Trump claims to stop Operation Sindoor: खुद को दुनिया का असली शांतिदूत दिखाने और नोबेल पीस प्राइज पाने के लिए अब तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही झूठे दावे कर रहे थे. अब उनके अधीनस्थ अधिकारी भी झूठ पर टिके इस मिशन को आगे बढ़ाने में लग गए हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को भारत-पाकिस्तान में जंग रुकवाने का ट्रंप का झूठा दोहराया. लेविट ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा कि ट्रंप को दोनों मुल्कों में शांति समझौतों पर गर्व है. उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष को समाप्त करने के लिए ट्रंप ने व्यापार का सहारा लिया.
'संघर्ष रुकवाने के लिए ट्रेड का इस्तेमाल'
उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के संघर्ष के लिए, उन्होंने (ट्रंप ने) उस संघर्ष को समाप्त करने के लिए व्यापार का बहुत शक्तिशाली तरीके से इस्तेमाल किया. इसलिए मुझे पता है कि उन्हें इन सभी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है. मुझे पता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने और दुनिया भर में शांति बहाल करने के लिए उन्हें बहुत सम्मान मिला है.'
उन्होंने कहा कि ट्रम्प को व्हाइट हाउस में अज़रबैजान और अर्मेनियाई नेताओं का साथ पाकर और शांति समझौते में उनकी मदद करके बहुत अच्छा लगा. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन्हें उन सभी शांति समझौतों पर गर्व है जो उन्होंने हासिल किए हैं. आपने कुछ हफ़्ते पहले ही व्हाइट हाउस में अर्मेनिया के राष्ट्रपति और अज़रबैजान के प्रमुख को देखा था.
रुबियो कराते रहते हैं अवगत- लेविट
लेविट ने कहा, 'मैं जिस राष्ट्रपति को जानती हूँ, दुनिया में संघर्षों को समाप्त करने में मदद करना बहुत अच्छा लगा. उन्हें ओवल ऑफिस में रवांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के नेताओं के साथ समय बिताना और उनसे दशकों से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के बारे में बात करना बहुत अच्छा लगा.'
लेविट ने आगे कहा, 'दुनिया भर में कई संघर्ष हैं. विदेश मंत्री मार्को रुबियो लगातार ट्रंप को दुनिया भर में चल रहे विभिन्न संघर्षों से अवगत कराते रहे हैं, लेकिन अब रूस-यूक्रेन संघर्ष ने ट्रंप का ध्यान खींचा है.'
ट्रंप के दावे को आगे बढ़ा रहे अधिकारी
राष्ट्रपति प्रवक्ता ने कहा ,'विदेश विभाग, विदेश मंत्री रुबियो के नेतृत्व में चौबीसों घंटे काम कर रहा है और राष्ट्रपति को दुनिया भर में चल रहे संघर्षों से अवगत करा रहा है. लेकिन जैसा कि आप सभी जानते हैं और हमने इस ब्रीफिंग में काफ़ी चर्चा की है. वह इस समय रूस-यूक्रेन और इज़राइल-गाज़ा में चल रहे युद्ध को समाप्त करने में काफ़ी समय लगा रहे हैं. जिन्हें वह जल्द ही समाप्त होते देखना चाहते हैं.'
ट्रंप ने इससे पहले, 28 जुलाई को कहा था कि वह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच शांति समझौते की मध्यस्थता को लेकर आशावादी हैं. उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को सुलझाने के अपने पिछले दावों की तुलना में इस वार्ता (रूस-यूक्रेन) को आसान बताया था. ट्रंप ने कहा, "हम थाईलैंड के साथ व्यापार कर रहे हैं और हम थाईलैंड और कंबोडिया के साथ काफ़ी व्यापार करते हैं, फिर भी मैं पढ़ रहा हूँ कि वे एक-दूसरे को मार रहे हैं. आप जानते हैं कि वे लड़ रहे हैं. वे युद्ध में हैं. और मैं कहता हूँ कि यह मेरे लिए आसान होना चाहिए क्योंकि मैंने भारत और पाकिस्तान के साथ समझौता कर लिया है और सर्बिया और कोसोवो भी इसमें शामिल थे.
ऑपरेशन सिंदूर रुकवाने का किया था दावा
ट्रंप मई में हुए हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष का ज़िक्र कर रहे थे, जहाँ उन्होंने व्यापार को एक मज़बूती के तौर पर इस्तेमाल करते हुए, दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्धविराम कराने का श्रेय कई बार लिया था. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों के मारे जाने के बाद यह संघर्ष शुरू हुआ था, जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक हमले करके पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकवादी ढाँचे को निशाना बनाया था.
हालाँकि, भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) ने ही अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर युद्धविराम का अनुरोध किया था, जिसके बाद युद्धविराम पर सहमति बनी. इसके बावजूद ट्रंप ने कूटनीतिक माध्यम के रूप में अपने विश्वास को दर्शाते हुए कहा, "अगर मैं इन मुद्दों को सुलझा सकता हूँ और अगर मैं इसके लिए व्यापार का इस्तेमाल कर सकता हूँ, तो यह मेरे लिए सम्मान की बात है."
(एजेंसी ANI)