ब्रह्मोस, प्रलय से निर्भय तक… IRF बनेगा चीन-पाक को धूल चटाने वाला ब्रह्मास्त्र

3 hours ago

Last Updated:August 20, 2025, 04:56 IST

India Integrated Rocket Force: इंटीग्रेटेड रॉकेट फोर्स (IRF) एक प्रस्तावित ट्राई-सर्विसेज यूनिट है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और पारंपरिक वारहेड्स वाले मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चरों को संभालेगी.

ब्रह्मोस, प्रलय से निर्भय तक… IRF बनेगा चीन-पाक को धूल चटाने वाला ब्रह्मास्त्रचीन-पाक की तरह भारत भी बनाएगा Integrated Rocket Force (IRF). (File Pic)

नई दिल्ली: दुनिया बदल रही है. जंग का चेहरा बदल रहा है. कभी युद्ध जीतने के लिए लाखों सैनिकों की टुकड़ी और बख्तरबंद टैंक जरूरी थे. आज वही काम कुछ मिनटों में रॉकेट और मिसाइलें कर रही हैं. यूक्रेन युद्ध से लेकर मिडिल ईस्ट तक हर जगह मिसाइलों की बरसात देखी गई. यही संकेत है कि भविष्य का युद्ध ‘नॉन-कॉन्टैक्ट’ होगा. भारत ने इसी हकीकत को समझते हुए Integrated Rocket Force (IRF) बनाने की शुरुआत की है. यह कदम सिर्फ एक सुधार नहीं, बल्कि चीन और पाकिस्तान को सीधा संदेश है कि अब भारत किसी भी मोर्चे पर पीछे नहीं हटेगा.

परमाणु हथियारों से आगे की सोच

पिछली सदी में परमाणु हथियारों ने ही दुश्मनों को रोकने का काम किया. MAD यानी Mutually Assured Destruction का सिद्धांत दशकों तक काम आया. लेकिन आज हालात अलग हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध, ताइवान पर चीन का दबाव, ईरान-इजरायल टकराव और दक्षिण एशिया में पाकिस्तान-चीन की जुगलबंदी… इन सबने साबित किया कि केवल परमाणु हथियारों के भरोसे नहीं रहा जा सकता. भारत की मुश्किल यह है कि हमारे दोनों पड़ोसी परमाणु ताकत हैं. पाकिस्तान की नीति भारत के खिलाफ पहले परमाणु इस्तेमाल की है. चीन भी पारंपरिक और परमाणु दोनों ही मोर्चों पर हमसे आगे है. ऐसे में भारत को मजबूत ‘कन्वेंशनल डिटरेंस’ यानी पारंपरिक रोकथाम क्षमता चाहिए.

भारत का Integrated Rocket Force

यही वजह है कि भारत ने Integrated Rocket Force (IRF) गठित करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. इसका मकसद सीमित जंग में तेज, सटीक और विनाशकारी वार करना है. भारी टैंक या लगातार एयर स्ट्राइक की जगह रॉकेट फोर्स दुश्मन के ठिकानों पर कुछ ही मिनटों में निशाना साध सकती है. IRF सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर सीमा पर जवाबी हमले तक हर स्थिति में काम आएगी.

साल 2023 में सरकार ने 120 ‘प्रलय’ मिसाइलें खरीदने को मंजूरी दी. आगे चलकर 250 से ज्यादा और मिसाइलें जुड़ेंगी. ‘प्रलय’ की मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर है. यानी यह लोकल कॉन्फ्लिक्ट में गेम चेंजर साबित हो सकती है. इसके साथ भविष्य में ब्रह्मोस, निर्भय और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें भी शामिल होंगी.

क्यों जरूरी है IRF?

भारत के सामने दोहरी चुनौती है. पाकिस्तान हमारी पारंपरिक ताकत को रोकने के लिए परमाणु हथियारों का डर दिखाता है. वहीं चीन लगातार LAC पर दबाव बना रहा है. गलवान और डोकलाम की घटनाएं इसका सबूत हैं. भारत को ऐसी क्षमता चाहिए, जो पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल और चीन की पारंपरिक बढ़त दोनों का जवाब दे सके. IRF यही काम करेगा. यह दुश्मन को ‘डिटरेंस बाय डिनायल’ देगा. मतलब दुश्मन को यकीन होगा कि भारत उसकी चाल को शुरू होने से पहले ही तोड़ देगा.

चीन-पाक की चाल और भारत का जवाब

पाकिस्तान ने हाल ही में Army Rocket Force Command बनाने का ऐलान किया है, जो चीन की PLA Rocket Force पर आधारित होगी. चीन की PLARF परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों का मिश्रण है. वहां नागरिक नियंत्रण लगभग न के बराबर है, सब कुछ सेना के हाथ में है. यही वजह है कि चीन अपने दुश्मनों को भ्रमित रखता है, कौन सा लॉन्च परमाणु है और कौन सा पारंपरिक.

भारत इस मॉडल को नहीं अपनाएगा. हमारे यहां परमाणु हथियारों पर नागरिक संस्थाओं का नियंत्रण है. भारत की नीति साफ है- No First Use यानी पहले परमाणु हथियार नहीं चलाए जाएंगे. यही भारत को जिम्मेदार शक्ति साबित करता है. IRF पूरी तरह पारंपरिक क्षमता बढ़ाने पर फोकस करेगा.

क्या करेगी इंटीग्रेटेड रॉकेट फोर्स?

IRF की शुरुआती तैनाती LAC पर होगी, ताकि चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला किया जा सके. आगे चलकर इसका दायरा LOC और पाकिस्तान मोर्चे तक बढ़ेगा. साथ ही Andaman और Nicobar Command में भी इसकी अहम भूमिका होगी, जहां से भारत हिंद महासागर में चीन को रोक सकता है.

लेकिन एक बड़ी चुनौती है कमांड और कंट्रोल. IRF की कई मिसाइलें अभी सेना और वायुसेना के पास हैं. सवाल यह है कि ऑपरेशनल कंट्रोल किसके पास होगा. अगर यह विवाद सुलझ गया तो IRF और भी असरदार हो जाएगा.

Deepak Verma

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 20, 2025, 04:56 IST

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