INS Arihant से 3 गुना ताकतवर होंगी नेवी की पनडुब्बियां, भाभा ने झोकी ताकत

6 hours ago

Last Updated:September 20, 2025, 19:28 IST

Indian Navy BARC Nuclear Reactor: भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) इंडियन नेवी के लिए 200 MWe न्यूक्लियर रिएक्टर बना रहा है. INS Arihant से तीन गुना ताकतवर यह रिएक्टर पनडुब्बियों को दुश्मन पर बढ़त बनाने के साथ-साथ लंबे समय तक समुद्र में टिकने की क्षमता देगा.

INS Arihant से 3 गुना ताकतवर होंगी नेवी की पनडुब्बियां, भाभा ने झोकी ताकतभाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) इंडियन नेवी के लिए 200 MWe न्यूक्लियर रिएक्टर बना रहा है. (AI फोटो)

नई दिल्ली: भारत की समुद्री शक्ति अब एक नए मुकाम पर पहुंचने वाली है. मुंबई के भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) नेवी के लिए ऐसा न्यूक्लियर रिएक्टर तैयार कर रहा है. यह मौजूदा INS Arihant पनडुब्बी की ताकत से तीन गुना ज्यादा शक्तिशाली होगा. यह रिएक्टर न सिर्फ इंडियन नेवी की पनडुब्बियों को लंबा सबमर्जेंस टाइम देगा, बल्कि उन्हें समुद्र में दुश्मन पर लगातार नजर रखने और किसी भी समय पलटवार करने की कैपेसिटी भी प्रदान करेगा. यही कारण है कि इसे भारत का ‘अग्निस्त्र’ कहा जा रहा है.

इस नई टेक्नोलॉजी के आने से भारत की परमाणु त्रयी (Nuclear Triad) और भी मजबूत होगी. मौजूदा समय में भारत की न्यूक्लियर सबमरीन INS Arihant और INS Arighaat 83 MWe क्षमता वाले रिएक्टर से चल रही हैं. लेकिन BARC का नया रिएक्टर 200 MWe पावर देगा. इसका मतलब है कि पनडुब्बियां लंबे वक्त तक समुद्र में रह पाएंगी. साथ ही दुश्मन की पकड़ से बाहर रहेंगी और भारत को एक मजबूत न्यूक्लियर डिटरेंस यानी दुश्मन को रोकने की क्षमता मिलेगी.

ज्यादा endurance (समुद्र में लंबे समय तक टिकना) लंबा सबमर्जेंस टाइम (पानी के अंदर ज्यादा देर तक रहना) ज्यादा मारक क्षमता

चीन को चुनौती और भारत की तैयारी
यह विकास ऐसे समय हो रहा है, जब चीन लगातार अपनी नौसैनिक परमाणु ताकत को बढ़ा रहा है. भारत का यह कदम हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी का सीधा जवाब माना जा रहा है. नई पनडुब्बियां भारत को ऐसी परमाणु क्षमता देंगी जो मूव कर सके और दुश्मन के हमलों के बाद भी बच कर रह सके… यानी ज्यादा भरोसेमंद और सुरक्षित. इससे दुश्मन को रोकने की क्षमता और मजबूत होगी.

न्यूक्लियर त्रयी की अहम कड़ी
भारत की न्यूक्लियर स्ट्रेटजी तीन स्तंभों पर टिकी है- थल सेना, वायु सेना और नौसेना. इनमें नौसेना सबसे अहम है क्योंकि इसकी पनडुब्बियां समुद्र में मौजूद रहकर ‘सेकंड-स्ट्राइक’ यानी किसी भी पहले हमले के बाद जवाब देने की क्षमता देती हैं. यानी अगर दुश्मन हमला कर दे तो भी भारत समुद्र से जवाब देने में सक्षम रहेगा. नया रिएक्टर इस क्षमता को और मजबूत करेगा.

अन्य प्रोजेक्ट्स पर भी काम
IAEA की 69वीं कॉन्फ्रेंस में एटॉमिक एनर्जी कमीशन के चेयरमैन ए.के. मोहंती ने बताया कि BARC सिविल सेक्टर के लिए भी कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. इसमें शामिल हैं –

200 MWe भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) 555 MWe SMR हाई टेम्परेचर गैस कूल्ड रिएक्टर, जो हाइड्रोजन उत्पादन से जुड़ा होगा

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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First Published :

September 20, 2025, 19:28 IST

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