Last Updated:July 19, 2025, 12:29 IST
Uddhav Thackeray Interview: शिवसेना-यूबीटी चीफ और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिहार में चल रहे वोटर्स वेरिफिकेशन पर बड़ी बात कही है. उन्होंने ठाकरे ब्रांड को लेकर भी बड़ा दावा किया है.

शिवसेना-यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बिहार में चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर बड़ी बात कही है. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
उद्धव ठाकरे ने बिहार में SIR अभियान पर उठाए गंभीर सवालशिवसेना-यूबीटी चीफ ने ठाकरे ब्रांड को लेकर भी कही बड़ी बातठाकरे ब्रांड पर भी उद्धव ने रखी अपनी बात, किया बड़ा दावाUddhav Thackeray Interview: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ को दिए एक विशेष इंटरव्यू में केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने दावा किया कि बिहार में पहचान के नाम पर हिंदुओं को भी एनआरसी जैसे हालात का सामना करना पड़ रहा है. महराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने देश में लोकतंत्र को कमजोर करने के प्रयासों की ओर संकेत करते हुए कहा कि देश वन पार्टी, नो इलेक्शन की दिशा में बढ़ रहा है.
उद्धव ठाकरे ने ‘ठाकरे’ नाम को केवल एक ब्रांड नहीं बल्कि महाराष्ट्र, मराठी समाज और हिंदू अस्मिता की पहचान बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस पहचान को मिटाने के लिए नकली ब्रांड गढ़े जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग खुद को भगवान मानने लगे हैं. दूसरों के अस्तित्व से उन्हें जलन है. बिहार में मतदाता पहचान की प्रक्रिया को लेकर ठाकरे ने गंभीर चिंता जताई. शिवसेना-यूबीटी के नेता ने कहा कि अगर आधार कार्ड को पहचान पत्र नहीं माना जाएगा, तो क्या वह फर्जी है? यदि नहीं तो उस पर हुए खर्च और डेटा संग्रह की पूरी प्रक्रिया सार्वजनिक होनी चाहिए. यह पूरी प्रक्रिया एनआरसी जैसी लगती है और अब यह हिंदुओं पर भी लागू हो रही है.
बैलेट पेपर से चुनाव की मांग
ईवीएम (EVM) को लेकर लगातार उठते सवालों के बीच उद्धव ठाकरे ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की वकालत की है. उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए बैलेट पेपर की वापसी जरूरी है. इससे जनता का विश्वास चुनाव प्रक्रिया पर बना रहेगा.’ उद्धव ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह देश को तानाशाही की ओर ले जाने वाला कदम है. उन्होंने कहा कि पहले अनुच्छेद 370 हटाया गया, अब वन इलेक्शन की बात हो रही है, आगे चलकर वन लैंग्वेज आएगा. और अंत में देश में सिर्फ एक ही पार्टी रह जाएगी – वन पार्टी, नो इलेक्शन. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भविष्य में देश में केवल एक ही पार्टी बचेगी.
महाराष्ट्र में क्यों हारे?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना की हार पर ठाकरे ने कहा कि लोकसभा में ‘हम’ की भावना थी लेकिन विधानसभा में ‘मैं’ की. उन्होंने किसान कर्जमाफी जैसे मुद्दों को भी हार की वजह बताया. एक सवाल के जवाब में उन्होंने भाजपा और शिंदे गुट की अप्रत्याशित जीत पर कटाक्ष भी किया. पार्टी चिन्ह और नाम को लेकर चुनाव आयोग के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अगर मैं कल चुनाव आयोग का नाम बदलकर पत्थर रख दूं, तो क्या वह चुनाव आयोग बन जाएगा? चुनाव आयोग को किसी पार्टी का नाम बदलने का अधिकार नहीं है.’ ठाकरे ने भाजपा की नीतियों पर आरोप लगाया कि एक तरफ वे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारे लगाते हैं और दूसरी तरफ खुद बंटवारे की राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग महाराष्ट्र की परंपरा और आत्मा को नहीं समझते, उन्हें यह भूमि भी कभी स्वीकार नहीं करेगी.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Mumbai,Maharashtra
'NRC को अब हिन्दुओं पर भी लागू किया जा रहा', ठाकरे ब्रांड पर क्या बोले उद्धव