Nepal Protest: नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट के पीछे किसका हाथ है? 19 लोगों की जान ले चुके खूनी बवाल की इनसाइड स्टोरी

7 hours ago

अगर तुम ऑनलाइन बैन करोगे तो हम ऑफलाइन आएंगे... मास्क पहने एक लड़की ने ए4 साइज के पेपर पर यही लिख रखा था. ऐसी कई तस्वीरें नेपाल के काठमांडू की पूरी दुनिया में छाई हैं. सोमवार को सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप और हाल में कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी के फैसले के विरोध में जेन ज़ी सड़कों पर आ गए. Gen Z का मतलब उन युवाओं से है जो 1997 से लेकर 2012 के बीच जन्मे हों. नेपाल के प्रोटेस्ट में यही लोग शामिल हैं. इन्होंने संसद के गेट पर तोड़फोड़ की. इन्हें रोकने के लिए पुलिस को दर्जनों राउंड फायरिंग करनी पड़ी. 19 स्टूडेंट्स के मारे जाने और दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है. राजधानी के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. दुनियाभर में जब नेपाल से तस्वीरें पहुंच रही हैं तो लोग हैरान हैं कि क्या रील न बना पाने से युवा इतने आक्रोशित हो गए? 10 प्वाइंट्स में पूरी कहानी समझिए. 

1. एक समय था जब लोग सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध जताते थे. इसमें समय के साथ पैसा भी खूब खर्च होता था. सोशल मीडिया का दौर आया तो लोग लिखकर और बोलकर अपनी बात कहने लगे. हैशटैग और ट्रेंड्स से माहौल बनाया जाने लगा. नेता भी इसे गंभीरता से लेने लगे. नेपाल की बात करें तो वहां सरकार के खिलाफ विरोध पहले से उबल रहा था, सोशल मीडिया बैन किए जाने से युवाओं का गुस्सा बढ़ गया. यही वजह है कि आज काठमांडू में स्कूली ड्रेस पहने लड़के और लड़कियां प्रदर्शन करने आ गए. नेपाली और अंग्रेजी भाषा में उन्होंने सरकार को कोसते हुए लाइनें लिखी थीं. जैसे एक पोस्टर पर अंग्रेजी में लिखा था- नेपाल को झकझोरने के लिए भूकंप की जरूरत ही नहीं, भ्रष्टाचार ही इतना बढ़ गया है. 

काठमांडू में ऐसे बिगड़े हालात

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2. शुरू में शायद प्रदर्शनकारियों ने भी नहीं सोचा था कि विरोध हिंसक हो जाएगा लेकिन एकजुट होने से जो गुस्सा बढ़ा, उसने खतरनाक रूप धारण कर लिया. संसद के करीब प्रतिबंधित क्षेत्र में भी ये लोग घुस गए और बैरिकेड तोड़ डाले. पुलिस ने पानी की बौछार की, आंसू गैस के गोले दागे और रबर बुलेट भी मारी. इस दौरान प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पानी की बोतलें, पत्थर और पेड़ की टहनियां फेंक रहे थे. इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुसने में कामयाब हो गए. इसके बाद माहौल बिगड़ गया. पढ़ें पूरी खबर.

3. हालात बिगड़ता देख काठमांडू प्रशासन ने बाणेश्वर एरिया, राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति भवन, पीएम आवास के आसपास कर्फ्यू लगा दिया. पुलिस और प्रशासन ने लोगों से इन क्षेत्रों में बाहर न निकलने को कहा है. वीडियो देखिए.

4. हाल के घटनाक्रम पर नजर डालें तो नेपाल सरकार ने 26 गैर-पंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया है. इसमें व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब और स्नैपचैट भी शामिल हैं जिसके यूजर बड़ी संख्या में हैं. इस पर युवाओं का गुस्सा बढ़ गया जो पहले से ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे. उनका आरोप है कि सोशल मीडिया बैन कर सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना चाहती है. 

5. काठमांडू में एक टीवी पत्रकार श्याम श्रेष्ठ को रबर की गोली लगी है. उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि प्रोटेस्ट को नेपाल के कुछ बड़े कलाकारों और एक्टरों ने भी समर्थन दे दिया जिससे मूवमेंट बढ़ गया. यह वीडियो देखिए. 

युवा अब सवाल भी पूछता है

6. नेपाली एक्टर हरी आचार्य ने कहा है कि आज का युवा केवल सोचता नहीं है, वह सवाल भी करता है. उसके रास्ते बंद क्यों किए गए? इसका जिम्मेदार कौन है? उन्होंने यहां तक कह दिया कि राजनेता इसकी जिम्मेदारी लें और लीडरशिप के लिए नई पीढ़ी तैयार करें. 

7. एक और एक्टर कृष्णा श्रेष्ठ ने कहा कि भ्रष्टाचार खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. यहां तक कि मदर नेपाल भी रो रही हैं. युवा देश का भविष्य हैं और उनके सपने में नेपाल का कल है. यह आज का जेन ज़ी बोल रहा है. उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए. भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. कुछ सिंगर ने तो प्रोटेस्ट को आर्थिक मदद भी दी है. काठमांडू के सिविल अस्पताल का वीडियो देखिए.

सरकार ने क्या कहा है?

8. सोशल मीडिया पर बैन के बाद 4 सितंबर से ही सोशल मीडिया साइटें ब्लैक हो गई थीं. सरकार का तर्क है कि वह इन प्लेटफॉर्मों को लगातार चेतावनी दे रही थी कि वे नेपाल में अपना ऑफिस खोलें. सुप्रीम कोर्ट के 17 अगस्त के आदेश के तहत उनका रजिस्टर होना जरूरी है और टैक्स भी देना होगा. 

9. इस समय वाइबर, टिकटॉक, वीटॉक, निम्बज जैसे कुछ प्लेटफॉर्म ही नेपाल में रजिस्टर्ड हैं जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी रजिस्ट्रेशन के प्रॉसेस में हैं. अब सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रोटेस्ट शुरू हो गया. 

10. आठ सितंबर देर शाम तक का अपडेट यह था कि हजारों की संख्या में जेन ज़ी काठमांडू की सड़कों पर भरे पड़े हैं. 'हमी नेपाल' ग्रुप ने यह प्रोटेस्ट बुलाया था. नेपाली मीडिया में कम से कम 19 प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की खबर है. फेसबुक, यूट्यूब और एक्स के फिर से शुरू होने की खबरें आ रही हैं. इधर नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है. #Nepokid और #NepoBabies ट्रेंड कर रहा है. हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.

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