MBA और एग्जीक्यूटिव एमबीए में क्या अंतर है? किस डिग्री से मिलेगी कितनी सैलरी?

5 hours ago

नई दिल्ली (MBA vs Executive MBA). पिछले कुछ दशकों में एमबीए कोर्स काफी पॉपुलर हुआ है. किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन करने के बाद एमबीए कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है. स्टूडेंट्स बीटेक, बीसीए, बीएससी, बीए, बीकॉम, बीबीए जैसे कोर्स करके भी एमबीए कोर्स में एडमिशन लेते हैं. एमबीए में मैनेजमेंट, बिजनेस, स्ट्रैटेजी, ऑपरेशंस के बेसिक्स सिखाए जाते हैं. एमबीए में कई स्पेशलाइजेशन हैं, जिनमें से एग्जीक्यूटिव एमबीए काफी ट्रेंड में है.

एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए में सबसे बड़ा अंतर यही है कि एमबीए का इस्तेमाल डायवर्स एस्पेक्ट में किया जाता है, जबकि एग्जीक्यूटिव एमबीए उसी कोर्स का एक स्पेशलाइज्ड वर्जन है. एमबीए का फुल फॉर्म मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन है. वहीं, एग्जीक्यूटिव एमबीए को ईएमबीए के तौर पर भी जाना जाता है. अगर आप एमबीए कोर्स की पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन स्पेशलाइजेशन को लेकर कंफ्यूजन में हैं तो जानिए एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए के बीच कुछ बेसिक अंतर.

एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए में क्या अंतर है?

एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए, दो अलग-अलग कोर्स हैं. शुरुआती सेमेस्टर में दोनों का सिलेबस एक हो सकता है, लेकिन एडमिशन के लिए दोनों की पात्रता में अंतर है.

एमबीए और ईएमबीए की पात्रता

एमबीए: यह मैनेजमेंट कोर्स आमतौर पर नए ग्रेजुएट्स या कम अनुभव (0-3 साल) वाले प्रोफेशनल्स के लिए होता है, जो करियर शुरू करना चाहते हैं या बदलना चाहते हैं.

एग्जीक्यूटिव एमबीए: यह कोर्स मिड-लेवल या सीनियर मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिनके पास कम से कम 3-5 साल (कुछ प्रोग्राम्स में 10 साल तक) का कार्य अनुभव होता है. इस कोर्स से उनकी लीडरशिप स्किल बढ़ती है.

एग्जीक्यूटिव एमबीए: 1-2 साल का प्रोग्राम, जो अक्सर पार्ट-टाइम या वीकेंड मोड में होता है. इससे प्रोफेशनल्स को नौकरी के साथ पढ़ाई करने की सुविधा मिलती है.

एमबीए और ईएमबीए का सिलेबस क्या है?

एमबीए: डायवर्स और थ्योरेटिकल. इसमें मार्केटिंग, फाइनेंस, HR जैसे कई ऑप्शनल विषय (electives) शामिल होते हैं.

एग्जीक्यूटिव एमबीए: प्रैक्टिकल और लीडरशिप पर फोकस्ड. इसमें डिसीजन मेकिंग, स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट और रियल-वर्ल्ड केस स्टडीज़ पर ज़ोर दिया जाता है.

एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए की फीस कितनी है?

एमबीए: औसत फीस 2 लाख से 27 लाख रुपये तक. टॉप IIMs में यह 20-25 लाख तक हो सकती है.

एग्जीक्यूटिव एमबीए: फीस 4 लाख से 31 लाख रुपये तक. कई मामलों में नियोक्ता (employer) खुद फीस का कुछ हिस्सा या पूरा भुगतान करते हैं.

एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए में एडमिशन के लिए पात्रता

एमबीए: CAT, XAT, GMAT जैसी प्रवेश परीक्षाएं पास करना जरूरी है. कुछ समय के कार्य अनुभव की मांग हो सकती है, लेकिन ज़रूरी नहीं.

एग्जीक्यूटिव एमबीए: GMAT, CAT, XAT या कॉलेज-स्पेसिफिक टेस्ट के साथ 3-5 साल का कार्य अनुभव अनिवार्य. कुछ कॉलेज प्रोफाइल-बेस्ड सिलेक्शन भी करते हैं.

एमबीए और एग्जीक्यूटिव एमबीए के लिए बेस्ट कॉलेज

टॉप एमबीए कॉलेज

आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम बेंगलुरु, IIM Calcutta, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम इंदौर, आईआईएम कोझिकोड आदि- भारत के सबसे प्रतिष्ठित B-Schools हैं. औसत सैलरी 20-30 LPA, टॉप पैकेज 70 एलपीए से 1 करोड़ तक.

XLRI Jamshedpur: HR और बिजनेस मैनेजमेंट के लिए प्रसिद्ध. औसत सैलरी 25-30 LPA.

