Israel Qatar News: पहले मिसाइल दागी फिर इजरायल ने US को किया कॉल? कतर पर हमले की Inside Story

5 hours ago

Israel Attack on Qatar Inside Story: बड़े बुजुर्गों का कहना है कि ताकतवर से दोस्ती होना हमेशा सुरक्षा की गारंटी नहीं होता. ऐसा लगता है कि यह सामान्य सी बात अरबी मुल्क कतर नहीं समझ पाया. अमेरिका और फ्रांस का मजबूत सैन्य सहयोगी होने के बावजूद इजरायल ने उसकी राजधानी दोहा पर मिसाइल अटैक कर हमास के आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा दिया. हमले के बाद कतर भुनभुना कर रह गया लेकिन कोई जवाब वार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. 

धरी रह गई अमेरिका की सुरक्षा गारंटी

हैरत की बात ये है कि कतर में अमेरिका का मध्य पूर्व का सबसे बड़ा सैन्य बेस है. कतर ने उसे यह बेस बनाने की इजाजत इसीलिए दी थी कि वह कतर की रक्षा करेगा. फिर भी उसकी राजधानी पर अटैक हो गया और सारी सुरक्षा गारंटी धरी की धरी रह गईं. यही नहीं फ्रांस ने भी कतर में अपना मिलिट्री बेस बना रखा है लेकिन वह भी कतर पर हुए हमले को रोक नहीं पाया. हमले के बाद जो खबरें अब छनकर बाहर आ रही हैं, उनसे पता चलता है कि इजरायल ने पहले दोहा पर मिसाइल मारी. इसके बाद औपचारिकता दिखाते हुए अमेरिका फोन करके अटैक की जानकारी दी. यह हमला कैसे प्लान किया गया और इसका मध्य पूर्व पर आगे क्या असर पड़ने वाला है. इसकी इनसाइड स्टोरी आपको जरूर जाननी चाहिए. 

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हमास के ये नेता थे निशाने पर 

इजरायल ने मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा में हमास के नेताओं को निशाना बनाकर एक हवाई हमला किया. इस हमले में हमास के मुख्य वार्ताकार खलील अल-हय्या और अन्य लोग निशाने पर थे, लेकिन हमास का कहना है कि हमला उनके वार्ता दल को मारने में नाकाम रहा. हालांकि इस हमले में हमास के पांच निचले स्तर के सदस्य मारे गए, जिनमें अल-हय्या का बेटा और उनके कार्यालय निदेशक शामिल हैं.

सटीक रणनीति से दिया हमले को अंजाम

दो इजरायली अधिकारियों के अनुसार, इजरायल ने जानबूझकर इस हमले की जानकारी आखिरी मिनट में अमेरिका को दी. असल में इजरायली आर्मी जानती थी कि कतर अमेरिका का घनिष्ठ सैन्य सहयोगी है और उसने उसकी रक्षा की गारंटी दे रखी है. ऐसे में अटैक का पता चलते ही वह इसकी सूचना तुरंत कतर को जरूर देगा. जिससे इजरायल का अटैक विफल हो सकता है. 

हमले की जगह को लेकर बेहद बुरा लगा- ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस हमले पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि वे इस हमले से वे बेहद नाखुश हैं. सूत्रों के मुताबिक,  ट्रम्प को इजरायली हमले की जानकारी अमेरिकी सेना के जनरल डैन केन ने दी थी. इसके बाद ट्रम्प ने अपने दूत स्टीव विटकॉफ को तुरंत कतर को चेतावनी देने को कहा, हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी. 

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हमले से नाखुश ट्रम्प ने कहा कि उन्हें कतर में हुए हमले की जगह को लेकर बेहद बुरा लगा है. कतर अमेरिका का सहयोगी और गाजा शांति वार्ता में महत्वपूर्ण मध्यस्थ है. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि हमास को खत्म करना एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है.

शांति वार्ता से पीछे हट जाएगा हमास?

इजरायल के दोहा पर अटैक से गाजा में युद्धविराम की संभावनाओं को भी झटका लगा है. ट्रंप ने बीते रविवार को कहा था कि इजरायल ने उनके नए युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और अब हमास को भी इसे स्वीकार करना चाहिए. लेकिन इस हमले ने उनकी इस योजना पर पानी फेर दिया. अब हमास इस मसले पर आगे क्या रुख अपनाएगा, यह देखने लायक बात होगी. 

अटैक पर दांत भींचकर रह गया कतर

इजरायल के इस हमले ने कतर को झकझोर कर रख दिया है. उसे उम्मीद नहीं थी कि अमेरिका और फ्रांस का सैन्य सहयोगी होने के बावजूद इजरायल उस पर अटैक करने की हिम्मत करेगा. उसे पूरी आशा थी कि अमेरिकी सुरक्षा कवर उसे इजरायल समेत हरेक विदेशी सैन्य हमले से सुरक्षित रखने में कामयाब होगा. अपनी झुंझलाहट और गुस्सा जाहिर करते हुए कतर के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश अपनी कूटनीतिक परंपरा को बनाए रखेगा और इसे कोई रोक नहीं सकता. 

बंधकों के जीवन पर बढ़ सकता है खतरा

दोहा पर हमले के बाद इजरायल की आलोचना की जा रही है. इसकी वजह ये है कि गाजा में युद्धविराम के लिए कतर ही मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है. ऐसे में इजरायल के अटैक से गाजा में बंधक बने उसके नागरिकों के जीवन पर खतरा बढ़ सकता है. साथ ही इजरायल को भी हमास के खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाने का बहाना मिल सकता है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी अमेरिकी सरकार की ओर से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह हमला न तो इजरायल के हित में है और न ही अमेरिका के.

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