LIVE: कोविड-19 से जयपुर में एक मरीज की गई जान, ठाणे में भी महिला की मौत

2 weeks ago

देशभर में कोविड-19 संक्रमण एक बार फिर डराने लगा है. भारत में कोरोना वायरस के कुल एक्टिव केस एक हजार के ऊपर पहुंच गए हैं. इनमें से 752 केस ऐसे हैं, जो हाल ही में सामने आए हैं. वहीं अब यह संक्रमण लोगों की जान भी लेने लगा है. अब जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में एक व्यक्ति की कोविड-19 संक्रमण मौत की खबर है. दरअसल इस व्यक्ति की मौत तो 3 दिन पहले ही हुई थी. लेकिन मौत के बाद कोरोना के संक्रमण से मौत की पुष्टि हुई है. अस्पताल उसके सैंपल अब जिनोम सिक्वेसिंग के लिए भेजने की तैयारी में है.

उधर ठाणे जिले के एक प्राइवेट अस्पताल में कोविड-19 का इलाज करा रही एक महिला की मौत हो गई. इसके साथ ही कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका (केडीएमसी) ने संक्रमण से पहली मौत की पुष्टि की है. केडीएमसी के स्वास्थ्य विभाग की प्रभारी अधिकारी डॉक्टर दीपा शुक्ला ने बताया कि मुंबई से सटे राज्य के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद महानगर पालिका क्षेत्र में चार लोगों को कोविड-19 होने की पुष्टि हुई है.

कोरोना के सबसे ज्यादा केस केरल में सामने आए हैं. केरल में 430 मामले सामने आए हैं, जबकि महाराष्ट्र में 209 केस, दिल्ली में 104 केस, वहीं कर्नाटक में कोविड-19 के 47 मरीज सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना के नए वैरियंट से घबराने की जरूरत नहीं है, बस सतर्क रहने और सावधानी रखने की जरूरत है.

कोरोना के मरीजों में कैसा लक्षण

दिल्ली में कोरोना के 100 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है. यहां कोरोना के मरीजों की संख्या में अचानक से इजाफा देखा गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आज बैठक बुलाई है. इसमें कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम को लेकर चर्चा हो सकती है.

उधर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के नए वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में अभी तक केवल ‘वायरल बुखार’ के लक्षण दिखे हैं. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार ने अस्पतालों को हेल्थ एडवायजरी भेजकर किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है, लेकिन यह सिर्फ एहतियाती कदम है, इसमें डरने वाली कोई बात नहीं.

जोधपुर में कोविड-19 से संक्रमित नवजात

राजस्थान में भी कोविड संक्रमण ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. राज्य में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के कुल 7 नए मामले सामने आए हैं. इनमें जोधपुर में भी संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं, जहां एक नवजात समेत कई मरीज कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं.

जोधपुर के CMO सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि जोधपुर एम्स में कुछ मरीज अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भर्ती किए गए थे. जब उनकी कोविड जांच की गई, तो वे पॉजिटिव पाए गए. हालांकि, राहत की बात यह है कि फिलहाल सभी मरीजों की स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है. सभी सरकारी अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

पटना में मिले 2 मरीज

देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच बिहार से भी टेंशन बढ़ाने वाली खबर आई है. यहां राजधानी पटना में कोरोना वायरस से संक्रमित दो संदिग्ध मरीज मिले हैं. दोनों का इलाज यहां एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है.

कोविड-19 केसों पर क्या कह रहा ICMR?

इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि संक्रमण को लेकर गंभीरता की स्थिति अभी तक आमतौर पर हल्की है और चिंता की कोई बात नहीं है.

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आईसीएमआर महानिदेशक ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में उछाल आया है और पहले दक्षिण से, फिर पश्चिम से और अब उत्तर भारत से इसके मामलों में इजाफा देखा गया है. उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों की निगरानी की जा रही है.

कोरोना के कौन से वेरिएंट एक्टिव?

कोविड के नए वेरिएंट का पता लगाए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि पश्चिम और दक्षिण में नमूनों के जीनोम सिक्वेंसिंग से पता चला है कि कोविड वायरस के नए वेरिएंट गंभीर नहीं हैं और वे ओमीक्रॉन के ही सब-वेरिएंट हैं. इनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB. 1.8.1 शामिल हैं.

इंडियन सार्स-कोव-2 जिनोमिक कंसोर्टियम (INSACOG) के अनुसार, भारत में कोविड-19 के दो नए सबवेरिएंट- एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 की पहचान की गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन दोनों को मात्र ‘निगरानी में रखे गए वेरिएंट’ की श्रेणी में रखा है, जिसका मतलब है कि ये ज्यादा खतरनाक नहीं हैं.

क्या फिर लगाना होगा बूस्टर डोज?

नए कोविड वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर डोज की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी वैक्सीनेशन की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘भारत में टीका बनाने की क्षमता है और अगर जरूरत पड़ी तो हम कुछ ही समय में कोई भी टीका बना सकते हैं.’

बहल ने कहा, ‘जब भी मामले बढ़ते हैं, हम तीन चीजों पर ध्यान देते हैं. यह तीन फैक्टर पर निर्भर करता है, पहला कि यह कितना संक्रामक है, इसके विपरीत मामले कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले हमने देखा कि कोविड के मामले दो दिनों में दोगुने हो जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.’

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