Last Updated:April 23, 2025, 15:27 IST
Bihar Politics News: जेडीयू के मुस्लिम नेताओं को विपक्ष बेवजह बदनाम कर रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिपाही किसी के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं. जेडीयू के एक बड़े नेता ने महागठबंधन पर मुस्लिम नेताओं ...और पढ़ें

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
वक़्फ़ संशोधन बिल पर जेडीयू के समर्थन से बिहार और देश की राजनीति में चर्चा. CM नीतीश की जेडीयू के मुस्लिम नेताओं की बेचैनी बढ़ी, कईयों ने इस्तीफा दिया. जेडीयू नेता मेहर इकबाल ने विरोधी कांग्रेस और राजद पर षड्यंत्र का आरोप लगाया.पटना. वक़्फ़ संशोधन बिल पर जेडीयू ने जब से समर्थन किया है तब से बिहार की राजनीति के साथ-साथ देश की सियासत में जेडीयू के स्टैंड को लेकर खूब चर्चा हो रही है. इन सबके बीच जेडीयू के मुस्लिम नेताओं की बेचैनी कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई है जिसने जेडीयू की परेशानी भी बढ़ा रखी है.दरअसल, वक़्फ़ संशोधन बिल पर जेडीयू के समर्थन के बाद कई मुस्लिम नेताओं ने जेडीयू से इसके विरोध में इस्तीफा दे दिया है जिससे चुनावी साल में पार्टी की परेशानी बढ़ गई है. खासकर मुस्लिम वोट को लेकर पार्टी में चिंता व्यक्त की जा रही है. लेकिन इसी बीच जेडीयू के एक बड़े मुस्लिम नेता ने जो आरोप लगाया है उसने सियासी तपिश और बढ़ा दिया है. खास बात यह है कि इसके तहत उन्होंने महागठबंधन के कई दलों के बारे में जो दावा किया गया है वह सियासी जानकारों को भी चौंका रहा है.
दरअसल, जेडीयू के बड़े मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले मेहर इकबाल हैदर जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के बिहार प्रभारी हैं और प्रदेश महासचिव भी हैं. इन्होंने आरोप लगाया है कि जेडीयू के मुस्लिम नेताओं को जान बूझकर एक षड्यंत्र के तहत हमारे विरोधी महागठबंधन की कुछ पार्टियों की ओर से बदनाम किया जा रहा है और उनके ख़िलाफ़ सोशल मीडिया में पार्टी विरोधी बातें लिखी जा रही हैं. इसमें ये दावा किया जा रहा है कि जेडीयू के मुस्लिम नेता वक़्फ के मुद्दे के बाद पार्टी से नाराज हैं और वो पार्टी छोड़ने वाले हैं. लेकिन, ये सरासर गलत है और उनकी छवि को बदनाम किया जा रहा है.
मेहर इकबाल हैदर जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के बिहार प्रभारी और प्रदेश महासचिव भी हैं.
मेहर इकबाल कहते हैं कि वक़्फ संशोधन कानून पर नीतीश कुमार नजर बनाए हुए हैं और जब मामला अभी कोर्ट में है. तब कोई भी कुछ कहे इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है. बावजूद इसके हमारे विरोधी नीतीश कुमार और जेडीयू को मुस्लिम विरोधी बताने पर लगे हुए हैं. लेकिन, मुस्लिम समाज को मैं बताना चाहता हूं कि जब तक नीतीश कुमार हैं तब तक मुस्लिम समाज का कोई अहित नहीं कर सकता है. शायद इसी घबराहट में विरोधी पार्टी है जिनका दाल चुनाव में नहीं गलेगा इससे परेशान हैं.
वहीं, जेडीयू नेता के आरोप के बाद आरजेडी ने भी पलटवार किया है . आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि जेडीयू नेता का आरोप सरासर गलत है और ये सब जनता के गुस्से से बचने के लिए बयान दे रहे हैं. जेडीयू के नेता बीजेपी के विचारों में अपने को समाहित कर चुके हैं और उनके नेता नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं. ऐसे में जेडीयू के मुस्लिम नेताजनता के गुस्से से डरे हुए है और उनके गुस्से से बचने के लिए इस तरह का झूठा आरोप लगा रहे हैं.
जेडीयू इस्तीफा देने वाले
जेडीयू में मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे की शुरुआत पूर्वी चंपारण से हुई थी. यहां ढाका प्रखंड से 15 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद मोहम्मद कासिम अंसारी जदयू पूर्वी चंपारण में चिकित्सा प्रकोष्ठ में पदाधिकारी रहे थे इन्होंने पार्टी छोड़ी.वहीं, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सचिव नवाब मलिक ने भी पार्टी से अलविदा कह दिया था. मुजफ्फरपुर के का मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीम ने भी सीएम नीतीश को अपना इस्तीफा भेजा था, वह जदयू के अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव पद पर थे. मुजफ्फरपुर के ही एम राजू नैयर ने भी जदयू के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. नैयर युवा जदयू के प्रदेश सचिव थे. बता दें कि हाल में ही किशनगंज से जेडीयू के लोकसभा उम्मीदवार रहे मास्टर मुजाहिद ने भी जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था.
इन्होंने जताई है नाराजगी
इसके पहले जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम, एमएलसी गुलाम गौस और पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने भी पार्टी के वक्फ बिल के समर्थन में संसद में वोटिंग करने का विरोध जताया था. गुलाम रसूल बलियावी ने तो यहां तक कह दिया था कि सेक्युलर और कम्युनल में अब कोई फर्क नहीं रह गया है.
First Published :
April 23, 2025, 14:57 IST