नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का विते दिनों निधन हो गया. दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. हालांकि, उनके स्मारक को लेकर कांग्रेस जमकर हंगामा मचाया. कांग्रेस की मांग पर केंद्र सरकार स्मारक निर्माण के लिए राजी हो गई. उन्होंने कहा कि एक कमेटी बनाई जाएगी, जो स्मारक कहां बनाया जाए, तय करेगी. अब इस विवाद में पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणव मुखर्जी के बेटी कूद गई है. उन्होंने सीएनएन-न्यूज18 से बात करते हुए कांग्रेस पर अपने के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने भारतीय जनता की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि भाजपा अपने नेताओं को साथ लेकर चलती है.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पर अपने नेताओं के साथ भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने नेताओं को पीछे धकेलती है, जबकि भाजपा इस मामले में अधिक ‘समावेशी’ है यानी कि सबके साथ लेकर चलती है. उन्होंने कहा कि अगर देखा जाए तो कांग्रेस से अधिक भाजपा ने हमारे नेताओं का सम्मान किया. देखिए तो उन्होंने तरुण गोगोई, गुलाम नबी आजाद को कैसे पुरस्कार दिए; वे सभी कांग्रेसी थे. वहीं, मेरे पिता के भारत रत्न समारोह में अहमद पटेल, हुड्डा, आनंद शर्मा को छोड़कर, कोई नहीं आया. यह बहुत गलत था.
गंदी राजनीति कर रही पार्टी
शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पार्टी केंद्र पर ‘सिख विरोधी’ और उनके प्रति असम्मानजनक होने का आरोप लगाकर मुद्दे को उछालने की तैयारी में है. शर्मिष्ठा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा ने कांग्रेस को आईना दिखा दी है. भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के साथ कांग्रेस के अपमान जनक रवैये को लेकर आलोचना की है. भाजपा ने सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर “गंदी” राजनीति करने के लिए ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ की भी आलोचना की है.
बाबा अंतिम दिनों में पार्टी से नाराज
शर्मिष्ठा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के अंतिम दिनों को याद की है. उन्होंने कहा कि वह अपने अंतिम दिनों में पार्टी से काफी नाराज थे. उन्होंने उनकी डायरी की भी चर्चा की. उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि पार्टी ने उनके निधन पर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक भी नहीं की. हालांकि, कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के लिए एक बैठक आयोजित की थी. शर्मिष्ठा ने कहा “जब मैंने उनसे इस बारे में पूछा, तो उन्होंने मुझे बताया कि वे राष्ट्रपति के लिए ऐसा नहीं करते हैं. बाद में पता चला कि पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक का आयोजन किया था.
वह राहुल गांधी हैं!
शर्मिष्ठा ने वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा 2013 में एक अध्यादेश फाड़ने की भी कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘यह उनका अहंकार दिखा रहा था. यह एक प्रधानमंत्री का अनादर था, जो विदेश में थे. अगर कोई और होता, तो कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता, या उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता था. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि वह राहुल गांधी हैं.’
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FIRST PUBLISHED :
December 30, 2024, 08:29 IST