धि कैसे हासिल की, जानने के लिए पढ़ें आगे...
आईजीआईए को वॉटर पॉजिटिव एयरपोर्ट के खिताब से नवाजा गया है.(फाइल फोटो)Delhi IGI Airport Water-Positive Flight: दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब सिर्फ देश का सबसे बिज ही नहीं, बल्कि सबसे ग्रीन एयरपोर्ट भी बन चुका है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के अनुसार आईजीआई एयरपोर्ट अब एक वॉटर पॉजिटिव (water-positive) बन गया है. यानी आईजीआई एयरपोर्ट जितना पानी इस्तेमाल करता है, उससे ज्यादा वापस धरती को लौटा देता है. 40 मिलियन से अधिक सालाना पैसेंजर कैपेसिटी वाले किसी भी भारतीय एयरपोर्ट के लिए यह पहली उपलब्धि है और ग्लोबल एविएशन सेक्टर के लिए नया ब्लूप्रिंट तैयार किया है.
आपको बता दें कि अभी तक ग्राउंड वॉटर की कमी से जूझने वाला दिल्ली का आईजीआई एयरपोर्ट आज अपनी स्मार्ट वॉटर प्लानिंग की वजह से देश ही नहीं, दुनिया में एक नया बेंचमार्क सेट कर रहा है. इस उपलब्धि को आधिकारिक तौर पर हाल ही में दिल्ली में हुए वॉटर इनोवेशन समिट 2025 (Water Innovation Summit 2025) में मान्यता मिली है. समिट में डायल को नीति आयोग–सीआईआई के वॉटर न्यूट्रैलिटी फ्रेमवर्क के तहत काम पूरा करने के लिए सम्मानित भी किया गया. दिल्ली एयरपोर्ट की यह उपलब्धि पानी की किल्लत से जूझ रहे इलाकों को नई दिशा देने में भी मददगार साबित होगी.
एयरपोर्ट ने कैसे हासिल किया वॉटर-पॉजिटिव स्टेटस?
दिल्ली एयरपोर्ट की ये सफलता किसी एक या दो कदम से नहीं, बल्कि सालों की प्लानिंग और एडवांस सिस्टम्स की वजह से संभव हुई है.
रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और स्टोरेज: एयरपोर्ट ने पूरे कैंपस में 625 से ज्यादा रेनवॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर्स लगाए हैं. इसके अलावा, 9 मिलियन लीटर कैपेसिटी वाले दो बड़े अंडरग्राउंड रिजरवॉयर (Underground Reservoirs) बनाए गए हैं.
जीरो-लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम: दिल्ली एयरपोर्ट उन गिने-चुने एयरपोर्ट्स में शामिल है, जहां 16.6 एमएलडी जीरो लिक्विड डिस्चार्ज एसटीपी चलती है. यह प्लांट एयरपोर्ट से निकलने वाले 100 फीसदी वेस्टवॉटर को रीसायकल कर फिर से इस्तेमाल लायक बनाता है. रीसाइकल हुआ पानी एचवीएसी सिस्टम, लैंडस्केप सिंचाई, टॉयलेट फ्लशिंग और गैर-पीने योग्य काम में किया जाता है.
वॉटर-एफिशिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर: दिल्ली एयरपोर्ट के गार्डन व ग्रीन एरियाज में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम लगाए गए हैं. इसके अलावा एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पैसेंजरों को हाई-क्वालिटी पोटेबल वॉटर देता है.
मजबूत वॉटर स्ट्यूअरशिप फ्रेमवर्क: नीति आयोग-सीआईआई के तहत किया गया स्कोप-1 वॉटर न्यूट्रैलिटी असेसमेंट यह साबित करता है कि एयरपोर्ट ने अपने वॉटर मेजरमेंट, कंजर्वेशन और रेस्टोरेशन को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स पर साबित किया है.
आईजीआई जल संरक्षण में देश का नंबर वन एयरपोर्ट बन गया है.
डायल में सस्टेनेबिलिटी कोई बाध्यता नहीं, बल्कि ड्राइविंग फोर्स है. वॉटर-पॉजिटिव बनना हमारे लॉन्ग-टर्म विजन का हिस्सा है, जिसके तहत हम आईजीआई एयरपोर्ट को नेट-जीरो एयरपोर्ट बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. – विदेह कुमार जयपुरियार, सीईओ, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड
कार्बन न्यूट्रैलिटी में भी आईजीआई एयरपोर्ट पहले से ही आगे
डायल के अनुसार, आईजीआई एयरपोर्ट ने वॉटर-पॉजिटिव मॉडल के जरिए बता दिया है कि बड़े और हाई-कैपेसिटी एयरपोर्ट्स भी सस्टेनेबल वॉटर मैनेजमेंट लागू कर सकते हैं. रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, वेस्टवॉटर रीसाइक्लिंग और स्मार्ट कंजम्पशन से स्थानीय जलस्रोतों पर दबाव कम हो सकता है. आपको बता दे कि दिल्ली एयरपोर्ट एसीआई एयरपोर्ट कार्बन एक्रेडिटेशन में लेवल-5 हासिल करने वाला एशिया का पहला एयरपोर्ट है. वॉटर पॉजिटिविटी, रिन्यूएबल एनर्जी, कार्बन न्यूट्रैलिटी, वेस्ट रिडक्शन और सोशल-इम्पैक्ट प्रोजेक्ट्स के साथ आईजीआई एयरपोर्ट अब पूरी तरह फ्यूचर-रेडी और क्लाइमेट-रेजिलिएंट एयरपोर्ट बन चुका है.
About the Author
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
First Published :
December 02, 2025, 11:42 IST

48 minutes ago
