India Pakistan War: भारत के सामने कितने दिनों तक टिकेगा 'जिन्नालैंड'? चार में से तीन सूबों में चल रहा गृह युद्ध, शहबाज-मुनीर की बढ़ी टेंशन

5 hours ago

India Pakistan in Hindi: पाकिस्तान किसी भी वक्त खंड-खंड हो सकता हैं क्योंकि पाकिस्तान को संभालना अब ना शहबाज शरीफ के बूते की बात रह गई है और न ही ज़हरीले जनरल की. एक तरफ भारत हमले के लिए तैयार बैठा है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान में फौज के खिलाफ बगावत हो गई है. अब मुनीर को ये समझ नहीं आ रहा है कि LoC पर भारत से मुकाबला करे या बलोचिस्तान में विद्रोही गुटों से. ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा  में TTP को संभाले या वजीरिस्तान में तालिबान को. मजे की बात ये कि अब तो पाकिस्तानी भी ये मान रहे हैं कि पाकिस्तान को मौत आने वाली है. 

पाकिस्तान में आउट ऑफ कंट्रोल हुए हालात

पाकिस्तान में हालात आउट ऑफ कंट्रोल हो चुके हैं. बलूचिस्तान में एक बार फिर पाकिस्तान सेना को निशाना बनाया गया है. पाकिस्तान आर्मी को टारगेट कर किए गए हमले में सेना के 6 जवानों की मौत हो गई है, 5 जवान घायल हुए हैं. दूसरी तस्वीर वजीरिस्तान बताई जा रही है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा है कि तालिबान के लड़ाकों ने पाकिस्तानी फौजियों को घेरकर उनकी पतलून उतरवा दी. तीसरा वीडियो में टीटीपी के आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले पर कब्जा करने का दावा किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक टीटीपी के हथियारबंद आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले पर कब्जा करने का दावा किया है. दावा ये भी है कि टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना के कैंप पर कब्जा कर लिया है. 

PAK की ओर बढ़ रहे 15 हजार लड़ाके

बताया जा रहा है कि टीटीपी के 15 हजार लड़ाके अफगानिस्तान के काबुल, कांधार और हेरात से निकलकर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मीर अली बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं. मुसीबत ये है कि अब तो खैबर पख्तूनख्वा की मस्जिदों से ऐलान होने लगा है कि अगर भारतीय फौज ने पाकिस्तान पर हमला किया तो यहां के लोग भारत का साथ देंगे.

हिंदुस्तान में जब आतंकी हमला हो जाता है तो सारा हिंदुस्तान एक्टिव हो जाता है, मीडिया-पॉलिटिशियन सब एक हो जाते हैं. यही फर्क है दोनों मुल्कों में, अब जब पाकिस्तान और भारत का मसला आ गया तो पख़्तूनख्वाह और बलोचिस्तान का इस जंग में कोई इंटरेस्ट नज़र नहीं आ रहा है. जब किसी मुल्क में दो नंबर के लोग फैसला लेने वाली कुर्सी पर बैठे हों तो उस मुल्क में कभी क्रांति नहीं हो सकती है. अवाम और इस फौज के बीच नफरत क्यों बढ़ गई है. इसका बस एक ही कारण है, वो है पाकिस्तान का नाकाबिल हुक्मरान.

असीम के जहरीले भाषण से भड़के विद्रोही

खैबर पख्तूनख्वा में जो हालात हैं उससे भी ख़तरनाक हालात बलोचिस्तान में पैदा हो गए हैं. जब से आसिम मुनीर ने ये बयान दिया है कि बलोचिस्तान में सिर्फ 1500 विद्रोही हैं, जिनकी सात पुश्तें भी बलोचिस्तान को आजाद नहीं करा सकती हैं. तब से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बलोचिस्तान में गोरिल्ला अटैक तेज हो गए हैं.

पाकिस्तान के पूर्व पीएम शाहिद ख़ाक़ान अब्बासी कहते हैं, 'वो जिम्मेदार लोग हैं. अगर वो कहते हैं कि ये कोई मसला नहीं है, मैं तो वो बयान कर सकता हूं जो मैंने देखा है, क्वेटा शहर सारा बंद हैं, किसी सड़क पर आप जा नहीं सकते हैं. हर जगह ख़तरा है. रात को वहां पर स्टेट का कंट्रोल नहीं होता है. इन चीजों का मुकाबला करें, इनकी जड़ तक पहुंचें कि ये मामलात हैं क्या.'

भारत से खुद को कैसे बचाएंगे मुनीर?

कुल मिलाकर पाकिस्तान अब चौतरफा घिर गया है. बड़ी-बड़ी डींग हांकने वाले आसिम मुनीर को समझ नहीं आ रहा है कि बलोचिस्तान को बचाए. खैबर पख्तूख्वा को बचाए या PoK को. इन सबके के बीच सवाल ये भी है कि पूरे पाकिस्तान को ही भारत के हमले से कैसे बचाए. 

Read Full Article at Source