ISB Hyderabad: 1 साल का पीजीडीएम, वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है. औसत सैलरी 30 LPA+.

FMS Delhi, SPJIMR Mumbai, एमडीआई गुरुग्राम: किफायती फीस और अच्छे प्लेसमेंट (औसत सैलरी 20-25 LPA).

टॉप एग्जीक्यूटिव एमबीए कॉलेज

आईआईएम अहमदाबाद (PGPX): 1 साल का प्रोग्राम, औसत सैलरी 30 LPA.
आईआईएम बेंगलुरु (EPGP): विश्व स्तर का पाठ्यक्रम, औसत सैलरी 28-32 LPA.
आईआईएम कोलकाता (MBAEx): ट्रिपल क्राउन मान्यता, औसत सैलरी 30 LPA.
आईएसबी हैदराबाद (PGPpro, PGP MAX): मॉड्यूलर फॉर्मेट, सीनियर प्रोफेशनल्स के लिए, औसत सैलरी 30-40 LPA.
आईआईएम लखनऊ (IPMX, PGPWE): वीकेंड और फुल-टाइम ऑप्शन्स, औसत सैलरी 20-25 LPA.
XLRI जमशेदपुर, MDI गुरुग्राम, SPJIMR मुंबई: फ्लेक्सिबल प्रोग्राम्स और अच्छा ROI.

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एमबीए और ईएमबीए के बाद नौकरी के विकल्प

एमबीए के बाद कहां नौकरी मिलेगी?
सेक्टर्स: कंसल्टिंग (McKinsey, BCG, Deloitte), फाइनेंस (JP Morgan, Goldman Sachs), टेक्नोलॉजी (Amazon, Google, Microsoft), FMCG (HUL, P&G), ई-कॉमर्स (Flipkart), हेल्थकेयर, रिटेल.

जॉब प्रोफाइल्स: प्रोडक्ट मैनेजर, मार्केटिंग मैनेजर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, HR मैनेजर, बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर.

शहर: मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, गुरुग्राम, चेन्नई, हैदराबाद.

एग्जीक्यूटिव एमबीए के बाद कहां नौकरी मिलेगी?
सेक्टर्स: वही सेक्टर्स, लेकिन स्ट्रैटेजिक मैनेजर, सीएफओ, सीओओ, मैनेजमेंट कंसल्टेंट, ब्रांड डेवलपमेंट मैनेजर जैसे सीनियर रोल्स.

कंपनियां: एमेजॉन, डेलॉइट, टीसीएस, विप्रो, एसेंचर, केपीएमजी, पेप्सिको, माइक्रोसॉफ्ट आदि.

शहर: गुरुग्राम, बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई.

एमबीए या एग्जीक्यूटिव एमबीए, किसमें ज्यादा सैलरी मिलेगी?

एमबीए के बाद सैलरी
फ्रेशर्स: औसत सैलरी 7-25 LPA. टॉप IIMs से 20-30 LPA, कुछ मामलों में 70 LPA तक.

5 साल बाद: 20-50 LPA, खास तौर पर कंसल्टिंग, फाइनेंस और टेक सेक्टर्स में.

विशेषज्ञता के आधार पर

फाइनेंस: 10-40 LPA (इनवेस्टमेंट बैंकर: 4.5-40 LPA).
मार्केटिंग: 10-30 LPA.
बिज़नेस एनालिटिक्स: 8-55 LPA.
एचआर: 8-20 LPA.
ऑपरेशन्स: 10-26 LPA.

एग्जीक्यूटिव एमबीए के बाद सैलरी
औसत सैलरी: 12-40 LPA, टॉप कॉलेजों से 30 LPA+.
सीनियर रोल्स: सीएफओ, सीओओ जैसे रोल्स में 50 LPA तक या उससे अधिक.

ROI: EMBA का ROI बेहतर होता है क्योंकि प्रोफेशनल्स पढ़ाई के दौरान नौकरी जारी रखते हैं और अक्सर एंप्लॉयर ही फीस का भुगतान करते हैं.

किस कोर्स में लें एडमिशन?

अगर आप करियर के शुरुआती फेज में हैं और फुल-टाइम पढ़ाई के लिए समय दे सकते हैं तो एमबीए कोर्स में एडमिशन लें. अगर आपके पास 5+ सालों का जॉब करने का अनुभव है और आप नौकरी के साथ लीडरशिप स्किल्स बढ़ाना चाहते हैं तो एग्जीक्यूटिव एमबीए करें. कॉलेज चयन: IIMs, ISB, XLRI जैसे टॉप कॉलेजों का चयन करें क्योंकि इनका ब्रांड वैल्यू और प्लेसमेंट बेहतर हैं. ROI पर ध्यान दें: फीस और सैलरी पैकेज की तुलना करें. टॉप कॉलेजों में इन्वेस्टमेंट लंबे समय में फायदेमंद होता है.
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