IPS को कैसे दे दी IAS की कुर्सी? तेलंगाना सरकार को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

47 minutes ago

Last Updated:December 02, 2025, 13:10 IST

तेलंगाना में आईपीएस अधिकारियों की आईएएस पद पर नियुक्ति पर बवाल मचा हुआ है. कोर्ट ने सरकार से 10 दिसंबर तक जवाब देने का समय दिया है. वहीं, कोर्ट ने इसे नियमों का सरासर उल्लंधन बताया है.

IPS को कैसे दे दी IAS की कुर्सी? तेलंगाना सरकार को हाईकोर्ट ने लगाई फटकारआईपीएस को आईएएस के पद पर नियुक्ति को लेकर मचा बवाल. (सांकेतिक)

तेलंगाना सरकार काफी किरकिरी हो रही है. एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से आईपीएस अधिकारियों आईएएस वाले पोस्ट पर नियुक्त करने को लेकर तलब किया है. वहीं, कोर्ट ने कहा कि अगर ये सही पाया जाता है, तो ये नियमों का सरासर उल्लंघन है. बता दें कि जस्टिस सुरेपल्ली नंदा की बेंच ने सोमवार को पूछा, ‘वरिष्ठ IPS अफसरों को IAS कैडर की महत्वपूर्ण प्रशासनिक कुर्सियां क्यों दी जा रही हैं?’ कोर्ट ने मुख्य सचिव और जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को 10 दिसंबर तक काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का सख्त आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना होगा कि ये नियुक्तियां कानून के दायरे में हैं या नहीं.

दरअसल, हैदराबाद के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता वडला श्रीकांत की जनहित याचिका के बाद ये मामला सामने आया. उनके वकील विजय गोपाल ने दलील दी कि 26 सितंबर को जारी सरकारी आदेश 1342 से सरकार ने केंद्र के नियमों की धज्जियां उड़ा दी हैं. IAS (Fixation of Cadre Strength) Regulations, 2016 के मुताबिक प्रिंसिपल सेक्रेटरी लेवल के पद सिर्फ IAS अफसरों के लिए रिजर्व हैं. IPS अफसरों को ये पद देना पूरी व्यवस्था को उल्टा कर देता है, क्योंकि IAS अफसर ही IPS के फैसलों की समीक्षा करते हैं.

याचिका में किन तीन बड़े नाम की चर्चा हुई है?

स्टीफन रवींद्र (IPS)- सिविल सप्लाई कमिश्नर और एक्स-ऑफिशियो प्रिंसिपल सेक्रेटरी शिखा गोयल (IPS)- डीजी विजिलेंस एंड एनफोर्समेंट और एक्स-ऑफिशियो प्रिंसिपल सेक्रेटरी (GAD) पूर्व हैदराबाद पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद- स्पेशल चीफ सेक्रेटरी, होम डिपार्टमेंट

क्रॉस कैडर पर भी चर्चा

अपीलकर्ता के वकील विजय गोपाल ने कोर्ट में बहस के दौरान क्रॉस कैडर के बारे में भी बात की. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ‘फोन टैपिंग कांड अभी ताजा है. अगर पुलिस अफसर ही प्रशासनिक बॉस बन जाएंगे तो जवाबदेही कौन लेगा?’ उनका कहना था कि अगर IPS को IAS पोस्ट दिया जाने लगा तो निष्पक्षता खत्म हो जाएगी.

कब शुरू हुई ये प्रथा?

यह प्रथा 2014 में तत्कालीन बीआरएस सरकार के समय शुरू हुई थी, जिसे मौजूदा कांग्रेस सरकार ने भी जारी रखा. कोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए सरकार से कानूनी आधार मांगा है. स्पेशल गवर्नमेंट प्लीडर राहुल रेड्डी ने और समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी.

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Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

Location :

Hyderabad,Telangana

First Published :

December 02, 2025, 11:50 IST

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