Nepal Protest: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हुए प्रदर्शन को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का बयान आया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया बैन के कारण हुई यह अप्रिय घटना सरकारी प्रयासों और जेन जी पीढ़ी के बीच अस्पष्टता के कारण हुई. उनका कहना है कि सरकार सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है और इसके इस्तेमाल के लिए माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं नेपाली सरकार का कहना है कि वह घटना की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी. इसके साथ ही सरकार मृतकों के परिवारों को राहत प्रदान करेगी और घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएगी.
पीएम ओली का बयान
प्रधानमंत्री ओली ने कहा,' राज्य के कानूनों और अदालती आदेशों के अनुसार सोशल मीडिया को रजिस्टर और लिस्ट करने के हमारे प्रयासों के बारे में पर्याप्त जानकारी के अभाव और हमारी पीढ़ी की सोच में कुछ अस्पष्टता के कारण वर्तमान स्थिति पैदा हुई है. सरकार सोशल मीडिया के इस्तेमाल को रोकने के पक्ष में नहीं है और इसके इस्तेमाल के लिए माहौल सुनिश्चित करेगी.' उन्होंने कहा,' आज जनरेशन जी द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई दुखद घटना से मैं बेहद दुखी हूं. हमें विश्वास है कि हमारी भावी पीढ़ी शांतिपूर्वक अपनी मांगें रखेगी, लेकिन विरोध प्रदर्शन के दौरान घुसपैठ के कारण जो स्थिति पैदा हुई, उससे कई नागरिकों की जान गई. सरकार जनरेशन जी की मांगों के प्रति नकारात्मक नहीं थी. हम जनरेशन जी की मांगों को सुन रहे थे, लेकिन इस दौरान घुसपैठ,संवैधानिक संस्थाओं के कार्यालयों में तोड़फोड़-अगजनी हुई, जिसे बचाने में कई लोगों की जान गई.'
कोर्ट के आदेश के बाद लिया फैसला
पीएम ओली ने कहा कि सरकार पिछले1 साल से नागरिकों को अनवॉन्टेड एक्टिविटीज से बचाने के लिए सोशल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए संबंधित कंपनियों से नेपाल में लिस्ट होने का आग्रह कर रही है. कई कई प्लेटफॉर्म ने ऐसा किया भी है, लेकिन कई इसे नजरअंदाज भी कर रहे थे. ऐसे में कोर्ट ने सोशल मीडिया को रजिस्टर और लिस्ट करने के बाद ही इसे संचालित करने का फैसला दिया. केपी ओली ने कहा कि सरकार के पास सोशल मीडिया को बैन करने की कोई पॉलिसी नहीं थी. कोर्ट के आदेश के बाद इसे लिस्टिंग होते ही इनएक्टिव कर दिया गया. केपी ओली ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए माहौल सुनिश्चित करेगी. इसके लिए लगातार प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं थी और जो स्थिति होनी है उसे जारी नहीं रहने दिया जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र का आया बयान
बता दें कि नेपाल में हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर संयुक्त राष्ट्र का एक बयान भी आया है. युनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स की प्रवक्ता रवीना शमदसानी ने अपना बयान जारी करते हुए,' हम नेपाल में प्रदर्शनकारियों के मारे जाने और घायल होने को लेकर आश्चर्यजनक हैं. हम इस पर तुरंत और ट्रांसपेरेंट इन्वेसटिगेशन की मांग करते हैं. हमारे पास भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे यूथ प्रोटेस्ट के दौरान सिक्योरिटी फोर्सेज के गलत इस्तेमाल को लेकर जानकारी सामने आई है. प्रवक्ता ने आगे कहा,' हम अधिकारियों से शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकारों का सम्मान करने और उन्हें सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं. इसके अलावा सभी सुरक्षा बलों को लॉ इनफोर्समेंट ऑफिसर्स की ओर से बल और फायरआर्म्स के इस्तेमाल के सिद्धांतों का भी पालन करना होगा.' उन्होंने आगे कहा,' नेपाल में एक जीवंत लोकतंत्र और सक्रिय नागरिक वातावरण है और युवाओं की चिंताओं को दूर करने के लिए संवाद सबसे अच्छा माध्यम है. हम सोशल मीडिया को रेगुलेट करने के उपायों पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे नेपाल के मानवाधिकार दायित्वों का पालन करते हैं.'
FAQ
नेपाल में प्रदर्शन का क्या कारण है?
नेपाल में युवाओं की ओर से प्रदर्शन का मुख्य कारण सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार है.
संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र ने नेपाल सरकार से शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकारों का सम्मान करने और उन्हें सुनिश्चित करने का आह्वान किया है.